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सवालों में मैंगलोर एयरपोर्ट, पालयट और एयर इंडिया

२३ मई २०१०

मैंगलोर हादसे को लेकर भारत के नागरिक उड्डन मंत्रालय पर बरसे विशेषज्ञ. कई विशेषज्ञों और पूर्व अधिकारियों ने कहा, मैंगलोर एयरपोर्ट का रनवे हर समय हादसे को दावत देता है. प्रफुल्ल पटेल ने इन दावों का खंडन किया है.

तस्वीर: AP

विमान क्षेत्र के विशेषज्ञों के मुताबिक मैंगलोर का बाजपे एयरपोर्ट का रनवे इतना छोटा है कि अगर विमान थोड़ा भी आगे उतरे और मुश्किल होनी तय है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि आदर्श परिस्थियों में रनवे की लंबाई कम से कम 9,000 फुट होनी चाहिए. रनवे के बाद एक हज़ार फुट की अतिरिक्त सुरक्षित जगह होनी चाहिए ताकि विमान को काबू में किया जा सके.

लेकिन पहाड़ी की चोटी पर बना बाजपे एयरपोर्ट का रनवे करीब 8,000 फुट का है. डीजीसीए के पूर्व अधिकारियों का कहना है कि इतने छोटे रन में अगर लैंडिंग के वक्त विमान आगे निकला तो गलती सुधारने की कोई गुंजाइश नहीं है.

भारत के नागरिक उड्डन मंत्री प्रफुल्ल पटेल एयरपोर्ट और रनवे में कमी के दावों को खारिज किया है. पटेल के मुताबि 2006 से चल रहे इस एयरपोर्ट पर ऐसी शिकायतें या हादसे पहले कभी नहीं हुए. उन्होंने कहा कि रनवे के बाद 900 मीटर तक रेत भी बिछाई गई थी. नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने अपने बयान में कहा है कि, ''विमान टचडाउन प्वाइंट से थोड़ा सा आगे उतरा.''

अभी तक यह भी साफ नहीं हुआ है कि हादसे के वक्त विमान की कमान अनुभवी कैप्टन जेड ग्लूसिका के हाथ में थी या फर्स्ट अफसर एस एस अहूवालिया के हाथ में. पालयट से गलती होने की संभावनाओं को भी खारिज नहीं किया जा रहा है.

इस बीच भारतीय मीडिया एयर इंडिया की नीतियों की भी आलोचना कर रहा है. सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि एयर इंडिया ने साल भर पहले अपने पायलटों के लिए अधिसूचना जारी की थी और कहा था कि लैंडिंग 1.65जी से ज़्यादा नहीं होनी चाहिए. 1.65जी का मतलब है कि विमान रनवे पर लैंड करते के कुछ ही सेंकेंडों के भीतर 200 फीट प्रति मिनट से शून्य फीट प्रति मिनट पर आ जाना चाहिए. यानी रनवे पर आते ही विमान के कुछ ही पलों में ठहर जाना चाहिए. लैंडिंग की यह स्थिति अक्सर झटकेदार होती है. सूत्रों का कहना है कि एयर इंडिया ने पायलटों से कहा था कि ऐसे झटके नहीं लगने चाहिए. झटकेदार लैंडिंग होने पर पर पायलटों को एयर इंडिया सेफ्टी बोर्ड को जवाब देना होता है.

नाम न बताने की शर्त पर कुछ पायलटों ने कहा कि इन झटकों से बचने के लिए वह अक्सर विमान को रनवे पर टच प्वाइंट के कुछ आगे उतारना शुरू करते हैं, यह एक सामान्य प्रक्रिया है. अभी यह साफ नहीं है कि क्या मैंगलोर एयरपोर्ट के रनवे पर झटकेदार लैंडिंग से बचने के लिए पर्याप्त जगह है या नहीं. अपुष्ट रिपोर्टों के मुताबिक लैंडिंग के बाद विमान का एक टायर फट गया और वह काबू से बाहर हो गया.

रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह

संपादन: एस गौड़

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