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सवाल आपके, जवाब हमारे

११ फ़रवरी २०११

डॉयचे वेले हिंदी वेबसाइट पर दी गई सामग्री में यूं तो पाठकों को जर्मनी के बारे में खूब जानकारी मुहैया कराती है. लेकिन इससे कुछ सवाल भी पैदा होते हैं. पेश हैं हमारे पाठकों के कुछ सवाल और उनके जवाब भी.

तस्वीर: AP

मिस फिजा, पवन रेडियो लिस्नर्स क्लब, मुबारकपुर, आजमगढ़ से पूछती हैं कि जर्मनी में जनगणना कितने समय के बाद होती हैं?

सन 1875 से 1910 तक जर्मनी में हर पांच वर्ष में एक बार जनगणना होती थी. लेकिन विश्व युद्धों के बाद कुछ ही पूर्ण जनगणनओं का आयोजन हुआ. आखिरी बार जर्मनी में 1987 में जनगणना हुई. इसके मुताबिक 248626 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल वाले जर्मनी की जनसंख्या 61077042 थी. अनुमान है कि अब जर्मनी की जनसंख्या आठ करोड़ से ज्यादा हो गई है. वैसे जर्मनी अब 9 मई 2011 को यूरोपीय संघ जनगणना में भाग लेगा.

अनिल ताम्रकर, जिला रेडियो श्रोता संघ, कटनी, बिहार से जानना चाहते हैं कि भारत में महिलाएं आकर्षक फिट बने रखने के लिए खानपान पर विशेष ध्यान देती हैं तो जर्मन महिलाएं इसके लिए क्या तरीका अपनाती हैं?

जी हां, आपने सही कहा. फिट दिखने के लिए खान पान पर ध्यान देना जरूरी है. भारत की तरह जर्मनी में भी महिलाएं अपनी फिटनेस और खाने पीने का बहुत ख्याल रखती हैं. यहां तो लोगों को बाकायदा एक्सरसाइज की आदत होती है. स्कूलों से ही बच्चों को इस बात की आदत डाल दी जाती है. फिर जर्मन लोग सैर भी खूब करते हैं. जिम भी नियमित रूप से जाते है. पश्चिमी देशों के लोग फास्ट फूड के दीवाने हैं लेकिन सेहत की खातिर अपने खान पान की आदतों को सही करने का चलन आजकल यहां जोरों पर है. अब तो यहां शाकाहारी बनने का भी फैशन निकल पड़ा है. लोग मांस कम खाने लगे हैं.

राम कुमार नीरज, नई दिल्ली से पूछते हैं कि जर्मनी में इंटरनेट इस्तेमाल करने वालों की संख्या कितनी है?

जर्मनी में इस समय आबादी लगभग 8 करोड़ है. सन 2000 में करीब 29 फीसदी लोग इंटरनेट इस्तेमाल करते थे. अब तीन चौथाई से ज्यादा लोगों की जिंदगी इंटरनेट से जुड़ी है. ज्यादातर घरों में इंटरनेट की सुविधा है. अनुमान है कि जर्मनी में लगभग साढ़े 6 करोड़ लोग इंटरनेट इस्तेमाल करते हैं.

राम कुमार नीरज का दूसरा सवाल है कि जर्मनी में मोबाइल का घनत्व कितना है और मोबाइल नेटवर्क का सबसे बड़ा प्रोवाईडर कौन है?

जर्मनी में मोबाइल फोन काफी लोकप्रिय है. मोबाइल के अतिरिक्त लोग लैंडलाइन का भी इस्तेमाल करते हैं. जर्मनी में मोबाइल फोन सेवा देने के वाले चार प्रमुख नेटवर्क हैं: वोडाफोन, टेलेकोम, ओ2 और ईप्लुस. कई दूसरी कंपनियां भी इन नेटवर्कों के साथ मिल कर काम करती हैं.

मिस अनुभा, डीडब्ल्यू लिस्नर्स क्लब, जमशेदपुर से पूछती हैं कि जर्मन राज्य ज़ारलैंड की राजधानी कहां है और इसकी आबादी कितनी है?

तस्वीर: DW

ज़ारलैंड जर्मनी के सोलह राज्यों में से एक है. इसकी राजधानी ज़ारब्र्युकेन है. इस राज्य का क्षेत्रफल 2570 वर्ग किलोमीटर और आबादी 1047000 है. क्षेत्रफल और जनसंख्या के हिसाब से ज़ारलैंड जर्मनी में सबसे छोटे राज्यों में से गिना जाता हैं. इस जर्मन सूबे से लक्ज़मबर्ग और फ्रांस की सीमाएं जुड़ी हैं.

गुलज़ार बनो मिल्ल्त डी डब्ल्यू डी एक्स क्लब, आजमगढ़ से जानना चाहती हैं कि जर्मनी का राष्ट्रगान कौन सा है?
इस लिंक पर जाकर आप राष्ट्रगान सुन भी सकते हैं http://www.youtube.com/watch?v=zfzZdSxkzMw

Das Lied der Deutschen (German National Anthem)

जर्मनी का राष्ट्रगान

Deutschland, Deutschland ueber alles,

Ueber alles in der Welt,

Wenn es stets zu Schutz und Trutze

Bruederlich zusammenhält,

Von der Maas bis an die Memel,

Von der Etsch bis an den Belt -

Deutschland, Deutschland ueber alles,

Ueber alles in der Welt.

Deutsche Frauen, deutsche Treue,

Deutscher Wein und deutscher Sang

Sollen in der Welt behalten

Ihren alten schoenen Klang,

Uns zu edler Tat begeistern

Unser ganzes Leben lang

Deutsche Frauen, deutsche Treue,

Deutscher Wein und deutscher Sang

Einigkeit und Recht und Freiheit

fuer das deutsche Vaterland!

Danach lasst uns alle streben

Bruederlich mit Herz und Hand!

Einigkeit und Recht und Freiheit

Sind des Glueckes Unterpfand;

Blueh' im Glanze dieses Glueckes,

Bluehe, deutsches Vaterland.

Deutschland, Deutschland ueber alles,*

Und im Unglueck nun erst recht.

Nur im Unglueck kann die Liebe

Zeigen, ob sie stark und echt.

Und so soll es weiterklingen

Von Geschlechte zu Geschlecht:

Deutschland, Deutschland ueber alles,

Und im Unglueck nun erst recht.

इस राष्ट्रगान की चौथी कड़ी 1923 में जर्मनी के रूहर क्षेत्र पर फ्रेंच कब्जे के दौरान अल्बर्ट मथ्थाई ने लिखी थी. आज यह कड़ी राष्ट्रगान का हिस्सा नहीं है. 1952 से केवल तीसरी कड़ी तक ही राष्ट्रगान को आधिकारिक मान्यता दी गई है.

संकलनः विनोद चड्ढा

संपादनः ए कुमार

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