"सहवाग को हम जल्दी ही समझा देंगे"
१२ दिसम्बर २०१०![](https://static.dw.com/image/6285955_800.webp)
दक्षिण अफ्रीकी कोच कोरी वान जिल भारतीय आतिशी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग की आंच कम करने की नीति बना रहे हैं. उनका कहना है कि उनकी टीम ने सहवाग की बैटिंग को रोकने के लिए खास नीति बनाई है. भारत को दक्षिण अफ्रीका में तीन टेस्ट मैचों की सीरीज खेलनी है और दक्षिण अफ्रीकियों की सबसे बड़ी चिंता सहवाग हैं.
जिल ने अखबार अफ्रीकान्स डेली बील्ड को बताया, "हमारे पास सहवाग के निश्चित रूप से कुछ योजनाएं हैं. सहवाग को जल्दी ही समझ में आ जाएगा कि वह अपने देश की पिचों पर नहीं बल्कि दक्षिण अफ्रीका में है."
दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सहवाग का रिकॉर्ड उनकी दास्तान अपने आप कहता है. उन्होंने 12 टेस्ट मैचों में पांच शतक बनाए हैं. चेन्नई में 2008 में 304 गेंदों पर सहवाग की 319 रनों की पारी दक्षिण अफ्रीकी आज भी सिहर कर याद करते हैं. वीरेंद्र सहवाग दक्षिण अफ्रीकी गेंदबाजों पर हमेशा भारी पड़ते रहे हैं और यही बात जिल को परेशान कर रही हैं. इसीलिए वह सहवाग से निपटने पर खास तौर पर काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा, "मैं जानता हूं कि बीते समय में वह हम पर भारी पड़े हैं. लेकिन ऐसा भारत में हुआ. आप दक्षिण अफ्रीका में उनका रिकॉर्ड देखिए. यहां उन्हें गेंद फेंकना भारत के मुकाबले आसान है क्योंकि वहां तो छोटी सी गलती की सजा भी गेंदबाज को बहुत ज्यादा मिलती है."
वीरेंद्र सहवाग को हाल ही में वेस्ट इंडीज के महान क्रिकेट विवियन रिचर्ड्स ने आज के क्रिकेट का सबसे विनाशकारी बल्लेबाज बताया था. सहवाग भी जानते हैं कि इस छवि को बनाए रखना आसान नहीं है इसलिए वह दक्षिण अफ्रीका के माहौल में खुद को ढालने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं.
भारतीय कोच उनकी मेहनत देख रहे हैं औ मानते हैं कि सहवाग के बिना भारतीय टीम अधूरी है. कर्स्टन ने कहा, "अगर सहवाग 30 40 रन भी बनाते हैं तो ऐसी तेजी से बनाते हैं कि सामने वाली टीम के गेंदबाजों पर दबाव आ जाता है. इसलिए बाकी बल्लेबाजों के लिए आसान हो जाता है क्योंकि सहवाग सारा दबाव अपने ऊपर ले लेते हैं."
रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार
संपादनः एन रंजन