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सहवाग ने पूरे किए 7000 रन

४ अगस्त २०१०

भारत के तूफानी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग ने टेस्ट करियर में अपने 7000 रन पूरे कर लिए. श्रीलंका के खिलाफ तीसरे टेस्ट में उन्होंने मलिंगा की गेंद पर सिंगल चुरा कर मील का पत्थर तय किया. हालांकि सिंगल में वह आउट होते होते बचे.

तस्वीर: UNI

मौजूदा वक्त में क्रिकेट के सबसे खतरनाक बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग ने एक और पड़ाव पार किया. टेस्ट मैचों में 7000 रन और इतने सारे रनों के बीच कोई रुकावट नहीं, कोई पड़ाव नहीं. निर्बाध बल्लेबाजी और गेंदबाजों को तहस नहस कर देने की शैली जारी है. वीरेंद्र सहवाग की खूबसूरती भी यही है.

सिर्फ 78 टेस्ट मैचों में यह आंकड़ा पूरा करना कोई आसान काम नहीं. वह भी 20 शतकों की मदद से. पिछले टेस्ट में 99 रन पर आउट होने वाले सहवाग कभी भी किसी रिकॉर्ड के लिए रुके नहीं. अगर बहते तूफान के बीच कोई झंडा गड़ गया तो गड़ गया वर्ना उनकी बल्लेबाजी झोंके की तरह आती है और कब तक रहेगी यह किसी को पता नहीं. लेकिन जब तक रहती है, तब तक सिर्फ और सिर्फ उसे ही देखने का मन करता है.

31 साल के सहवाग सचिन तेंदुलकर के भक्त हैं और उनकी बल्लेबाजी में कहीं न कहीं उनकी झलक भी दिखती है. उनके लिए यह बेहद खुशी की बात रही कि जिस वक्त उनके बल्ले से 7000वां रन निकल रहा था, सचिन उनके जोड़ीदार के रूप में दूसरी तरफ क्रीज पर थे. अगर तेंदुलकर कलात्मक बल्लेबाजी की मिसाल हैं, तो सहवाग उस उबड़ खाबड़ रास्ते पर चलते हैं, जिसका एक ही उद्देश्य रहता है, गेंदबाजों की बखिया उधेड़ देना.

क्रीज़ पर तेंदुलकर और सहवागतस्वीर: AP

सहवाग भारत की तरफ से तिहरा शतक जमाने वाले इकलौते बल्लेबाज हैं. पहला ट्रिपल सेंचुरी उन्होंने मुल्तान में छक्का मार कर पूरा किया था. दो बार तिहरा शतक जमा चुके सहवाग के पास पिछले साल तीसरा तिहरा शतक जमाने का मौका था लेकिन उन्होंने 290 रन का आंकड़ा पार करने के बाद भी उसी जिन्दादिली से बैटिंग की और आउट हो गए. उनके चाहने वालों को सहवाग का तीसरा तिहरा शतक न बनने पर जरूर मलाल हो सकता है, खुद सहवाग को नहीं. उनकी तो बल्लेबाजी ऐसी ही है.

उन्होंने 78 मैचों में 20 शतक और 21 अर्धशतक के साथ 54 रन से ज्यादा की औसत से 7000 से ज्यादा रन बनाए हैं. और इनमें 1000 से ज्यादा चौके हैं.. यानी सहवाग के 4000 से ज्यादा रन तो सिर्फ चौकों से बने हैं.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए जमाल

संपादनः एन रंजन

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