सुप्रीम कोर्ट ने संसद से कहा कि वह जनप्रतिनिधियों की अयोग्यता की मांग करने वाली याचिकाओं पर फैसले से जुड़ी स्पीकर की शक्तियों के बारे में दोबारा विचार करे क्योंकि स्पीकर खुद किसी राजनीतिक दल से आते हैं.
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सुप्रीम कोर्ट ने सांसदों और विधायकों की अयोग्यता निर्धारित करने के लिए एक स्वतंत्र प्रणाली बनाने का सुझाव दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि स्पीकर लंबे समय तक ऐसी याचिकाओं को अपने पास नहीं रख सकते. जस्टिस आरएफ नरीमन की अध्यक्षता वाली पीठ ने कांग्रेस विधायक मोहम्मद फजुर्रहीम और के मेघचंद्र से कहा कि अगर विधानसभा अध्यक्ष बीजेपी के मंत्री की अयोग्यता की मांग करने वाली याचिका पर चार हफ्ते के भीतर फैसला नहीं ले पाते हैं तो वह फिर सुप्रीम कोर्ट आ सकते हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर के वन मंत्री और बीजेपी विधायक टी श्यामकुमार सिंह को अयोग्य ठहराने की मांग करने वाली कांग्रेस नेताओं की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह बातें कहीं. सुप्रीम कोर्ट टी श्यामकुमार सिंह को दल-बदल विरोधी कानून के तहत अयोग्य घोषित करने की याचिका पर सुनवाई कर रहा था. 2017 में टी श्यामकुमार सिंह ने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीता था और बीजेपी में शामिल होने के बाद मंत्री बनाए गए थे.
कांग्रेस विधायक मोहम्मद फजुर्रहीम और के मेघचंद्र ने कोर्ट के फैसले पर खुशी जाहिर की है. मेघचंद्र ने फैसले के बाद राजधानी इम्फाल में पत्रकारों से बातचीत में कहा, "यह हमारी जीत है. शीर्ष अदालत का यह फैसला और केंद्र को दिया गया सुझाव लागू होने की स्थिति में विधायकों की खरीद-फरोख्त पर अंकुश लगाने में असरदार साबित हो सकता है."
वहीं मोहम्मद फजुर्रहीम ने इस पर खुशी जताते हुए कहते हैं, "गेंद अब विधानसभा अध्यक्ष के पाले में है. बीजेपी के मंत्री को अयोग्य ठहराने की हमारी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से ऐसे कई मामलों को निपटाने में सहूलियत होगी."
जन प्रतिनिधि सभाओं का आजकल के शासन में अहम स्थान है. कहीं इन्हें लोकतंत्र के मंदिर कहा जाता है तो कहीं इनके अधिकार खतरे में हैं.
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चीन
चीन की राष्ट्रीय पीपुल्स कांग्रेस दुनिया की सबसे बड़ी और सबसे कमजोर संसद है. इसके करीब 3000 सदस्य हैं. हर पांच साल पर इसका चुनाव होता है. एक सदन वाली चीनी संसद को कानून बनाने, सरकार की गतिविधियों की निगरानी और प्रमुख अधिकारियों के चुनाव का अधिकार है. लेकिन असल में सारे फैसले देश कम्युनिस्ट पार्टी लेती है, जिसका चीन में एकछत्र राज है.
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जर्मनी
जर्मन संसद बुंडेसटाग की 598 सीटों में आधे का चुनाव देश भर में बंटे चुनाव क्षेत्रों में होता है जबकि बाकी को पार्टियों को मिले मतों के अनुपात में बांटा जाता है ताकि उनकी सीटें वोट के अनुपात में हों. संसद में प्रतिनिधित्व पाने के लिए वोटों की न्यूनतम सीमा 5 प्रतिशत है. सरकार के मुकाबले संसद की ताकत में लगातार इजाफा हो रहा है.
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ब्रिटेन
ब्रिटेन की संसद दो सदनों वाली है. हाउस ऑफ लॉर्ड्स और हाउस ऑफ कॉमंस. 650 सदस्यों वाले हाउस ऑफ कॉमंस का चुनाव हर पांच साल पर होता है. संसद के दूसरे सदन हाउस ऑफ लॉर्ड्स में 804 सदस्य हैं जो लॉर्ड टेम्पोरल और लॉर्ड स्पीरिचुअल में बंटे हैं.
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अमेरिका
कांग्रेस के नाम से जानी जाने वाली अमेरिकी संसद के भी दो सदन हैं. उपरी सदन सीनेट के 100 सदस्य हैं, जिनका कार्यकाल छह साल का होता है. हर राज्य से दो सदस्य चुने जाते हैं. निचले सदन हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव के 435 सदस्यों का चुनाव दो साल पर होता है.
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फ्रांस
फ्रांस की संसद के दो सदनों का नाम सीनेट और नेशनल एसेंबली है. सीनेट की 348 और नेशनल एसेंबली की 577 सीटें हैं. फ्रांस में राष्ट्रपति प्रधानमंत्री और मंत्रियों को नियुक्त करता है और उस पर कोई दबाव नहीं है कि ये अधिकारी संसद में बहुमत की पार्टी के हों. नेशनल एसेंबली अविश्वस प्रस्ताव पास कर सरकार को गिरा जरूर सकती है.
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भारत
ब्रिटेन की गुलामी में रहे भारत की संसद भी ब्रिटेन की संसद के नमूने पर बनी है, लेकिन यहां सम्राट के बदले राष्ट्रपति राज्य प्रमुख हैं. निचले सदन लोक सभा के 542 सदस्यों का चुनाव पांच साल के लिए सीधे निर्वाचन से होता है, जबकि उपरी सदन राज्य सभा के सदस्यों का चुनाव प्रांतीय विधान सभाओं के द्वारा छह साल के लिए होता है.
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पाकिस्तान
दो सदनों वाली पाकिस्तान संसद में ऊपरी सदन का नाम सीनेट और निचले सदन क नाम नेशनल एसेंबली है. नेशनल एसेंबली के 342 सदस्यों का चुनाव पांच साल के लिए वयस्क मतदान के आधार पर होता है. 60 सीटें महिलाओं के लिए और 10 सीटें धार्मिक अल्पसंख्यकों के लिए सुरक्षित हैं. सीनेट के सदस्य छह साल के लिए चुने जाते हैं.
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बांग्लादेश
बांग्लादेश की संसद का नाम जातीयो संसद है. 350 सदस्यों वाली संसद का कार्यकाल 5 वर्षों का है और 50 सीटें महिलाओं के लिए सुरक्षित हैं, जिनकी नियुक्ति पार्टी द्वारा जीती गई सीटों पर होती है. बांग्लादेश में संसद में बहुमत दल का नेता प्रधानमंत्री बनता है और संसद ही राष्ट्रपति का चुनाव करती है.
नेपाल की वर्तमान संसद देश की दूसरी संविधान सभा है. देश के 2015 के संविधान के अनुसार नेपाली संसद के दो सदन हैं, निचला सदन प्रतिनिधि सभा है जिसके 275 सदस्यों का चुनाव सीधे मतदान से होता है. ऊपरी सदन राष्ट्रीय सभा के 59 सदस्य छह साल के लिए चुने जाते हैं.
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कनाडा
उत्तरी अमेरिका में बसे कनाडा की संसद के भी दो सदन हैं. निचले सदन के 338 सदस्य चुनाव क्षेत्रों में सीधे मतदान से चुने जाते हैं. उपरी सदन सीनेट के 105 सदस्यों की नियुक्ति प्रधानमंत्री की सलाह पर देश के गवर्नर जनरल एक एक को बुलाकर करते हैं. संसदीय कार्रवाई लगभग ब्रिटेन जैसी है.
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रूस
रूस की 616 सदस्यों वाली संसद के दो सदन हैं. निचले सदन का नाम स्टेट डूमा है और उसके 450 सदस्यों में आधा निर्वाचन क्षेत्रों से चुना जाता है और आधा पार्टी को मिले वोटों के आधार पर. संसद के ऊपरी सदन संघीय परिषद के लिए रूस की सभी 85 संघीय इकाईयां दो दो सदस्य भेजती हैं.
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तुर्की
तुर्की की संसद का नाम 'ग्रैंड नेशनल एसेंबली ऑफ टर्की' है, लेकिन उसे मजलिस के नाम से पुकारा जाता है. 550 सदस्यों वाली संसद का चुनाव पार्टी सूची के आधार पर आनुपातिक पद्धति से होता है. संसद में पहुंचने के लिए पार्टियों को कम से कम 10 प्रतिशत मत पाना जरूरी है. संविधान में संशोधन के जरिये संसद के अधिकारों में भारी कटौती का प्रस्ताव है.
तस्वीर: picture-alliance/AP/dpa/B. Ozbilici
यूरोपीय संसद
751 सदस्यों वाली यूरोपीय संसद यूरोपीय संघ की सीधे निर्वाचित संस्था है. यूरोपीय आयोग और यूरोपीय संघ की परिषद के साथ मिलकर वह यूरोपीय संघ की विधायिका वाली जिम्मेदारी को पूरा करती है. भारत के बाद यह दूसरी सबसे ज्यादा लोकतांत्रिक मतदाताओं की प्रतिनिधि सभा है.
वरिष्ठ पत्रकार आशीष गुप्ता कहते हैं, "सोमनाथ चटर्जी जैसे स्पीकर बहुत कम होते हैं जो पार्टी का निर्देश नहीं मानते हैं और पार्टी से ऊपर उठकर काम करते हैं लेकिन ज्यादातर स्पीकरों के ऊपर पार्टी का बहुत का प्रभाव रहता है इसलिए कुछ मामलों में जरूर सवाल उठते हैं." कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है और कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के सुझाव पर संसद को विचार करना चाहिए.
लोकसभा में कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी कहते हैं, "सुप्रीम कोर्ट ने बिलकुल सही बात कहा है. इस सुझाव पर जरूर विचार होना चाहिए. कुछ विधानसभाओं में स्पीकर के फैसलों को लेकर सवाल उठ चुके हैं. हम निजी तौर पर यह मानते हैं कि अयोग्य ठहराने का फैसला स्वतंत्र प्रणाली को देना चाहिए."
दूसरी ओर सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे भी अयोग्य ठहराए जाने की याचिकाओं के निपटारे के लिए एक स्वतंत्र व्यवस्था के सुप्रीम कोर्ट के सुझाव का स्वागत करते हैं. वह कहते हैं, "यह स्वागत योग्य फैसला है. शायद इस फैसले से स्पीकर द्वारा शक्तियों के दुरुपयोग के मामले खत्म हो जाएंगे जिसमें स्पीकर अयोग्यता पर त्वरित फैसले नहीं लेते है." साथ ही दवे कहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट का सुझाव मानने के लिए संसद बाध्य नहीं है लेकिन यह सुझाव सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंच ने दिया है और संसद सदस्यों को इस पर विचार करना चाहिए.
उनके मुताबिक, "यह किसी राजनीतिक दल से जुड़ा मामला नहीं है लेकिन यह स्पीकर की शक्तियों, उसके दुरुपयोग और अयोग्यता पर कार्रवाई नहीं करने या फिर उसमें देरी करने से जुड़ा मामला है जिस पर संसद को विचार करना चाहिए. अब सरकार इस पर कोई कदम उठाएगी या नहीं करेगी, यह फैसला तो सरकार को ही करना है."
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चिली
चिली की दो राजधानियां हैं सैंटिएगो और वालपारएजो. सैंटिएगो आधिकारिक राजधानी है जबकि वालपारएजो में नेशनल कांग्रेस है.
तस्वीर: DW
जॉर्जिया
सरकारी कामकाज को बांटने के लिए जॉर्जिया की दो राजधानियां हैं. तबिलसी आधिकारिक राजधानी है और कुतैसी कार्यपालिका का केंद्र है.
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श्रीलंका
देश की राजधानी तो कोलंबो है लेकिन भीड़भाड़ के चलते 1977 में नए शहर की तलाश हुई. 1982 में संसद को श्री जयवर्धनपुरा ले जाया गया और अब यही कार्यपालिका का केंद्र है.
तस्वीर: Getty Images/AFP/L. Wanniarach
हॉन्डुरस
1880 में तेगुचिगालपा को हॉन्डुरस की राजधानी बनाया गया. लेकिन 1982 में संविधान में बदलाव हुआ तो कोमायाग्युएला को भी राजधानी का दर्जा मिल गया.
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बोलीविया
1899 में क्रांति होने के बाद ला पाज से सरकार चलने लगी जबकि आधिकारिक राजधानी सुक्र है.
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नीदरलैंड्स
ऐम्सटर्डम तो 1814 से देश की राजधानी है लेकिन सारा कामकाज द हेग से ही होता रहा है.
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आइवरी कोस्ट
अबिजान तो इस अफ्रीकी देश की चर्चित राजधानी 1933 से है लेकिन 1960 से 1993 तक देश के राष्ट्रपति रहे फेलिक्स होफोएट-बायोजनी ने अपने गृहनगर यामुशोकरो को भी राजधानी बना दिया.
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मलेशिया
राजधानी कुआलालंपुर में भीड़ इतनी ज्यादा बढ़ गई थी कि सरकार को कामकाज में दिक्कत होने लगी थी. तो 1995 में कामकाज के लिए नया शहर बसाया गया. 1999 से कामकाज के लिए पुत्राज्या राजधानी है.
तस्वीर: Getty Images/AFP/M. Vatsyayana
बेनिन
पश्चिम अफ्रीकी देश बेनिन में दो राजधानियां हैं. पोर्ट-नोवो आधिकारिक राजधानी है लेकिन सरकारी कामकाज कोटोनोऊ से होता है.
तस्वीर: DW/S. C. Zounyekpe
मोंटेनेग्रो
यहां की आधिकारिक राजधानी है पोडगॉर्सिया, जहां से सारे काम होते हैं. लेकिन सेटिन्ये शहर को देश की ऐतिहासिक राजधानी होने का गौरव हासिल है.
तस्वीर: DW/A.Bogavac
दक्षिण अफ्रीका
1910 में देश का एकीकरण हुआ. कई राज्य शामिल हुए लेकिन राजधानी पर सहमति नहीं बन पाई. तो यह समझौता हुआ कि केप टाउन, ऑरेंज रिवर कॉलोनी और ट्रांसवाल तीनों को राजधानी बना दिया जाए.