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साइना को किस्मत का कांसा

४ अगस्त २०१२

भारत की साइना नेहवाल को ओलंपिक में बैडमिंटन का कांस्य पदक मिल गया. तीसरे स्थान के मैच में वह पिछड़ रही थीं पर मुकाबिल खिलाड़ी चोट की वजह से बाहर हो गईं और भाग्य के भरोसे कांसे का पदक साइना को मिला. भारत के कुल तीन मेडल.

तस्वीर: AP

सेमीफाइनल मुकाबले में जहां नेहवाल को दुनिया की पहले नंबर की बैडमिंटन खिलाड़ी से भिड़ना पड़ा, वहीं तीसरे स्थान के लिए दूसरी नंबर की खिलाड़ी वांग जिन से. वांग मैच शुरू होने के बाद ही अपने घुटने की चोट से परेशान नजर आईं लेकिन उन्होंने शानदार खेल भी दिखाया.

दूनिया की पांचवें नंबर की खिलाड़ी भारत की साइना नेहवाल वांग के इस हालत में होने के बाद भी उन पर काबू नहीं कर पा रही थीं. लगातार अंक बटोरते हुए जब पहले गेम का स्कोर वांग के पक्ष में 20-18 हुआ, तो अचानक वह दर्द से कराहते हुए गिर पड़ीं. इसके बाद डॉक्टरों को बुलाना पड़ा. इलाज के बाद वांग ने फिर हिम्मत दिखाई और अगला अंक बटोर कर तीन गेम के मैच का पहला गेम अपने नाम कर लिया.

दूसरा गेम शुरू हुआ और पहला अंक फिर से वांग के नाम हुआ. लेकिन तब तक दर्द इस कदर बढ़ चुका था कि वांग खुद को कोर्ट में नहीं रोक पाईं. उन्होंने अपना नाम वापस ले लिया और मुकाबला साइना के नाम हो गया. इस कांस्य पदक के साथ ही भारत ने पहली बार ओलंपिक में बैडमिंटन का कोई पदक जीत लिया. इससे पहले साइना ने वांग के खिलाफ छह मैच खेले थे, जिनमें से उन्हें सिर्फ दो बार कामयाबी मिली थी.

तस्वीर: picture alliance / dpa

22 साल की साइना नेहवाल को भले ही किस्मत के भरोसे कांस्य पदक मिला हो लेकिन लंदन ओलंपिक के दौरान उन्होंने बेहतरीन प्रदर्शन किया. क्वार्टर फाइनल तक के मैच में उन्होंने एक गेम भी नहीं गंवाया और आखिरी चार में जगह बना ली. वहां उनका मुकबला दुनिया की पहली नंबर की टेनिस खिलाड़ी वांग इहान से हुआ. साइना इहान के खिलाफ कभी भी जीत नहीं दर्ज कर पाई हैं. सेमीफाइनल में भी उन्हें हार का सामना करना पड़ा.

हालांकि वह सेमीफाइनल तक पहुंच कर भी खुश हैं. भारत के सबसे बड़े खेल सम्मान राजीव गांधी खेल रत्न से सम्मानित हो चुकीं साइना का कहना है कि सेमीफाइनल तक पहुंचना उनका सपना था. कांस्य पदक जीतने के बाद उनके कोच पुलेला गोपीचंद ने कहा, "जिस तरह से साइना को पदक मिला, उन्हें बहुत अच्छा तो नहीं लगा लेकिन साइना इस बार बहुत अच्छा खेल रही थीं." गोपीचंद कहते हैं कि "ओलंपिक का मेडल को ओलंपिक का मेडल ही होता है."

साइना नेहवाल के इस पदक के साथ ही लंदन ओलंपिक में भारत के पदकों की संख्या तीन पहुंच गई है, हालांकि इनमें दो कांस्य पदक हैं. भारत को अब तक कोई स्वर्ण पदक नहीं मिल पाया है. साइना से पहले भारत के निशानेबाजों विजय कुमार और गगन नारंग ने लंदन ओलंपिक में भारत के लिए पदक जीते हैं.

एजेए/एनआर (एएफपी, रॉयटर्स)

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