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साइबर युद्ध को तैयार रहे भारतः कलाम

७ अक्टूबर २०१०

भारत के पूर्व राष्ट्रपति और प्रमुख वैज्ञानिक एपीजे अब्दुल कलाम ने पड़ोसी मुल्कों की परमाणु और साइबर ताकत से खबरदार किया है. उन्होंने सुरक्षा तंत्र से 2020 तक पूरी मुकम्मल तैयारी करने की अपील की.

एपीजे अब्दुल कलामतस्वीर: UNI

भारत के मिसाइल मैन कहे जाने वाले कलाम ने जोर देकर कहा कि युद्धक तैयारियां सिर्फ जंग के लिए नहीं, बल्कि शांति के लिए भी होती है. उन्होंने कहा कि भारत को ऐसे सैनिक कमांड की जरूरत है, जो पूरी तरह से भ्रष्टाचार से मुक्त हो.

80 साल के कलाम ने कहा, "हमारे राष्ट्र के आस पास, कई ऐसे देश हैं, जिनसे परमाणु युद्ध का खतरा है. अत्याधुनिक सॉफ्टवेयर से लैस कंप्यूटरों से खतरा है. वे तो ज्यादा शक्तिशाली हैं, जो प्रकाश की गति से काम कर सकते हैं. ये किसी भी देश की आर्थिक क्षमता को नेस्तनाबूद कर सकते हैं."

पूर्व राष्ट्रपति ने सुझाव दिया, "भारत को चार क्षेत्रों में आगे बढ़ने की जरूरत है. हमें 2020 तक इन बातों पर खास ध्यान देना होगा. अंतरिक्ष स्थित निगरानी, खुफिया तंत्र, रक्षा, हथियार और रणनीतिक साझेदारी." हालांकि उन्होंने भारत के किसी पड़ोसी मुल्क का नाम नहीं लिया, जिससे भारत को साइबर या परमाणु हमले का खतरा हो.

तस्वीर: WCG

कलाम ने कहा कि भारत को एंटी बैलिस्टिक मिसाइल पर ज्यादा काम करने की जरूरत है. इसके अलावा निगरानी रखने वाले ऐसे जंगी विमान चाहिए, जो दूर तक मार कर सकते हों, अंतर महाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल चाहिए, जो 5000 किलोमीटर की दूरी तक मार कर सके.

भारत सरकार के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार रह चुके कलाम का कहना है कि भारत को पड़ोसी देशों के साथ प्रमुख सामरिक रणनीतिक साझेदारी बनानी चाहिए और संवेदनशील जगहों पर तैनाती करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि जीवन को आसान बनाने वाले अत्याधुनिक यंत्र अगर गलत हाथों में पड़ जाएं, तो खतरनाक भी साबित हो सकते हैं. कलाम का कहना है कि सिर्फ तकनीक ही क्यों, सोशल नेटवर्किंग भी.

भारत के सबसे लोकप्रिय राष्ट्रपति कहे जाने वाले कलाम का कहना है कि तेजी से आगे बढ़ रही युद्घ प्रणाली को पूरी तरह इलेक्ट्रॉनिक तरीके से नियंत्रित करने वाला बनाया जा सके. उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में सैनिकों को बहुत कुछ जानना होगा.

उन्होंने साइबर युग के बारे में कहा कि अगर कोई देश युद्ध की स्थिति में फंसता है, तो साइबर हमले से उसकी अर्थव्यवस्था के पतन का खतरा बढ़ गया है. उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में युद्ध के साथ ही साइबर युद्ध भी जुड़े होंगे.

रिपोर्टः पीटीआई/ए जमाल

संपादनः आभा एम

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