साथी ढूंढ ढूंढ कर होती है उम्र कम
११ अगस्त २०१०हाल ही में किए गए एक शोध के अनुसार मन मुताबिक साथी की तलाश में जी तोड़ मेहनत करने वाले पुरुष उन लोगों की तुलना में कम जीते हैं जिन्हें घर बैठे हमसफर मिल जाते हैं.
हार्वर्ड मेडिकल स्कूल की रिपोर्ट के मुताबिक साथी की मशक्कतभरी तलाश से उम्र तीन महीने तक कम हो सकती है.खासकर लैंगिक असमानता वाले समाज में जहां महिलाएं कम हों, यह स्थिति ज्यादा देखने को मिलती है.
दिलचस्प बात यह है कि लिंगानुपात से जुडी़ यह प्रवृत्ति जानवरों में भी पाई जाती है. हालांकि मनुष्यों पर भी ये बात लागू होने का खुलासा करने वाला यह पहला शोध है.
शोधकर्ता प्रो. निकोलस क्रिस्टकिस बताते हैं कि साथी की तलाश में ज्यादा मुसीबतों का सामना करने से पुरुषों की उम्र औसतन तीन महीने तक कम हो जाती है.
लिंगानुपात में असमानता ज्यादा होने पर मर्दों के लिए उम्र का जोखिम और भी ज्यादा बढ़ जाता है. उन्होंने कहा कि मुनासिब साथी के एवज में तीन महीना उम्र कम करना कोई बडी़ कीमत नहीं है लेकिन 65 साल की उम्र के बाद जीने के लिए मिला हर दिन काफी कीमती हो जाता है.
रिपोर्टः एजेंसियां/निर्मल
संपादनः आभा एम