1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

सानिया और सोमदेव स्वर्ण के समीप

२२ नवम्बर २०१०

एशियाई खेलों में टेनिस के सिंगल्स मुकाबलों में तो भारत की सानिया मिर्जा को कांस्य पदक से ही संतोष करना पड़ा लेकिन डबल्स स्पर्धा में उन्होंने और सोमदेव देववर्मन ने स्वर्ण पदक की उम्मीदों को जीवित रखा है.

सिंगल्स में मिला बस कांस्यतस्वीर: AP

सिंगल्स मुकाबलों में सानिया से बहुत उम्मीदें लगाई जा रही थीं लेकिन वह सेमीफाइनल में उज्बेकिस्तान की अकगुल अमानमुरादोवा से 7-6(7), 3-6, 4-6 से हार गईं. लेकिन इसकी भरपाई डबल्स में करते हुए सानिया विष्णु वर्धन के साथ फाइनल में पहुंच गईं. भारतीय जोड़ी ने तमारीन तानासुगार्न और सनचाई रातीवाता की थाई जोड़ी को 6-3, 6-7 (3), 10-5 से हराया.

2006 के दोहा एशियाड में सानिया ने लिएंडर पेस के साथ मिल कर डबल्स का स्वर्ण पदक जीता था जबकि सिंगल्स मुकाबले में उन्हें रजत पदक मिला था. पेस लंदन में वर्ल्ड टूर फाइनल्स की वजह से एशियाई खेलों में हिस्सा नहीं ले रहे हैं.

सोमदेव देववर्मनतस्वीर: AP

उधर पुरूषों के मुकाबलों में सोमदेव देववर्मन ने चीन के चांग को त्से को 6-4 6-4 से हरा कर सिंगल्स के सेमीफाइनल में जगह बना ली है. इस तरह उनका कांस्य पदक को पक्का माना जा सकता है. हालांकि सोमदेव अपने साथी सनम सिंह के साथ पुरूषों के डबल्स मुकाबलों के फाइनल में भी पहुंच गए हैं. छठी वरीयता प्राप्त भारतीय इस जोड़ी ने कोरिया के चाए छो सूंग और किम ह्युंग चून की जोड़ी को हराया.

उधर भारत के करन रस्तोगी पुरूषों के सिंगल्स मुकालबों के क्वॉर्टरफाइनल में सर्वोच्च वरीयता प्राप्त उज्बेकिस्तान के डेनिस इस्तोमिन से 2-6, 6-4, 5-7 से हार कर पदक से चूक गए.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः एमजी

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी

और रिपोर्टें देखें
डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी को स्किप करें

डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी

डीडब्ल्यू की और रिपोर्टें को स्किप करें