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सार्क से लेकर जी7 तक सभी सम्मेलन ऑनलाइन

१६ मार्च २०२०

सार्क देशों के प्रमुखों के साथ हुई ऑनलाइन बैठक में कोरोना से निपटने के उपायों पर बात हुई. उधर अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप भी जी7 देशों का विशेष कोरोना सम्मेलन वीडियो कॅान्फ्रेंसिंग के जरिए ही करने जा रहे हैं.

Symbolbild Webcam
तस्वीर: picture alliance/dpa

सोमवार को जी7 देशों के सदस्यों के साथ अमेरिकी राष्ट्रपति डानल्ड ट्रंप कोरोना पर विशेष सम्मेलन करने वाले हैं. "समन्वित कार्रवाई" पर चर्चा करने वाली यह बैठक पूरी तरह से टेलीकॉन्फ्रेन्सिंग के माध्यम से होगी. जी7 में शामिल औद्योगिक देशों कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, ब्रिटेन और अमेरिका की अध्यक्षता इस समय अमेरिका के पास है. दिसंबर 2019 में शुरु हुए कोरोना वायरस के संक्रमण से अब तक विश्व भर में 1,70,000 लोग प्रभावित हुए हैं जिसमें से 6,526 की जान जा चुकी है.

सऊदी प्रिंस ने कहा है कि जी20 सम्मेलन में भी कोरोना से निपटने के उपायों को लेकर नीतियां बनाने पर ही चर्चा होगी. प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने सऊदी की सरकारी समाचार एजेंसी को बताया कि ऐसे तरीके निकालने की कोशिश होगी जिससे आर्थिक बोझ को कम से कम रखा जा सके. अगले जी20 सम्मेलन के मेजबान देश सऊदी अरब के एजेंडा में कोरोना वायरस की दवाइयाँ विकसित करने में निवेश को शामिल करने के बारे में प्रिंस सलमान ने ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जानसन से फोन पर बातचीत की.

जी20 सम्मेलन में विश्व की सभी बड़ी अर्थव्यवस्थाओं वाले देशों के प्रतिनिधि साल में एक बार एक जगह जुटते हैं. इसी तरह, दक्षिण एशियाई देशों के समूह सार्क के नेताओं के भारत की शुरुआत पर रविवार को एक साथ आकर कोविड-19 पर चर्चा की.

2014 के बाद ऐसा पहली बार हुआ कि सभी नेता इकट्ठे होकर किसी आकस्मिक समस्या का सामना करने के उपायों पर चर्चा करें. भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मौके पर ऐसे कई प्रस्ताव पेश किए जिन्हें लेकर सहमति बनी. जैसे कि वीडियो कॉन्फ्रेंस पर भारत ने कोविड-19 के लिए एक इमरजेंसी फंड बनाने और उसमें अपनी ओर से एक करोड़ डॉलर का योगदान देने की बात रखी. विचार है कि इस फंड का इस्तेमाल कोई भी सार्क देश बीमारी से निपटने में कर सकेगा.

सार्क में शामिल आठ देशों - अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, भारत, मालदीव, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका - में विश्व की आबादी का पांचवां हिस्सा रहता है. स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि इन देशों में तो अभी कोविड-19 के फैलने की शुरुआत भर हुई है और आगे स्थिति काफी गंभीर हो सकती है. भारत ने पहले ही बाहर से आने वालों के ज्यादातर वीजा रद्द कर दिए हैं और कई पड़ोसी देशों के साथ लगी अपनी सीमाओं को भी बंद कर दिया है.

आरपी/आईबी (रॉयटर्स, डीपीए, एपी)

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