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सिकुड़ती अमेरिकी अर्थव्यवस्था

वॉशिंगटन से गुलशन मधुर ३१ अक्टूबर २००८

गुरुवार को अमेरिकी शेयर बाज़ार का प्रमुख औद्योगिक सूचकांक डाओ जोन्स लगभग 190 डॉलर की बढ़त पर बंद हुआ. यह वृद्धि सोमवार की 889 अंकों की तात्कालिक बढ़ोतरी जैसी विशाल न सही, लेकिन अनिश्चितता के मुक़ाबले वह अधिक आश्वासनकारी थी.

अमेरिकी अर्थव्यवस्था धीमीतस्वीर: AP

निवेशक गुरुवार को कम चिंतित जान पड़े. यह इस बात का संकेत कि बाज़ार में एक हद तक स्थिरता लौटी है. निवेशकों की गतिविधि, दो प्रमुख घटनाओं पर आधारित थी. एक दिन पहले अमेरिका के केंद्रीय बंक ने व्याज दर में आधा प्रतिशत की कटौती की घोषणा की थी और कल अमेरिकी वाणिज्य मंत्रालय ने देश के सकल घरेलू उत्पादन की दर में गिरावट के आंकड़े जारी किए.

सकल घरेलू उत्पाद की दर घटीतस्वीर: AP

रिपोर्ट के अनुसार, इस वर्ष की तीसरी तिमाही में अमेरिका की आर्थिक गतिविधि 0.3 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से कम हुई. यह कई विशेषज्ञों के अनुमान से कम गहरी गिरावट थी, जिसने शायद निवेशकों को एक हद तक आश्वस्त किया.

लेकिन विश्लेषकों का कहना है कि इसका अर्थ बाज़ार में अनिश्चितता की समाप्ति के रूप में नहीं लगाया जाना चाहिए और कि उतार-चढ़ाव के अस्थिर हालात अगले कई महीनों तक जारी रह सकते हैं.

अनेक अर्थशास्त्री सकल घरेलू उत्पादन में लगातार तीसरी तिमाही गिरावट को, अर्थव्यवस्था के मंदी की दिशा में रवानगी के रूप में देखते हैं. व्हाइट हाउस ने स्वीकार किया है कि अर्थव्यवस्था में बड़े स्तर पर कमज़ोरी आई है. राष्ट्रपति की आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष ऐडी लज़ीअर ने कहा कि हालांकि गिरावट अनुमानों से कम थी, कुल मिलाकर अर्थव्यवस्था धीमी हुई है.

न्युयॉर्क विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्री नूरी अल रुबीनी ने कल अमेरिकी कॉंग्रेस की संयुक्त आर्थिक समिति की एक सुनवाई में कहा कि एक नए आर्थिक राहत-कार्यक्रम की आवश्यकता है, जो बैंकों और ऋण कंपनियों को सहायता के रूप में नहीं, बल्कि आम आदमी को राहत के रूप में होना चाहिए. उन्होंने कहा, "अगर हम मांग में कुल गिरावट न होने देना सुनिश्चित नहीं करते, तो बैंकों को सहारा देने के लिए उठाए गए सभी क़दम, छः महीनों के अंदर बेकार साबित हो सकते हैं."

डाओ जोन्स उपर उठातस्वीर: AP

लेकिन रुबीनी का कहना है कि यह सहायता, आम आदमी को भेजे जाने वाले राहत-चैक के रूप में नहीं, बल्कि अर्थव्यवस्था में तेज़ी लाने वाली सरकारी ख़र्च-योजनाओं की शक्ल में अंजाम दी जानी चाहिए.

हालांकि अर्थव्यवस्था में तेज़ी लाने के लिए, कॉंग्रेस में, सामान्य नागरिक के लिए एक और राहत-कार्यक्रम के लिए कोशिश जारी है, व्हाइट हाउस का विचार है कि ऐसे किसी अतिरिक्त कार्यक्रम की ज़रूरत नहीं है, जैसा कि राष्ट्रपति की आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष लज़ीयर का कहना है – यह कि. अर्थव्यवस्था में धीमेपन का कारण ऋणों का उपलब्ध न होना है. इसलिए सीधे उस कारण से निपटना ज़रूरी है. लज़ीयर ने कहा कि उस उद्देश्य के लिए स्वीकृत किया गया 700 अरब डॉलर का राहत-कार्यक्रम एक सही क़दम है.


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