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सिकुड़ रहा है जर्मनी का बीयर बाजार

२३ अप्रैल २०१३

जर्मनी में बीयर की खपत लगातार गिर रही हैं. कुल बिक्री 10 करोड़ हेक्टोलीटर से नीचे आ गई है. पिछले सालों में प्रति व्यक्ति खपत 150 लीटर से गिरकर 107 लीटर रह गई है. देश की करीब 1340 ब्रूअरी मुश्किलों का सामना कर रही हैं.

तस्वीर: Florian Sternke

7.6 अरब यूरो के टर्नओवर के साथ जर्मनी के बीयर निर्माता अभी बेहद मुश्किल में नहीं पहुंचे हैं, लेकिन उनकी हालत बहुत अच्छी नहीं है. मौजूदा क्षमता के हिसाब से जर्मन ब्रूअरियां हर साल 15 करोड़ हेक्टोलीटर बीयर का उत्पादन कर सकती हैं, लेकिन पिछले साल उत्पादन सिर्फ 9.8 करोड़ हेक्टोलीटर रहा. बीयर निर्माता सालों से कम होती बिक्री का सामना कर रहे हैं, क्योंकि जर्मनी में लोग बीयर पीनी कम कर रहे हैं. 1976 में आंकड़ों के हिसाब से हर व्यक्ति साल में 151 लीटर बीयर पीता था, इस बीच लोग अपने साल में सिर्फ 107 लीटर बीयर पी रहे हैं. और इस रुझान का अंत भी नहीं दिख रहा है.

बीयर की गिरती खपत के कारण बीयर निर्माताओं के संघ का कहना है कि जर्मनी की बहुत सी छोटी और मझौली ब्रूअरी इस मंदी को झेल नहीं पाएंगी. हर साल 60 कर्मचारियों के साथ 1,40,000 हेक्टोलीटर बीयर बनाने वाली बोखुम की मोरित्स फीगे कंपनी आर्थिक रूप से स्वस्थ कंपनियों में मानी जाती है. चौथी पीढ़ी वाले इस पारिवारिक उद्यम में 135 वर्षों से बीयर बनाई जा रही है. ब्रूअरी के मालिक हूगो फीगे कहते हैं कि हर कहीं संकेंद्रन की प्रक्रिया देखी जा सकती है. "बाजार में कीमत की जो स्थिति है वह बहुत ही मुश्किल है."

तस्वीर: Fotolia/ExQuisine

जर्मनी में प्रीमियम बीयर का उत्पादन करने वाले पांच प्रमुख उद्यम भी दबाव में हैं, हालांकि देश के बीयर बाजार का 70 प्रतिशत हिस्सा उनके कब्जे में है. उपभोक्ता तो कम बीयर पी ही रहा है, बीयर निर्माताओं पर कारोबार का भी दबाव है. सुपर मार्केट के चेनों के बीच आपसी प्रतिस्पर्धा में बीयर नियमित रूप से रियायती कीमतों पर बेचा जा रहा है. हूगो फीगे इस अवमूल्यन को भी बीयर में लोगों की कम हो रही दिलचस्पी की एक वजह मानते हैं. उनका कहना है कि यदि बीयर लगातार सेल पर बिकेगी तो इसका असर उसके आकर्षण पर भी होगा.

बंटा हुआ बाजार

हूगो फीगे की कंपनी ने इस दौड़ से अपने को अलग कर लिया है. वे कहते हैं, "इस वजह से हम आर्थिक रूप से भी उद्यम को स्वस्थ रख पाए." उनका कहना है कि लक्ष्य सिर्फ बड़े पैमाने पर माल बेचना ही नहीं है, बल्कि कायदे से बनाना और बेचना है. इसके अलावा वे इलाके के बाजार पर भी ध्यान दे रहे हैं. उनका कहना है कि रूअर का इलाका बाजार के रूप में बड़ा इलाका है, "यहां काफी लोग रहते हैं, यहां हमें आने वाले सालों में करने को बहुत कुछ है."

तस्वीर: Fiege

हर हाल में विस्तार की नीति के बदले फीगे की कंपनी इलाके के बाजार में ब्रैंडिंग पर ध्यान दे रही है. फीगे का बीयर विशेष तरह की बोतल में विशेष ढक्कन के साथ आता है. उद्यम की नीति है कि बीयर का मतलब मजा है न कि जल्दबाजी में लिया जाने वाला ड्रिंक. ब्रूअरी प्रमुख फीगे कहते हैं कि विशेष ढक्कन उपभोक्ताओं को यह संदेश देता है कि हम बीयर बनाने के हुनर पर ध्यान देते हैं. "लोग बोतल खोलते समय होने वाली आवाज को आनंद की शुरुआत का क्षण मानते हैं.

अच्छी बीयर

फीगे की ब्रूअरी दस तरह का बीयर बनाती है. अल्ट बीयर और अल्कोहल फ्री बीयर से लेकर राडलर और वाइत्सेनबीयर तक. करीब 60 प्रतिशत बीयर अभी भी पुराने तरीके से बनती है यानि लागर बीयर. लेकिन हूगो फीगे ने बाजार के विकास को नजरअंदाज नहीं किया है. काफी समय से वहां कुछ तगड़ी ब्लैक बीयर बनाई जा रही है. इसके अलावा महिला ग्राहकों की पसंद को ध्यान में रखकर एक नया ब्रांड भी विकसित किया गया है. इसके विपरीत नौजवानों के बीच लोकप्रिय और बाजार में समय समय पर आने वाले फैशनेबल बीयर-मिक्स पर फीगे का ध्यान नहीं है. हूगो फीगे का कहना है कि पवित्रता नियमों के तहत चार मूल प्रकार की बीयर सभी तरह के स्वादों के लिए पर्याप्त हैं. वे कहते हैं, "जबरन रचनात्मक होने के लिए बीयर को दूसरे ड्रिंक के साथ मिलाने की कोई जरूरत नहीं है."

अत्यंत प्रतिस्पर्धी बीयर बाजार में रूअर क्षेत्र की ब्रूअरी ठोस जमीन पर खड़ी है. मझौले आकार की यह कंपनी जर्मनी की ब्रूअरियों में चोटी की एक तिहाई कंपनियों में शामिल है. क्वालिटी का फायदा भी मिलता है, क्योंकि अच्छी बीयर बनाने और उसे बोतल तक पहुंचाने में समय लगता है. और हूगो फीगे की कंपनी में मुख्य मास्टर ब्रूअर मार्क सिंकलर यह समय लेते भी हैं, "औद्योगिक ब्रूअरी एक हप्ते का समय लेती है. हमें छह से आठ हफ्ते लगते हैं. ऐसा इसलिए है कि हम अपने बीयर को परिपक्व होने देते हैं, जिसकी वजह से वह स्वादिष्ट लगती है."

रिपोर्ट: क्लाउस डॉएजे/एमजे

संपादन: ओंकार सिंह जनौटी

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