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सितंबर में बढ़ी भारत में महंगाई

१५ अक्टूबर २०१०

भारत में महंगाई की मार जारी है. त्योहारों के सीजन में महंगाई की दर एक बार फिर और ऊपर चली गई है. सितंबर में महंगाई दर 8.62 फीसदी रही. रिजर्व बैंक फिर बढ़ा सकता है ब्याज दरें.

तस्वीर: UNI

अगस्त में महंगाई दर 8.51 फीसदी रही. एक महीने के भीतर इसमें दशमलव 11 फीसदी का उछाल आया. खाने पीने की चीजों के दाम बढ़े हैं. दो अक्टूबर को खत्म हुए हफ्ते में खाद्य पदार्थों की महंगाई की दर 16.37 फीसदी रही. फल, सब्जी और दूध जैसी जरूरी चीजें महंगाई के आसमान पर हैं.

वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने महंगाई पर चिंता व्यक्त की है. इस बार उन्होंने फिर कहा कि महंगाई को काबू में करना उनकी सबसे बड़ी चुनौती है.लेकिन आर्थिक मामलों के मुख्य सलाहकार कौशिक बसु ने साफ कर दिया है कि अभी कई महीनों तक महंगाई बनी रहेगी. उन्होंने उम्मीद जताई है कि अगले साल मार्च तक महंगाई नियंत्रण में आ जाएगी. पहले कहा जा रहा था कि इस साल सितंबर तक स्थिति सामान्य हो जाएगी.

तस्वीर: picture alliance/dpa

रिजर्व बैंक के बार बार बैंक दरों में बदलाव करने के बावजूद यह स्थिति बनी हुई है. अब कहा जा रहा है कि आरबीआई फिर से बैंक रेट बढाएगा. चंडीगढ़ में आरबीआई के गवर्नर डी सुब्बाराव ने कहा, ''हम महंगाई के आकंड़ों का अध्ययन करेंगे. अगले महीने मौद्रिक नीति की समीक्षा की जाएगी और उसमें महंगाई को भी ध्यान में रखा जाएगा.''

इस साल रिजर्व बैंक अब तक पांच बार बैंक दरें बढ़ा चुका है. लेकिन इनका असर कम ही दिखाई पड़ रहा है. अर्थशास्त्रियों का कहना है कि महंगाई को देखते हुए केंद्रीय बैंक ने एक फिर एक चौथाई फीसदी यानी 25 बेसिक प्वाइंट ब्याज दर बढ़ानी होगी. इससे व्यावसायिक बैंकों की ब्याज दर मंहगी होगी, यानी कर्ज महंगा हो सकता है और जमा पर ज्यादा ब्याज मिल सकता है.

रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह

संपादन: ए कुमार

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