जम्मू-कश्मीर में लोग अभी भी अपने घरों में कैद हैं. गलियों में सन्नाटा पसरा है. सड़कों पर सार्वजनिक वाहन नहीं चल रहे हैं. लोग अनिश्चितकालीन कर्फ्यू के बीच जिंदगी जीने की जद्दोजहद में लगे हैं.
विज्ञापन
भारत के जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा हटे हुए करीब तीन सप्ताह हो गए हैं लेकिन हालात में कोई सुधार नहीं आया है. सुरक्षाबलों द्वारा की गई घेराबंदी जारी है. स्थिति तनावपूर्ण है. राज्य के कई जगहों से विरोध-प्रदर्शन और पत्थरबाजी की भी खबरें आ रही है. जम्मू एवं कश्मीर के अनंतनाग जिले में पत्थरबाजी की घटना में एक ट्रक चालक की मौत हो गई. पुलिस ने इस मामले में दो युवकों को गिरफ्तार किया है. बिजबेहरा के रहने वाले नूर मोहम्मद डार के ट्रक को लोगों ने गलती से सुरक्षा वाहन समझ लिया और उन्हें पत्थरों से निशाना बनाया. डार को सिर में चोट लगी थी, उन्हें शेर-ए-कश्मीर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एसकेआईएमएस) श्रीनगर में भेजा गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.
कश्मीर की स्थानीय पार्टियों नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी, पीपुल्स कॉन्फ्रेंस, अवामी इतिहाद पार्टी और जेएंडके पीपुल्स मूवमेंट जैसे छोटे समूहों के नेता नजरबंद हैं. इनमें तीन पूर्व मुख्यमंत्री, एक पूर्व केंद्रीय मंत्री, लगभग सभी पूर्व राज्य मंत्री, श्रीनगर के डिप्टी मेयर और काफी संख्या में विधायक शामिल हैं. कई जगहों पर प्रखंड स्तर के नेताओं को भी हिरासत में ले लिया गया है. फोन और इंटरनेट काम नहीं कर रहे हैं. लोग अपने परिजनों का हाल तक नहीं ले पा रहे हैं. किसी भी मोहल्ले में एक साथ 10 या उससे ज्यादा लोगों के इकट्ठा होने पर रोक है.
सचिवालय से हटा जम्मू-कश्मीर राज्य का झंडा
विशेष राज्य का दर्जा समाप्त कर दिए जाने के बाद श्रीनगर स्थित सचिवालय से रविवार (25 अगस्त) को जम्मू-कश्मीर राज्य का झंडा हटा दिया गया है. हालांकि, राज्य का झंडा हटाने को लेकर किसी तरह का आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया. राज्य का विशेष झंडा जम्मू-कश्मीर के विशेष राज्य की तीन पहचानों में से एक था. अन्य दो पहचान में एक अलग संविधान और दूसरा अलग दंड प्रक्रिया संहिता थी. 5 अगस्त को विशेष राज्य का दर्जा समाप्त होने के बाद भी राज्य के झंडे को सचिवालय पर फहराया जा रहा था लेकिन इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के अनुसार प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि रविवार को राज्य का झंडा नहीं फहराया गया.
सरकार के दावे को विपक्ष ने किया खारिज
केंद्र सरकार का कहना है कि कश्मीर में स्थिति सामान्य बनी हुई है. वहीं, विपक्ष ने इसे सिरे से खारिज कर दिया है. पार्टी प्रतिनिधिमंडल को श्रीनगर जाने से रोकने के बाद कांग्रेस ने केंद्र के दावे को खारिज कर दिया. कांग्रेस ने जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्य पाल मलिक की टिप्पणी को भी खारिज कर दिया, जिन्होंने राज्य में संचार सेवाएं बंद किए जाने को लेकर केंद्र का बचाव किया था और कहा था कि इससे 'जान बचाने' में मदद मिली.
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि मलिक को जम्मू एवं कश्मीर में भारतीय जनता पार्टी का अध्यक्ष बनाया जाना चाहिए क्योंकि उनका व्यवहार और बयान बीजेपी नेता जैसा है.
दुनिया में कहां कहां अलगाववाद
दुनिया में कई जगहों पर अलग देशों को लेकर आंदोलन चल रहे हैं. विभिन्न ऐतिहासिक, राजनीतिक और आर्थिक कारणों से हो रहे ये आंदोलन दुनिया को नए देश दे सकते हैं.
तस्वीर: Shuaib Bashir
कश्मीर, भारत
तस्वीर: Reuters/D.Ismail
कैटेलोनिया, स्पेन
तस्वीर: Getty Images/AFP/J. Lago
फ्लेमिश रिपब्लिक, बेल्जियम
तस्वीर: picture-alliance/ dpa
वेनेटो, इटली
तस्वीर: picture-alliance/dpa/R. Esposti
स्कॉटलैंड, ब्रिटेन
तस्वीर: picture alliance/M. Smith
अबखासिया, जॉर्जिया
तस्वीर: picture-alliance/dpa/P. Vladimir
साउथ ओसेतिया, जॉर्जिया
तस्वीर: Getty Images/AFP/M. Mordasov
ट्रांसनिस्ट्रिया, मोल्डोवा
तस्वीर: Getty Images/AFP/D. Mihailescu
न्यू रशिया, यूक्रेन
तस्वीर: KHUDOTEPLY/AFP/Getty Images
वेस्ट पापुआ, इंडोनेशिया
तस्वीर: DW
सोमालीलैंड, सोमालिया
11 तस्वीरें1 | 11
मायावती के कांग्रेस पर ही साधा निशाना
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने कांग्रेस प्रतिनिधि मंडल द्वारा जम्मू-कश्मीर जाने के फैसले पर सवाल उठाया है. मायावती ने ट्वीट कर कहा, "बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर हमेशा ही देश की समानता, एकता व अखंण्डता के पक्षधर रहे हैं, इसलिए वे जम्मू-कश्मीर राज्य में अलग से धारा 370 का प्रावधान करने के कतई पक्ष में नहीं थे. इसी खास वजह से बीएसपी ने संसद में इस धारा को हटाए जाने का समर्थन किया."
मायावती ने आगे कहा, "देश में संविधान लागू होने के लगभग 69 वर्षों के उपरांत इस धारा 370 की समाप्ति के बाद अब वहां पर हालात सामान्य होने में थोड़ा समय अवश्य ही लगेगा. ऐसे में अभी हाल ही में बिना अनुमति के कांग्रेस व अन्य पार्टियों के नेताओं का कश्मीर जाना क्या केंद्र व वहां के गवर्नर को राजनीति करने का मौका देने जैसा कदम नहीं है? वहां पर जाने से पहले इस पर भी थोड़ा विचार कर लिया जाता, तो यह उचित होता."
फ्रांस में मोदी से चर्चा करेंगे ट्रंप
इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फ्रांस में हैं जहां वे जी7 सम्मलेन में हिस्सा लेने आए अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप से मुलाकात करेंगे और कश्मीर के मुद्दे पर चर्चा करेंगे. ट्रंप पिछले तीन हफ्तों में तीन बार भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता करने की पेशकश कर चुके हैं. हालांकि भारत इसे अपना अंदरूनी मामला बताता है और इस पूरे मुद्दे पर किसी विदेशी हस्तक्षेप से दूर रहना चाहता है.
आजादी के बाद से ही कश्मीर मुद्दा भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में एक फांस बना हुआ है. कश्मीर के मोर्चे पर कब क्या क्या हुआ, जानिए.
तस्वीर: AFP/R. Bakshi
1947
बंटवारे के बाद पाकिस्तानी कबायली सेना ने कश्मीर पर हमला कर दिया तो कश्मीर के महाराजा ने भारत के साथ विलय की संधि की. इस पर भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध शुरू हो गया.
तस्वीर: dapd
1948
भारत ने कश्मीर का मुद्दा संयुक्त राष्ट्र में उठाया. संयुक्त राष्ट्र ने प्रस्ताव 47 पास किया जिसमें पूरे इलाके में जनमत संग्रह कराने की बात कही गई.
तस्वीर: Keystone/Getty Images
1948
लेकिन प्रस्ताव के मुताबिक पाकिस्तान ने कश्मीर से सैनिक हटाने से इनकार कर दिया. और फिर कश्मीर को दो हिस्सों में बांट दिया गया.
तस्वीर: Getty Images
1951
भारतीय कश्मीर में चुनाव हुए और भारत में विलय का समर्थन किया गया. भारत ने कहा, अब जनमत संग्रह का जरूरत नहीं बची. पर संयुक्त राष्ट्र और पाकिस्तान ने कहा, जनमत संग्रह तो होना चाहिए.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/F. Khan
1953
जनमत संग्रह समर्थक और भारत में विलय को लटका रहे कश्मीर के प्रधानमंत्री शेख अब्दुल्लाह को गिरफ्तार कर लिया गया. जम्मू कश्मीर की नई सरकार ने भारत में कश्मीर के विलय पर मुहर लगाई.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/F. Khan
1957
भारत के संविधान में जम्मू कश्मीर को भारत के हिस्से के तौर पर परिभाषित किया गया.
तस्वीर: picture-alliance / dpa
1962-63
चीन ने 1962 की लड़ाई भारत को हराया और अक्साई चिन पर नियंत्रण कर लिया. इसके अगले साल पाकिस्तान ने कश्मीर का ट्रांस काराकोरम ट्रैक्ट वाला हिस्सा चीन को दे दिया.
तस्वीर: Getty Images
1965
कश्मीर को लेकर भारत और पाकिस्तान का युद्ध हुआ. लेकिन आखिर में दोनों देश अपने पुरानी पोजिशन पर लौट गए.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/J. Singh
1971-72
दोनों देशों का फिर युद्ध हुआ. पाकिस्तान हारा और 1972 में शिमला समझौता हुआ. युद्धविराम रेखा को नियंत्रण रेखा बनाया गया और बातचीत से विवाद सुलझाने पर सहमति हुई.
तस्वीर: AP
1984
भारत ने सियाचिन ग्लेशियर पर नियंत्रण कर लिया, जिसे हासिल करने के लिए पाकिस्तान कई बार कोशिश की. लेकिन कामयाब न हुआ.
तस्वीर: AP
1987
जम्मू कश्मीर में विवादित चुनावों के बाद राज्य में आजादी समर्थक अलगाववादी आंदोलन शुरू हुआ. भारत ने पाकिस्तान पर उग्रवाद भड़काने का आरोप लगाया, जिसे पाकिस्तान ने खारिज किया.
तस्वीर: AP
1990
गवकदल पुल पर भारतीय सुरक्षा बलों की कार्रवाई में 100 प्रदर्शनकारियों की मौत. घाटी से लगभग सारे हिंदू चले गए. जम्मू कश्मीर में सेना को विशेष शक्तियां देने वाले अफ्सपा कानून लगा.
तस्वीर: AFP/Getty Images/Tauseef Mustafa
1999
घाटी में 1990 के दशक में हिंसा जारी रही. लेकिन 1999 आते आते भारत और पाकिस्तान फिर लड़ाई को मोर्चे पर डटे थे. कारगिल की लड़ाई.
तस्वीर: picture-alliance/dpa
2001-2008
भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत की कोशिशें पहले संसद पर हमले और और फिर मुबई हमले समेत ऐसी कई हिंसक घटनाओं से नाकाम होती रहीं.
तस्वीर: picture-alliance/Pacific Press/F. Khan
2010
भारतीय सेना की गोली लगने से एक प्रदर्शनकारी की मौत पर घाटी उबल पड़ी. हफ्तों तक तनाव रहा और कम से कम 100 लोग मारे गए.
तस्वीर: picture-alliance/Pacific Press/U. Asif
2013
संसद पर हमले के दोषी करार दिए गए अफजल गुरु को फांसी दी गई. इसके बाद भड़के प्रदर्शनों में दो लोग मारे गए. इसी साल भारत और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री मिले और तनाव को घटाने की बात हुई.
तस्वीर: Reuters
2014
प्रधानमंत्री मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ गए. लेकिन उसके बाद नई दिल्ली में अलगाववादियों से पाकिस्तानी उच्चायुक्त की मुलाकात पर भारत ने बातचीत टाल दी.
तस्वीर: Reuters
2016
बुरहान वानी की मौत के बाद कश्मीर में आजादी के समर्थक फिर सड़कों पर आ गए. अब तक 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और गतिरोध जारी है.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/R.S.Hussain
2019
14 फरवरी 2019 को पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकी हमले में 46 जवान मारे गए. इस हमले को एक कश्मीरी युवक ने अंजाम दिया. इसके बाद परिस्थितियां बदलीं. भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बना हुआ है.
तस्वीर: Reuters/Y. Khaliq
2019
22 जुलाई 2019 को पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान से मुलाकात करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने दावा किया की भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनसे कश्मीर मुद्दे को लेकर मध्यस्थता करने की मांग की. लेकिन भारत सरकार ने ट्रंप के इस दावे को खारिज कर दिया और कहा कि कश्मीर का मुद्दा भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय बातचीत से ही सुलझेगा.
तस्वीर: picture-alliance
2019
5 अगस्त 2019 को भारत के गृहमंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में एक संशोधन विधेयक पेश किया. इस संशोधन के मुताबिक अनुच्छेद 370 में बदलाव किए जाएंगे. जम्मू कश्मीर को विधानसभा वाला केंद्र शासित प्रदेश बनाया जाएगा. लद्दाख को भी एक केंद्र शासित प्रदेश बनाया जाएगा. धारा 35 ए भी खत्म हो गई है.