सियासी कलह से घटा विकास: मनमोहन
१५ अगस्त २०१२66वें स्वतंत्रता दिवस पर मनमोहन सिंह ने कहा कि कई मुद्दों पर राजनीतिक एका नहीं होने का सीधा असर आर्थिक विकास पर पड़ रहा है. उन्होंने साथ ही कहा कि अब समय आ गया है कि आर्थिक विकास को राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे की तरह देखा जाए. उन्होंने उम्मीद जताई कि लोकपाल और लोकायुक्त बिल पास करने में सभी पार्टियां हाथ मिला कर सरकार की मदद करेंगी. "भ्रष्टाचार कम करने के लिए सरकारी कर्मचारियों के काम में पारदर्शिता और विश्वसनीयता लाने के लिए हम कोशिशें करते रहेंगे."
मनमोहन सिंह के मुताबिक, "देश में तेज आर्थिक विकास का माहौल बनाने की जहां तक बात है तो मुझे लगता है कि हम कई मुद्दों पर राजनीतिक एका नहीं होने के कारण इस लक्ष्य तक नहीं पहुंच पा रहे हैं. कई घरेलू घटनाएं हैं जो हमारे आर्थिक विकास को रोक रही हैं. पिछले साल हमारा सकल घरेलू उत्पाद 6.5 था, उम्मीद है कि हम इस बार थोड़ा बेहतर कर सकेंगे."
उन्होंने कहा कि सरकार देश में निवेश बढ़ाने की हर संभव कोशिश करेगी ताकि देश की अर्थव्यवस्था में उद्यमी अपना योगदान दे सकें. "मेरा विश्वास है कि मुश्किलों का दौर बहुत दिन नहीं रहेगा. भले ही आज हमें मुश्किल हो रही हो लेकिन हमें नहीं भूलना चाहिए कि 8 साल में हमने कई क्षेत्रों में बहुत प्रगति की है. अब हमें इस सफलता को नई दिशा में आगे बढ़ाना है."
असम में हिंसा के मुद्दे पर उन्होंने कहा, "मैं आपसे वादा करता हूं कि हमारी सरकार राज्य सरकार के साथ मिल कर हिंसा के कारणों को समझने की पूरी कोशिश करेगी और यह तय करेगी कि देश में इस तरह की घटनाएं फिर नहीं हों."
प्रधानमंत्री ने शहरों में रहने वाले गरीबों के लिए नई हाउसिंग लोन स्कीम की घोषणा की है. राजीव हाउसिंग लोन स्कीम के तहत आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को पांच लाख रुपये से कम के लोन पर ब्याज में राहत मिलेगी. सरकार की उपलब्धियों में वह नेशनल रूरल हेल्थ मिशन को गिनाना नहीं भूले.
प्रधानमंत्री ने अग्नि-5 मिसाइल के सफल प्रक्षेपण के लिए रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन डीआरडीओ की तारीफ की और उन्हें बधाई दी.
खराब मॉनसून के कारण हो सकने वाली महंगाई पर उन्होंने चिंता जताई. प्रधानमंत्री ने कहा, "हमें मुद्रास्फीति पर काबू करना होगा लेकिन इसमें मुश्किल आ सकती है क्योंकि इस साल मॉनसून अच्छा नहीं रहा. उन्होंने यह भी याद दिलाया कि सरकार के पास चावल और गेहूं का काफी भंडार है तो अनाज की आपूर्ति में समस्या नहीं होगी."
देश में व्याप्त भ्रष्टाचार के कारण अंतरराष्ट्रीय आलोचना झेल रही सरकार के बचाव में सिंह ने कहा, "हमें अंतरराष्ट्रीय विश्वास फिर पैदा करना होगा कि भारत में निवेश करने के लिए कोई अड़चन नहीं है. रोजगार की नई संभावनाएं तभी मुमकिन हैं जब हम उद्योग और व्यापार में बढ़ोतरी करें. इसके लिए हमें मूलभूत संरचना तेजी से सुधारनी होगी."
एएम/एमजे (पीटीआई, रॉयटर्स)