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'सीआईए ने करवाया था मंडेला को गिरफ्तार'

१६ मई २०१६

सीआईए के एक रिटायर्ड जासूस ने बताया है कि 1962 में नेल्सन मंडेला को गिरफ्तार करवाने के पीछे अमेरिकी जासूसी एजेंसी का ही हाथ था. सोवियत संघ के साथ मंडेला की करीबी के कारण अमेरिका उन्हें खतरे के तौर पर देखता था.

Bildergalerie Leben Nelson Mandela
तस्वीर: Reuters

ब्रिटेन के अखबार "द संडे टाइम्स" की एक रिपोर्ट में एक पूर्व सीआईए जासूस डॉनल्ड रिकार्ड के इंटरव्यू के कुछ अंश छपे हैं. दक्षिण अफ्रीका में रंग भेद के खिलाफ जंग के मसीहा मंडेला की गिरफ्तारी के समय सीआईए की ओर से डॉनल्ड रिकार्ड दक्षिण अफ्रीका में तैनात थे. यह इंटरव्यू जॉन इरविन की डॉक्यूमेंट्री से लिया गया है.

एक जासूस ने सीआईए को मंडेला के बारे में आगाह किया, जिसके बाद 1962 में उनकी गिरफ्तारी हुई. जून 1964 में राजद्रोह और साजिश के आरोप में उम्र कैद की सजा सुनाई गई. इस कैद के 27 में से 18 साल मंडेला ने रोबेन आइलैंड जेल में बिताए, जो बाद में स्वतंत्रता का प्रतीक बनी.

डॉनल्ड रिकार्ड दक्षिण अफ्रीकी शहर डरबन में अमेरिका के उपकंसुल रह चुके हैं और सीआईए के लिए भी काम किया है. एक डॉक्यूमेंट्री के लिए इंटरव्यू देने वाले रिकार्ड ने ब्रिटिश फिल्म निर्माता जॉन इरविन को बताया कि वह खुद मंडेला के 1962 में हुई गिरफ्तारी से जुड़े थे. उन्होंने बताया कि उस समय अमेरिका को लगता था कि मंडेला "पूरी तरह से सोवियत संघ के नियंत्रण में" थे.

रिकार्ड ने कहा, "वे दक्षिण अफ्रीका में युद्ध छिड़वा सकते थे, फिर अमेरिका को भी बेमन से ही सही लेकिन युद्ध में कूदना पड़ता, और चीजें बहुत खराब हो सकती थीं." इरविन की फिल्म "मंडेलाज गन" में मंडेला की गिरफ्तारी के पहले के महीनों के बारे में विस्तार से बताते हुए रिटार्ड ने बताया, "हम उस कगार पर पहुंच चुके थे, जहां ये सब रोकना ही था, इसका मतलब था कि मंडेला को रोकना था. और ये सब मैंने रोका."

इस फिल्म की फ्रांस के कान फिल्म महोत्सव में स्क्रीनिंग होनी है. 1990 में जेल से रिहा किए गए मंडेला 1994 में दक्षिण अफ्रीका के पहले अश्वेत राष्ट्रपति चुने गए. उन्होंने राष्ट्रपति के तौर पर एक कार्यकाल पूरा किया और इसके बाद पद छोड़ दिया. दक्षिण अफ्रीका के महान अश्वेत नेता नेल्सन मंडेला का 95 साल की उम्र में 2013 में निधन हो गया था.

मंडेला की पार्टी अफ्रीकन नेशनल कांग्रेस (एएनसी) की राष्ट्रीय प्रवक्ता जीजी कोडवा ने इन खुलासों को "गंभीर अभियोग" बताते हुए कहा है कि "हमें हमेशा से मालूम था कि रंगभेदी सरकार कुछ पश्चिमी देशों के साथ मिली हुई थी." कोडवा ने कहा कि ये मामला कई दशक पुराना हो चुका है, लेकिन सीआईए आज भी दक्षिण अफ्रीका की राजनीति में दखलअंदाजी करता है. कोडवा ने बताया, "हमें हाल ही में लगा है कि लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई एएनसी की सरकार को कमजोर करने के प्रयास किए जा रहे हैं."

कोडवा ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा, "यह अब भी जारी है -- सीआईए अब भी उन लोगों के साथ मिलकर काम कर रही है जो यहां सत्ता परिवर्तन करना चाहते हैं." रिकार्ड ने सीआईए को सन 1978 तक अपनी सेवाएं दीं. इरविन को इंटरव्यू देने के मात्र दो हफ्तों के बाद ही इसी साल मार्च में उनका निधन हो गया. सीआईए ने इस मामले पर अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.

आरपी/एमजे (एएफपी)

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