1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

सीआईए से 50 करोड़ डॉलर के मुआवजे की मांग

३० नवम्बर २०१०

पाकिस्तान में अमेरिका आए दिन ड्रोन हमले के जरिए चरमपंथियों को निशाना बनाता रहा है. लेकिन एक कबाइली ने ड्रोन हमले में मारे गए अपने बेटे और भाई की मौत के लिए सीआईए को जिम्मेदार ठहराया. मुआवजे के लिए 50 करोड़ रुपये मांगे.

अफगान-पाक सरहद पर ड्रोन हमले

उत्तरी वजीरिस्तान के निवासी करीम खान का कहना है कि अमेरिकी मिसाइल हमले में उसके घर को 31 दिसंबर 2009 को निशाना बनाया गया. "ड्रोन हमले में मेरे बेटे, भाई और एक स्थानीय निवासी की मौत हो गई. हम आतंकवादी नहीं हैं. हम आम नागरिक हैं." उत्तरी वजीरिस्तान में पिछले कई महीनों से अमेरिकी ड्रोन विमान चरमपंथियों को निशाना बनाने की कोशिश कर रहे हैं.

हमले के बाद पाकिस्तान के खुफिया विभाग के अधिकारियों ने कहा था कि मीर अली इलाके में अमेरिकी मिसाइल हमले में चार चरमपंथी मारे गए हैं. अब करीम खान अपने लिए न्याय मांग रहे हैं. वकील मिर्जा शहजाद का कहना है कि वह पाकिस्तान में एक मुकदमा दायर करेंगे और अगर जरूरी हुआ तो हेग में अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत तक जाएंगे.

हमलों में बरबाद हुए घरतस्वीर: Abdul Sabooh

मिर्जा शहजाद के मुताबिक यह कोई राजनीतिक मामला नहीं है. यह शिकायत निजी तौर पर दर्ज कराई गई है. न्यूज एजेंसी एएफपी को शहजाद ने बताया कि अमेरिकी रक्षा मंत्री रॉबर्ट गेट्स, सीआईए निदेशक लियोन पेनेटा और इस्लामाबाद में सीआईए के स्टेशन चीफ को उन्होंने कानूनी नोटिस भेज दिया है. मिर्जा शहजाद का कहना है कि वह अमेरिका से पाकिस्तान में ड्रोन हमले रोके जाने की मांग कर रहे हैं साथ ही 50 करोड़ अमेरिकी डॉलर का मुआवजा चाहते हैं.

एएफपी के मुताबिक नोटिस की एक कॉपी में ड्रोन हमलों को गैरकानूनी और मानवाधिकारों का उल्लंघन बताया गया है. हालांकि अमेरिकी दूतावास का कहना है कि उसे वकील से अभी कोई संदेश नहीं मिला है. वैसे स्थानीय वकील और लोगों के अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहे विशेषज्ञ मुकदमा दायर होने पर संदेह जता रहे हैं.

रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़

संपादन: एमजी

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी

डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी को स्किप करें

डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी

डीडब्ल्यू की और रिपोर्टें को स्किप करें

डीडब्ल्यू की और रिपोर्टें