सीटी स्कैन शुरू होते ही हुबेई में बढ़े कोरोना वायरस के मामले
१३ फ़रवरी २०२०![Indonesien | Ärzte besprühen indonesische Staatsangehörige mit Antiseptika](https://static.dw.com/image/52344509_800.webp)
हुबेई चीन का वो प्रांत है जो कोरोना वायरस से फैली महामारी का केंद्र है. 12 फरवरी को प्रांत में मृतकों की संख्या में रिकॉर्ड वृद्धि दर्ज की गई. ऐसा बीमारी की पहचान के एक नए तरीके के लागू होने की वजह से हुआ. बस एक ही दिन पहले चीन ने दो हफ्तों में सबसे कम नए मामले दर्ज किए थे, जिसने देश के वरिष्ठ मेडिकल सलाहकार के द्वारा किए गए उस पूर्वानुमान को और मजबूती दी थी जिसमें उन्होंने कहा था कि अप्रैल तक महामारी का अंत हो सकता है.
लेकिन जहां पूरे चीन में 11 फरवरी को 2,015 नए मामले सामने आए, वहीं 12 फरवरी को अकेले हुबेई में 14,840 मामले सामने आए. ऐसा तब हुआ जब प्रांत में अधिकारियों ने वायरस के संकेत तलाशने के लिए कंप्यूटरीकृत टोमोग्राफी (सीटी) स्कैन शुरू किया है.
इसके पहले हुबेई में संक्रमण की पुष्टि सिर्फ आरएनए टेस्ट द्वारा की जा रही थी, जिसमे कई दिन तक लग जाते हैं. आरएनए या राइबोनुक्लेइक एसिड में जेनेटिक जानकारी होती है जिसकी वजह से वायरस की पहचान होती है.
हुबेई के स्वास्थ्य आयोग ने कहा कि तेजी से होने वाले सीटी स्कैन के उपयोग से फेफड़ों के संक्रमण को जल्दी पकड़ा जा सकता है. इससे रोगियों को जल्द से जल्द इलाज मुहैया हो पाएगा और उनके स्वस्थ्य होने के आसार भी बढ़ेंगे.
सिडनी स्थित न्यू साउथ वेल्स विश्वविद्यालय के किर्बी इंस्टीट्यूट में बायोसिक्योरिटी शोध की प्रमुख रैना मैकिनटायर के अनुसार ये नई प्रक्रिया मृतकों की संख्या में इस तरह की वृद्धि का कारण हो सकती है. उन्होंने रायटर्स को बताया, "संभवतः ऐसे लोगों की भी मौत हुई जिनकी प्रयोगशाला में जांच नहीं हुई थी लेकिन सीटी स्कैन हुआ था. ये जरूरी है कि ऐसे मामलों की भी गिनती हो."
चीनी अधिकारियों ने कहा कि परीक्षण की नई तकनीक अभी सिर्फ हुबेई में इस्तेमाल हो रही है.
उधर, हुबेई में कम्युनिस्ट पार्टी के दो स्थानीय नेताओं को इस संकट के प्रबंधन को लेकर हुई आलोचनाओं के बाद चीन की सरकार ने बर्खास्त कर दिया है. सरकारी मीडिया में उन्हें निकाले जाने की खबर आई लेकिन इसका कोई कारण नहीं बताया गया. पिछले साल महामारी की शुरुआत से लेकर अभी तक जितने अधिकारियों को बर्खास्त किया गया है, उनमें ये सबसे वरिष्ठ हैं.
इसी बीच, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि चीन में संक्रमण के मामलों की संख्या अब स्थिर हो गई है, लेकिन महामारी के फैलने की रफ्तार अब कम हो रही है या नहीं, यह कहना अभी जल्दबाजी होगी.
इसके अलावा, स्पेन के बार्सिलोना में होने वाली मोबाइल वर्ल्ड कांग्रेस महामारी को लेकर चिंताओं की वजह से रद्द हो गई है. फार्मूला वन चाइनीज ग्रां प्री, जो 19 अप्रैल को शंघाई में होनी थी, उसे भी आगे खिसका दिया गया है.
हांग कांग प्रशासन ने स्कूलों को 16 मार्च तक बंद रखने का फैसला किया है.
सीके/ओएसजे (रायटर्स)
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