1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

'सीबीआई से करवाई जाए कॉमनवेल्थ खेलों की जांच'

८ मई २०११

शुंगलू समिति की जांच के बाद प्रधानमंत्री के दफ्तर पीएमओ ने खेल मंत्रालय को निर्देश दिए हैं कि वह कॉमनवेल्थ खेलों में धांधली के आरोपों की जांच सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी से करवाए.

2010 कॉमनवेल्थ खेलतस्वीर: AP

प्रधानमंत्री कार्यालय ने कॉमनवेल्थ खेलों के आयोजन के दौरान धांधली की जांच पर 'तेज कार्रवाई' करने को कहा है. खेल मंत्रालय को एक महीने के अंदर समिति की पांचवी रिपोर्ट का जवाब देना है. पीएमओ ने खेल मंत्रालय को अपने संदेश में लिखा है कि वह खास तौर पर अंतरराष्ट्रीय सलाहकार कंपनी इवेंट नॉलेज सर्विसस (ईकेएस) के ठेके की जांच करे. आयोजन समिति ने ईकेएस को 70 करोड़ रुपयों के तीन ठेके दिए, जिसके तहत कंपनी खेल परिसरों में विकास, प्रबंधन, आयोजन और प्रोजेक्ट मैनेजमेंट की सेवाएं दे रही थी.

करोड़ों का नुकसान

सुरेश कलमाड़ीतस्वीर: AP

परिसर कर्मचारियों के चुनाव में पक्षपात की वजह से सरकार को 18.36 करोड़ रुपयों का नुकसान हुआ है. पीएमओ ने अपने संदेश में लिखा है, "खेल मंत्रालय ईकेएस के बारे में सारी जानकारी सीबीआई या प्रवर्तन निदेशालय को भेज सकता है और इसके अलावा...जालसाजी और गलत जानकारी देने के सिलसिले में भी."

पिछले साल 25 अक्तूबर को प्रधानमंत्री ने पूर्व महालेखापरीक्षक जनरल वीके शुंगलू के नेतृत्व में एक समिति का गठन किया था ताकि कॉमनवेल्थ खेलों में अनियमितताओं की जांच की जा सके. इस साल 28 मार्च को सौंपी गई रिपोर्ट में ईकेएस के कई कामों में अनियमितताएं पाई गईं. साथ ही आयोजन समिति के पूर्व प्रमुख सुरेश कलमाड़ी और कॉमनवेल्थ गेम्स फेडरेशन के सीईओ माइक हूपर और खेल समिति के बाकी सदस्यों के बीच भी सांठ गांठ की बाते उठीं.

आपस में सांठ गांठ

रिपोर्ट में कहा गया है कि ठेका एक व्यक्ति यानी माइक हूपर के भरोसे दिया गया, जिन्होंने कहा कि ईकेएस दिल्ली को और अंतरराष्ट्रीय कंपनियों से बेहतर जानता है. हूपर ने फिर हर तरफ से कोशिश की कि काम ईकेएस को ही दिया जाए. हूपर ने कंपनी को लेकर निजी जिम्मेदारी ली और कहा कि कंपनी द्वारा सुझाए गए दाम भी मुनासिब हैं. इसके अलावा समझौते के हिसाब से ईकेएस अपनी पसंदीदा कंपनी को अपने साथ बाकी कामों के लिए ला सकती थी. समिति के मुताबिक कलमाड़ी के भी इसमें निजी फायदे थे. कलमाड़ी इस वक्त तिहाड़ जेल में हैं.

रिपोर्टः पीटीआई/एमजी

संपादनः आभा एम

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें
डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी को स्किप करें

डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी

डीडब्ल्यू की और रिपोर्टें को स्किप करें