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नहीं थमा भारत-चीन सीमा विवाद

१ जून २०२०

पूर्वी लद्दाख में विवादित सीमावर्ती इलाकों में दोनों देशों की सेनाएं वहां भारी सैन्य मशीनरी और शस्त्र भी ले जा रही हैं. सीमा पर इस तरह की स्थिति को बने अब 25 दिनों से ज्यादा हो गए हैं.

Indien Treffen zwischen Narendra Modi und Xi Jingping
तस्वीर: Reuters

भारत-चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा पर छिड़ा हुआ विवाद शांत होता नजर नहीं आ रहा है. ताजा रिपोर्ट्स के अनुसार, पूर्वी लद्दाख में विवादित सीमावर्ती इलाकों में दोनों देशों की सेनाएं ना सिर्फ एक दूसरे के सामने जमी हुई हैं, बल्कि दोनों सेनाएं वहां भारी सैन्य मशीनरी और शस्त्र भी ले जा रही हैं. हालांकि भारतीय सेना ने कहा है कि मतभेदों को शांत करने के लिए वहां दोनों देशों के सैन्य कमांडरों के बीच बातचीत चल रही है.

दो दिन पहले एक वीडियो सोशल मीडिया पर देखा गया था जिसमें दोनों देशों के सैनिकों के बीच में हाथापाई और पत्थरबाजी के दृश्य नजर आ रहे थे. एक तस्वीर भी सोशल मीडिया पर चल रही थी जिसमें कुछ भारतीय सैनिक घायल नजर आ रहे थे. लेकिन भारतीय सेना ने कहा है कि ये वास्तविक नहीं हैं और इस समय देश की उत्तरी सीमा पर जरा भी हिंसा नहीं हो रही है.

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी कहा है कि "चीन के साथ जो परिस्थितियां पैदा हुई हैं उन्हें सुलझाने की कोशिश जारी है" और "भारत की भी कोशिश है कि तनाव किसी भी सूरत में न बढ़े". हालांकि बताया जा रहा है कि जैसे चीन ने पहले वहां और सैनिक और भारी सैन्य मशीनरी तैनात कर दी थी, ठीक उसी तर्ज पर भारत ने भी अब वहां अतिरिक्त सैनिक और आर्टिलरी जैसे शस्त्र भी तैनात कर दिए हैं.

लद्दाख की पैंगोंग सो झील, जिस के पास पांच मई को भारत और चीन के सैनिकों के बीच में झड़प हुई थी, जिसकी भारतीय सेना ने पुष्टि की थी.तस्वीर: Eesha Kheny

सीमा पर इस तरह की स्थिति को बने अब 25 दिनों से ज्यादा हो गए हैं. पांच मई को लद्दाख के पैंगोंग सो झील के पास दोनों देशों के सैनिकों के बीच में झड़प हुई थी, जिसकी भारतीय सेना ने पुष्टि की थी. तब से वहां दोनों सेनाओं के बीच तनातनी बनी हुई है. नौ मई को सिक्किम में भी दोनों तरफ के सिपाहियों के बीच हाथापाई होने की खबर आई थी. यूं तो गर्मी के मौसम में दोनों तरफ गश्त बढ़ जाने के कारण हर साल दोनों सेनाएं आमने सामने आ ही जाती हैं, लेकिन कई विशेषज्ञ इस बार के गतिरोध को असामान्य मान रहे हैं.

विशेषज्ञों का कहना है कि इन प्रकरणों के पीछे कई कारण हो सकते हैं जैसे विश्व स्वास्थ्य संगठन के एसेंबली में ताइवान की भागीदारी को लेकर चीन की नाराजगी, कोरोना संक्रमण के शुरू होने में चीन की भूमिका पर अंतरराष्ट्रीय जांच का प्रस्ताव या सीमावर्ती इलाकों में भारत द्वारा सड़क आदि बनाने की गतिविधियों को लेकर चीन की नाराजगी. कुछ जानकार यह भी मानते हैं कि कोरोना वायरस से चीन के अंदर हुई हुई तबाही और कुछ अन्य राजनीतिक कारणों की वजह से चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को अपनी ही पार्टी के अंदर आलोचना और विरोध का सामना करना पड़ रहा है और इस वजह से वो अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए ये सब करवा रहे हैं.

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