सीमेंस को जर्मन रेल का अब तक का सबसे बड़ा ऑर्डर
२२ अप्रैल २०११![](https://static.dw.com/image/1520330_800.webp)
300 इंजनों के लिये इस आर्डर को डॉयचे बान का सबसे बड़ा पूंजी निवेश और सीमेंस कंपनी के लिए अब तक का सबसे बड़ा ऑर्डर कहा जा रहा है. दिसंबर, 2016 से ट्रेनों में इन इंजनों का इस्तेमाल किया जाएगा. 130 इंजनों की आपूर्ति उस समय तक की जाएगी. इसके अलावा नियमित अंतराल पर 90 इंजनों की आपूर्ति होगी. दोनों पक्षों के बीच हुए समझौते के अनुसार डॉयचे बान अपनी जरूरत के मुताबिक बाकी 80 इंजनों की मांग करेगा.
जर्मन रेल संस्था डॉयचे बान पूरी तरह से सरकार की कंपनी है. इस बार जाड़े के दौरान इसकी गाड़ियों में लगातार तकनीकी समस्याएं सामने आ रही थीं. खासकर इंटरसिटी एक्सप्रेस की गाड़ियां ऐसी समस्याओं के चलते लगातार लेट हो रही थीं. इसके अलावा गाड़ियों की कमी से निपटना पड़ रहा था. पिछले समय में एक गंभीर दुर्घटना के बाद सभी गाड़ियों की क्रमानुसार जांच की जा रही है. इसकी वजह से भी ट्रेनों की कमी महसूस की जा रही थी.
इन समस्याओं के बारे में जनवरी में डॉयचे बान के प्रधान ग्रूबे ने घोषणा की थी कि इंटरसिटी एक्सप्रेस की एक नई पीढ़ी की शुरुआत की जाएगी. इसके लिये अरबों का निवेश किया जाने वाला है. सन 2012 के दौरान 15 रेलगाड़ियों में नई पीढ़ी के इंजन लगाये जाने वाले हैं. कुछ रूटों पर डबलडेकर गाड़ियों की भी व्यवस्था की जाएगी. अब तक सिर्फ क्षेत्रीय रुटों पर ऐसी गाड़ियों की व्यवस्था थी.
रिपोर्ट: एजेंसियां/उभ
संपादन: एन रंजन