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सीरियाई विपक्ष से एकजुट होने की मांग

६ जुलाई २०१२

पैरिस में सीरिया पर कांफ्रेंस हो रही है. अमेरिका ने राष्ट्रपति असद के खिलाफ और प्रतिबंधों पर जोर दिया है तो संयुक्त राष्ट्र अधिकारियों का कहना है कि फाइव स्टार होटलों में बैठकों के आयोजन से मामला सुलझने नहीं वाला है.

तस्वीर: dapd

सम्मेलन के भागीदारों ने सीरिया के विपक्षी गुटों से राष्ट्रपति बशर अल असद के खिलाफ एकजुट होने की अपील की है. पैरिस में 100 से अधिक देशों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने विपक्ष से वर्तमान शासन का भरोसेमंद विकल्प बनने की मांग की. सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांसोआ ओलांद ने विवाद में 16,000 से ज्यादा लोगों की मौत को असहनीय बताया. उन्होंने मांग की कि सुरक्षा परिषद को हिंसा रोकने के लिए उचित कदम उठाना चाहिए.

उधर दमिश्क में संयुक्त राष्ट्र के मुख्य पर्यवेक्षक मेजर जनरल रॉबर्ट मूड ने सम्मेलन से पहले अंतरराष्ट्रीय समुदाय की कड़ी आलोचना करते हुए कहा, "ऐसा लग रहा है कि बढ़िया होटलों में अच्छी बैठकें हो रही हैं और आगे बढ़ने और हिंसा खत्म करने के बारे में ज्यादा कुछ नहीं हो रहा है." मूड का कहना है कि सबसे अहम है सीरिया में हिंसा को रोकना. जून में मूड की टीम के 300 सदस्यों को काम रोकना पड़ा क्योंकि सीरिया में हालात और भी खराब हो गए हैं. ताजा हिंसा और सैकड़ों लोगों की मौत के बाद संयुक्त राष्ट्र ने युद्धविराम को तेजी से लागू करने की बात की है.

वेस्टरवेले और क्लिंटनतस्वीर: dapd

बुधवार को सीरिया की सेना ने पश्चिमोत्तर शहर दूमा में गोलीबारी की. वहां रह रहे लोगों को बाद में कई शव मिले. उनका कहना है कि कम से कम 11 लोग दूमा के पास मीस्राबा और रिहान शहरों में मारे गए हैं. इनमें एक छह साल की लड़की भी शामिल है. सीरिया की सरकारी समाचार एजेंसी सना ने शहर में मौतों की बात तो नहीं कही है लेकिन कहा है कि शहर में रह रहे लोग 'आतंकवाद' से भाग रहे हैं. इस बीच सीरिया में मानवाधिकार हनन को देख रहे संगठन सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स ने कहा है कि पिछले दिनों में और 70 लोग मारे गए हैं. पिछले 16 महीनों से चल रही उथल पुथल ने 16,500 लोगों की जानें ले ली हैं.

'फ्रेंड्स' की बैठक

पैरिस में फ्रेंड्स ऑफ सीरिया के नाम से अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी के अलावा सउदी अरब, कतर सहित करीब सौ देश सीरिया के हालात पर चर्चा कर रहे हैं. राष्ट्रपति बशर अल असद का विरोध कर रही सीरियाई जनता की मदद के लिए एक रास्ता असद को विदेश में शरण देना होगा जिसके लिए रूस के बारे में सोचा गया था. लेकिन रूस के उप विदेश मंत्री सरगेई रयाबकोव ने साफ साफ कह दिया है कि असद के भविष्य के बारे में अमेरिका से कोई बातचीत नहीं हुई है. इससे पहले मॉस्को के अखबार कोमेर्सांट ने एक रूसी राजनयिक के हवाले से कहा था कि पश्चिमी देश रूस से असद को शरण देने की मांग कर रहे थे लेकिन मॉस्को ने इसे खारिज कर दिया.

राष्ट्रपति असदतस्वीर: Reuters

पश्चिमी देशों ने सीरिया में सरकार को बदलने के लिए एक अंतरिम योजना बनाई है लेकिन साफ कर दिया है कि नई सरकार में असद की कोई भूमिका नहीं रहेगी. अरब लीग को संयुक्त राष्ट्र के दूत कोफी अन्नान के प्रस्तावों पर हुए जेनेवा समझौते को लेकर रूसी विदेश मंत्री ने कहा है कि यह सीरिया में शांति स्थापित करने के लिए अहम है. लेकिन पश्चिमी देश समझौते को उसके एजेंडे से आगे बढ़ा रहे हैं. चीन ने भी रूस का ही रास्ता अपनाया है. रूस और चीन पैरिस की बैठक में भाग नहीं ले रहे हैं.

रूस, चीन और पश्चिमी देशों के बीच मतभेदों से हो रही देरी के बीच सीरिया के एक और जनरल ने तुर्की में शरण ले ली है. उसके साथ दो कर्नल भी शामिल हैं. अब तक 15 वरिष्ठ जनरल सीरिया छोड़कर तुर्की जा चुके हैं. पिछले दिनों तुर्की के एक जेट को सीरियाई सेना ने मार गिराया था जिसके बाद दोनों देशों में संबंध और तनावपूर्ण हो गए हैं. सीरिया की सरकार कहती है कि तुर्की उसके बागियों को शरण दे रहा है और हथियारों से उनकी मदद कर रहा है. तुर्की ने इन आरोपों को खारिज किया है और सीरिया से भाग रहे लोगों के लिए अपने सरहद खोल दिए हैं.

एमजी/एमजे(एएफपी, रॉयटर्स)

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