सीरिया की भावनाओं से खिलवाड़ करता अल कायदा
८ जून २०१२![](https://static.dw.com/image/15904338_800.webp)
जवाहरी की पत्नी ओमाइमा हसन ने अपने संदेश में कहा है कि अरब क्रांति इस्लामिक क्रांति में तब्दील हो जाएगी. यह संदेश आतंकवादियों द्वारा इस्तेमाल की जा रही एक वेबसाइट पर डाला गया. संदेश के नीचे ओमाइमा हसन के हस्ताक्षर हैं.
अरब देशों में क्रांति का श्रेय वहां के मध्य वर्ग को जाता है जो देश में आर्थिक और राजनैतिक बदलाव लाना चाहते हैं. ट्यूनीशिया, लीबिया, यमन और मिस्र में लम्बे समय तक माहौल नाजुक रहा. सीरिया में अब भी अशांति है. लेकिन सरकार के खिलाफ संघर्ष में आतंकवादियों का सहारा नहीं लिया गया. हालांकि अल कायदा ने खुद को कई बार इसमें मिलाने की कोशिश की. अरब देशों के नाजुक हालात में नागरिक सरकार को लेकर गुस्से में हैं और अल कायदा जैसे संगठन इस मौके का फायदा उठाकर लोगों की भावनाओं के साथ खेल सकते हैं और उन्हें अपनी तरफ कर सकते हैं.
मां के दिल पर वार
अल कायदा ने विद्रोहियों की आर्थिक मदद करने की भी कोशिश की है. अब महिलाओं को निशाना बनाया जा रहा है. ओमाइमा हसन ने अपने संदेश में बेहद भावुक तरीके से लिखा है, "मैं पूरी दुनिया की महिलाओं को इस क्रांति के लिए मुबारकबाद देती हूं और मैं हर उस मां को सलाम करती हूं जिसने अपने प्रियजनों को इस क्रांति के लिए कुरबान कर दिया. यह सही मायनों में अरब क्रांति है और जल्द ही यह इस्लामिक क्रांति बन जाएगी."
अरब क्रांति ने चार देशों के प्रमुखों को सत्ता छोड़ने पर मजबूर कर दिया. इस बारे में हसन ने लिखा है, "आपकी मेहनत और धैर्य के कारण अत्याचारी तानाशाहों को हटाया जा सका है. आपने जिस गरिमा के साथ अपने बेटों को बड़ा किया है उसके लिए मैं आभार व्यक्त करती हूं." साथ ही बच्चों को देश के लिए कुरबान करने की नसीहत भी दी है, "मैं आप सभी बहनों को यह सलाह देना चाहूंगी कि आप अपने बच्चों में देशप्रेम की भावना जगाएं और उन्हें इस बात के लिए तैयार करें कि वे इस्लाम के गौरव को लौटा सकें और यरूशलम को आजाद करा सकें."
"अस्तित्व की लड़ाई"
मुस्लिम महिलाओं को शाबाशी के साथ साथ हसन ने सीख भी दी है कि वे बुरका पहनना न छोडें, "बुरका एक मुस्लिम औरत की पहचान है. पश्चिमी देश इस पहचान को हटाना चाहते हैं ताकि यह महिलाएं अपना अस्तित्व ही खो दें." इससे पहले 2009 में भी हसन का इस तरह का संदेश इंटरनेट पर डाला गया था.
हसन जवाहरी की पत्नी हैं जो पिछले साल ओसामा बिन लादेन की मौत के बाद अल कायदा का सरगना बना. कुछ ही दिन पहले जवाहरी ने एक आठ मिनट लम्बे वीडियो संदेश में सीरिया निवासियों से अपील की थी कि वे पश्चिमी देशों के शांति प्रस्ताव को न मानें. उससे पहले एक अन्य वीडियो में जवाहरी को लादेन के सीधे सादे जीवन का बखान करते हुए देखा गया था. बिन लादेन की ही तरह जवाहरी भी इंटरनेट और वीडियो के माध्यम से दुनिया तक अपना संदेश पहुंचाने की फिराक में रहता है. लेकिन ऐसा कम ही देखा जाता है कि गिरोह की महिलाएं भी इस तरह के संदेश भेजें.
रिपोर्ट: ईशा भाटिया / रॉयटर्स
संपादन: मानसी गोपालकृष्णन