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सीरिया के खिलाफ कड़े कदम उठा सकता है अमेरिका

७ मई २०११

अमेरिका ने सीरिया को चेतावनी दी है कि अगर विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों के खिलाफ हिंसक कार्रवाई नहीं रूकी तो वह सीरिया के खिलाफ और सख्त कदम उठाएगा. अरब देश के खिलाफ एक हफ्ते पहले ही पाबंदियों का एलान कर चुका है अमेरिका.

तस्वीर: picture alliance/dpa

अमेरिका राष्ट्रपति के दफ्तर से शुक्रवार को जारी बयान में कहा गया है,"अमेरिका मानता है कि अपने ही लोगों के खिलाफ सीरिया में कार्रवाई इस स्तर पर पहुंच गई है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को अब हरकत में आना होगा." अमेरिका की तरफ से सीरिया की सरकार को चेतावनी दी गई है कि अगर राष्ट्रपति बशर अल असद की सरकार ने लोकतंत्र के लिए शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे लोगों पर कार्रवाई नहीं बंद की तो, "अमेरिका और उसके अंतरराष्ट्रीय सहयोगी सीरियाई सरकार की लोगों पर कार्रवाई पर विरोध जताने के लिए अतिरिक्त कदम उठाएंगे."

तस्वीर: dapd

अमेरिका ने यूरोपीय संघ की तरफ से सीरिया पर लगाए गए प्रतिबंधो का स्वागत भी किया है. पिछले महीने की 29 तारीख को अमेरिका ने सीरिया से जुड़े वित्तीय लेनदेन पर पाबंदी लगा दी. इस पाबंदी का मकसद राष्ट्रपति के भाई माहेर अल असद को निशाना बनाना था जिनके हाथों में सीरिया के चौथे बख्तरबंद डिवीजन की कमान है. राष्ट्रपति बराक ओबामा की तरफ से जारी आदेशों में सीरिया के खुफिया निदेशालय के निदेशक अली मामलुक और डेरा प्रांत की खुफिया एजेंसी के पूर्व प्रमुख आतिफ नजीब का भी नाम था. डेरा प्रांत सरकार विरोधी आंदोलनों का फिलहाल केंद्र बना हुआ है. हालांकि ओबामा प्रशासन ने सीरिया के राष्ट्रपति को सीधे सीधे निशाना बनाने से परहेज किया है. इतना ही नहीं दमिश्क से अमेरिकी राजदूत रॉबर्ट फोर्ड को भी अभी वापस नहीं बुलाया गया है. रॉबर्ट फोर्ड इसी साल जनवरी में दोनों देशों के रिश्तों को सुधारने के लिहाज से सीरिया पहुंचे हैं.

तस्वीर: dapd

इस बीच अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने कहा है कि सीरियाई सरकार अभी भी हिंसा को छोड़ सुधारों को अपना सकती है. हिलेरी ने राष्ट्रपति बशर अल असद के नेतृत्व में भरोसा जताया है और कहा है कि वह सुधारों को लागू करने की दिशा में कदम बढ़ा सकते हैं. रोम में इटली के एक पत्रकार को दिए इंटरव्यू में हिलेरी ने कहा,"सीरिया में जो कुछ हो रहा है उसे लेकर गहरी चिंता है और हम सरकार पर दबाव बना रहे हैं कि वह सुधारों के अपने वादे को पूरा करे. जितना मैं जानती हूं उसके आधार पर कह सकती हूं कि अभी भी मौका है कि सुधारों को लागू किया जा सकता है. यह कोई नहीं मानेगा कि लीबिया में गद्दाफी सुधारों को लागू करेंगे लेकिन सीरिया में आगे बढ़ने का रास्ता अभी बना हुआ है."

व्हाइट हाउस की तरफ से ताजा संदेश सीरियाई जन अधिकार गुटों के इस बयान के बाद आया है कि शुक्रवार को हुए शांतिपूर्ण प्रदर्शनों के दौरान सुरक्षाबलों की गोली से 26 लोगों की जान गई है. अमेरिका बयान में कहा गया है,"हम विरोध प्रदर्शनों के खिलाफ सीरियाई सरकार की हिंसक कार्रवाई और बड़े पैमाने पर लोगों की गिरफ्तारी की कड़े शब्दों में निंदा करते हैं. बयान में सीरियाई सरकार पर प्रदर्शनकारियों के खिलाफ ईरानी तरीका अपना कर मानवाधिकारों का उल्लंघन करने के भी आरोप लगाए गए हैं.

रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन

संपादनः उभ

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