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सीरिया ने गिराया तुर्की का लड़ाकू विमान

२३ जून २०१२

सीरिया ने तुर्की के एक लड़ाकू विमान को मार गिराया है. इस पर अब विवाद हो रहा है. तुर्की का मानना है कि उसका फाइटर जेट सीरिया में घुसा लेकिन उसने सीरियाई कार्रवाई की निंदा की है. तुर्की ने कहा, जरूरी कदम उठाएंगे.

तस्वीर: AP

"यह आम बात है कि लड़ाकू विमान अंतरराष्ट्रीय सीमाओं को पार करते हैं, अगर आप समुद्र के ऊपर उनकी गति को देखें तो. यह जानबूझकर नहीं बल्कि विमानों की तेज गति की वजह से होता है." तुर्की राष्ट्रपति अब्दुल्लाह गुल ने अपने इस बयान के साथ तुर्क विमान से गलती होने की आशंका तो जताई है. लेकिन यह भी कहा है कि इस घटना को अनदेखा नहीं किया जा सकता. इस बीच तुर्की के प्रधानमंत्री रचेप तैयप एर्दवान ने भी कहा है कि घटना को लेकर सारे तथ्यों के साफ हो जाने के बाद उनका देश सही कदम उठाएगा. उन्होंने अपने देश के खुफिया प्रमुखों के साथ बैठक बुलाई है.

सीरिया के टेलीविजन चैनल अल दुनिया ने सीरियाई के सेना प्रवक्ता के हवाले से कहा है कि तुर्क सैनिक और उनके देश की नौसेना दुर्घटनाग्रस्त विमान के पायलटों को खोज रहे हैं. समाचार एजेंसी सना ने भी कहा है, "एक अज्ञात विमान ने सीरिया की हवाई सरहद को पार किया. वह पश्चिम से जमीन के बेहद करीब और तेजी से सीरियाई समुद्रों के ऊपर से उड़ते हुए आ रहा था." उस पर फिर विमान अवरोधक दलों ने गोलियां चलाईं और सीरिया की सरहद के लगभग 10 किलोमीटर भीतर विमान गिर गया. विमान में हवा में ही आग लग गई और मलबा समुद्र में गिर गया.

शुक्रवार को हुए इस हमले से सीरिया में स्थिति और गंभीर हो गई है, खासकर इसलिए क्योंकि तुर्की नाटो का एक सदस्य है. नाटो के चार्टर के मुताबिक उसके किसी भी एक सदस्य के खिलाफ हमला नाटो के सारे सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई के रूप में देखा जाता है. इस घटना के बाद सीरिया की स्थिति और नाजुक हो सकती है और पश्चिमी ताकतें उस पर हमले के लिए दबाव बना सकते हैं.

तस्वीर: DW/G.Anderson

वहीं, लेबनान की राजधानी बेरुत में एक पूर्व सीरियाई जनरल ने कहा है कि सीरिया के सैनिकों ने इसलिए तुर्की विमान पर हमला किया क्योंकि उन्हें लगा कि उनके देश का कोई पायलट सीरिया छोड़कर तुर्की में शरण ले रहा है. इससे पहले गुरुवार को एक ऐसी ही घटना हुई थी जिसमें एक सीरियाई पायलट अपना विमान जॉर्डन ले गया और वहां उसे राजनीतिक कारणों से शरण दी गई.

सीरिया में पिछले साल मार्चे से राष्ट्रपति बशर अल असद के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं. आंदोलन के शुरू होने के बाद सीरियाई सरकार के हिंसक रुख की आलोचना हो रही है. अनुमान है कि वहां अब तक 15,000 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं. इस वजह से तुर्की ने दमिश्क से सारे संबंध खत्म कर दिए हैं. तुर्की ने सीरियाई विपक्षी नेताओं के साथ कई बैठकें भी की हैं और सीरिया से भाग रहे शरणार्थियों के लिए अपनी सीमाएं खोल दी हैं.

एमजी/ओएसजे(डीपीए, एएफपी)

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