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सीरिया पर अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन का हमला

१४ अप्रैल २०१८

अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटन ने सीरिया पर हमला किया है. हमले सीरिया में रासायनिक हथियारों के अड्डे पर किए गए हैं. सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद ने इस हमले को अंतरराष्ट्रीय कानून का घोर उल्लंघन कहा है.

Syrien Damaskus Proteste nach Militärschlag
तस्वीर: Reuters/O. Sanadiki

सीरिया में शनिवार सुबह धमाकों के साथ अजान हुई. सीरियाई सेना ने बताया कि हमले स्थानीय समय के मुताबिक सुबह 4 बजे शुरू हुए. मिसाइलों ने पहले दमिश्क के पूर्वी उपनगरों को निशाना बनाया. इन हमलों से दूर दूर तक जमीन थर्रा उठी. मिसाइलों के हमले से दमिश्क का आकाश नारंगी हो गया था. सीरियाई वायु रक्षा तंत्र ने अलग अलग ठिकानों से सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें दागी. सुबह सूरज उगने तक एक तरफ लाउड स्पीकर पर अजान तो दूसरी तरफ धमाकों की आवाजें सुनाई दे रही थीं. 

तस्वीर: Reuters/Sana

अमेरिकी अधिकारियों ने कहा है कि इन हमलों का मकसद पिछले हफ्ते सीरिया में नागरिकों पर रासायनिक हमलों के बाद राष्ट्रपति बशर अल असद को सबक सिखाना और उन्हें फिर ऐसी हरकत करने से रोकना है. 

रूसी राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन ने इन हमलों की कड़ी निंदा करते हुए नतीजों की चेतावनी दी है. उन्होंने यह भी कहा है कि इससे सीरिया में मानवीय त्रासदी और बढ़ जाएगी. इसके साथ ही उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की तुरंत बैठक बुलाने की मांग की है. पुतिन ने साफ तौर पर कहा है कि इन हमलों के, "अंतरराष्ट्रीय संबंधों के पूरे तंत्र पर विनाशकारी नतीजे होंगे."

अमेरिकी रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि इन हमलों का निशाना राष्ट्रपति असद के रासायनिक हथियारों के अड्डे हैं. इन अड्डों पर रासायनिक हथियारों को विकसित करने और बनाने के कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं. सीरियाई टेलीविजन का कहना है कि देश के सुदृढ़ वायु रक्षा तंत्र ने हमलों का जवाब दिया है. हालांकि अमेरिकी रक्षा मंत्री जिम मैटिस का कहना है कि अमेरिका को इन हमलों में कोई नुकसान नहीं हुआ है. उन्होंने अमेरिकी हमलों को भारी लेकिन सावधानी से सीमित चोट करने वाला वाला बताया है.

तस्वीर: Imago/Xinhua/A. Safarjalani

अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा है कि जब तक राष्ट्रपति असद अपने ही लोगों पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधित रसायनों से हमले करना बंद नहीं कर देते तब तक अमेरिका उन पर आर्थिक, कूटनीतिक और सैनिक दबाव बनाए रखने के लिए तैयार है. इस हमले के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसके औचित्य को लेकर तीखी बहस शुरू हो गई है. 
शनिवार को रूसी राष्ट्रपति ने एक बार फिर रूस के इस विचार को दोहराया कि सीरियाई शहर डूमा में जिस रासायनिक हमले की बात की जा रही है वह नकली था. पुतिन का कहना है कि रूसी सैन्य विशेषज्ञों ने इलाके का निरीक्षण किया और उन्हें इस हमले के कोई सबूत नहीं मिले. पुतिन ने अंतरराष्ट्रीय रासायनिक हथियार निगरानी निरीक्षकों के इलाके का दौरा किए बगैर हमला करने के लिए अमेरिका और उसके सहयोगियों की कड़ी आलोचना की है. 
यूरोपीय संघ, जर्मनी, इस्राएल और दूसरे सहयोगी देशों ने अमेरिकी हमले का समर्थन किया है. ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थेरीजा मे ने कहा है कि सीरियाई सरकार ने डूमा में रासायनिक हथियार पहुंचाने के लिए बैरल बम का इस्तेमाल किया इसका संकेत रिपोर्टों से मिलता है. उनका कहना है कि इस मामले में "ताकत का इस्तेमाल "उचित और वैध" है.
अमेरिकी रक्षा मंत्री जिम मैटिस का कहना है कि हमला "एक बार" के लिए था, जब तक असद रासायनिक हथियारों का फिर इस्तेमाल नहीं करते इन्हें दोहराया नहीं जाएगा. अमेरिका की तरफ से ये हमले भूमध्यसागर में तैनात युद्धपोतों से मिसाइलों और लड़ाकू विमान के जरिए किए गए.

मैटिस ने यह भी कहा कि सात अप्रैल को डूमा में सारिन गैस समेत दूसरे रासायनिक हथियारों के हमले की अमेरिका ने अभी पुष्टि नहीं की है. उन्होंने कहा कि कम से कम एक रसायन का इस्तेमाल जरूर किया गया जो क्लोरीन है. हालांकि क्लोरीन का इस्तेमाल औद्योगिक रूप से भी होता है और इससे पहले कभी अमेरिका ने इसके इस्तेमाल पर सैन्य कार्रवाई नहीं की है. मैटिस ने बताया कि हमले के लिए अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस के अधिकारियों ने ऐसे लक्ष्यों का चुनाव किया था जिनमें कम से कम नागरिकों को नुकसान पहुंचे. 

तस्वीर: Getty Images/AFP/M. Ngan

हमले के पहले रूस को इसके बारे में कितनी चेतावनी दी गई इस पर अलग अलग देशों ने अलग जानकारी दी है. अमेरिका के सेना प्रमुख जनरल जोसेफ डनफोर्ड ने बताया कि अमेरिका ने रूसी सरकार को इन हमलों के बारे में कोई जानकारी नहीं दी. हालांकि फ्रांस के रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ली का कहना है कि "अपने सहयोगियों के साथ हमने यह सुनिश्चित किया कि रूसियों को हमले से काफी पहले चेतावनी मिल जाए."
पेंटागन में रक्षा मंत्री जिम मैटिस और ब्रिटिश व फ्रेंच सैन्य अधिकारियों के साथ न्यूज कांफ्रेंस में जिम मैटिस ने बताया कि पश्चिमी सीरिया में तीन ठिकानों को निशाना बनाया गया है. पहले दमिश्क के साइंटिफिक रिसर्च सेंटर पर मिसाइलों से हमला किया गया. उन्होंने बताया कि यहां रासायनिक और जैविक युद्ध की तकनीकों पर शोध, विकास, निर्माण और परीक्षण किया जाता है. हमले का दूसरा लक्ष्य होम्स के पश्चिम में रासायनिक हथियारों के भंडारण का केंद्र था. उनका कहना है कि यह ठिकाना सीरियाई सारिन और उसे बनाने के लिए जरूरी रसायनों के निर्माण के उपकरणों का मुख्य अड्डा था. डनफोर्ड ने बताया कि होम्स के पश्चिम में ही रासायनिक हथियारों के उपकरणों का भंडार और एक प्रमुख सैन्य चौकी तीसरा निशाना था. 

सीरिया में प्रदर्शन

तस्वीर: Reuters/O. Sanadiki

सीरियाई सरकार लगातार इस बात से इनकार कर रही है कि उसने किसी प्रतिबंधित रसायन का इस्तेमाल किया है. शनिवार को सैकड़ों सीरियाई राजधानी दमिश्क के एक प्रमुख चौराहे पर हमले का विरोध करने जमा हो गए. ये लोग कारों के हॉर्न बजा रहे थे और सीरियाई झंडे के साथ ही रूस का झंडा भी लहरा रहे थे. हमले के तुरंत बाद ही लोग घरों से निकल कर विजय का निशान बना कर जश्न मनाने लगे.

कुछ लोग ताली बजा रहे थे तो कुछ नाच रहे थे बाकी लोग गाड़ियों के काफिले में हॉर्न बजाते हुए शहर का चक्कर लगाने लगे. ये लोग हमलों का जवाब देने की सिरीयाई कोशिशों पर खुश हो रहे हैं. उनका कहना है कि सीरियाई मिसाइलों ने कुछ मिसाइलों को मार गिराया तो कुछ को भटका दिया. कार की खिड़की से आधा शरीर बाहर निकाले महमूद इब्राहिम ने सीरियाई झंडा लहराते हुए कहा, "हम अमेरिकी मिसाइलों से नहीं डरते, हमने उनकी मिसाइलों को शर्मसार कर दिया."

 सीरियाई सेना की तरफ से बयान में कहा गया है कि कुल 110 मिसाइलें अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस की तरफ से दागी गईं जिनमें ज्यादातर या तो गिरा दी गईं या फिर उन्हें भटका दिया गया. रूस की सेना का कहना है कि सीरियाई वायु रक्षा यूनिट ने अमेरिकी और उसके सहयोगियों की तरफ से दागी गईं 103 क्रूज मिसाइलों में से 71 को गिरा दिया.

तस्वीर: Reuters/Sana

सीरियाई बयान ब्रिगेडियर जनरल अली मायहूब ने पढ़ा. उन्होंने बताया कि होम्स के सैन्य ठिकाने पर हुए हमले में तीन आम नागरिक घायल हुए हैं. हालांकि हमले के लिए दागी गई मिसाइल का रास्ता बदल कर उसे एक तरह से बेअसर कर दिया गया. उन्होंने बताया कि दमिश्क के पास बारजेह में एक साइंटिफिक रिसर्च सेंटर पर "कई मिसाइलों से हमला" किया गया. इस हमले में एक इमारत पूरी तरह ध्वस्त हो गई लेकिन कोई हताहत नहीं हुआ. मायहूब ने कहा कि इस इमारत में एक शैक्षिक केंद्र और लैब चल रहे थे. 

एनआर/एमजे(एपी, एएफपी, डीपीए)

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