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सीरिया पर इस्राएली फायर

११ नवम्बर २०१२

1973 की लड़ाई के बाद पहली बार इस्राएल ने सीरिया की तरफ मिसाइल दागी. इस्राएली सेना के मुताबिक सीरिया की तरफ से उसके गश्ती दल पर हमला हुआ जिसका जवाब दिया गया. इस्राएल में संयुक्त राष्ट्र से भी शिकायत की.

तस्वीर: AFP/Getty Images

इस्राएली सेना ने एक बयान जारी कर कहा, "कुछ देर पहले इस्राएल-सीरिया सीमा पर गोलान पहाड़ियों के पास आईडीएफ की पोस्ट पर मोर्टार टकराया. इसके जवाब में आईडीएफ जवानों ने सीरिया की तरफ चेतावनी भरी फायर किया."

सैन्य सूत्रों का हवाला देते हुए समाचार एजेंसी एएफपी ने कहा कि इस्राएली सेना ने अचूक मानी जाने वाली तामुज एंटी टैंक मिसाइल फायर की.

इस्राएल के सरकारी रेडियो में जारी सेना के बयान में यह भी कहा गया, "सीरिया की तरफ से इस्राएल आने वाले फायर को किसी भी तरह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और इसका सख्ती से जवाब दिया जाएगा."

गोलान पहाड़ियों में इस्राएली सेनातस्वीर: AFP/Getty Images

इस्राएल के प्रधानमंत्री बेन्जामिन नेतन्याहू ने भी कहा है कि सरकार सीरिया से सटी सीमा पर पैनी नजर बनाए हुए है. प्रधानमंत्री ने कहा, "ध्यान से देखा जा रहा है कि सीरिया के साथ लगी हमारी सीमा पर क्या हो गया है, वहां भी हम हर स्थिति के लिए तैयार हैं."

1973 की जंग के बाद यह पहला मौका है जब इस्राएली सेना ने गोलान की पहाड़ियों पर फायर किया है. इस्राएल ने संयुक्त राष्ट्र में इस घटना की शिकायत भी की है. इस्राएल के मुताबिक गुरुवार को भी सीरिया की तरफ से आए तीन रॉकेट गोलान पर बरसे. गोलान की पहाड़ियों पर 1967 के अरब इस्राएल युद्ध के बाद से इस्राएल का नियंत्रण है. अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस नियंत्रण को स्वीकार नहीं करता है. लेकिन इस्राएली सेना इस इलाके में गश्त लगाती है. 1973 के अरब इस्राएल युद्ध के साल भर बाद इन पहाड़ियों को लेकर एक समझौता हुआ. समझौते के तहत गोलान पहाड़ियों में युद्धविराम घोषित किया गया. रविवार की फायरिंग के बाद इस्राएल ने आरोप लगाया है कि सीरिया की तरफ से 1974 के समझौते का उल्लंघन किया गया.

सीरिया के साथ उत्तर में तुर्की की भी सीमा लगती है. उस सीमा पर भी बीते कुछ महीनों से तुर्की की सेना तैनात है. तुर्की का कहना है कि सीरिया की ओर से उस पर फायरिंग हुई, जिसका जवाब दिया जा रहा है. कुछ ही महीने पहले सीरिया ने तुर्की की वायुसेना के एक लड़ाकू विमान को गिरा दिया. सीरिया के मुताबिक विमान उसके हवाई क्षेत्र में घुसा था. उस घटना के बाद से ही तुर्की और सीरिया के बीच अनबन गहरा गई है.

असद पर बढ़ता दबावतस्वीर: AFP/Getty Images

सीरिया में पिछले साल मार्च से राष्ट्रपति बशर अल असद के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं. एक अनुमान के मुताबिक हिंसा के चलते अब तक 30,000 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं. पश्चिमी देश असद पर कुर्सी छोड़ने का दबाव डाल रहे हैं. वहीं रूस और चीन सीरिया पर संयुक्त राष्ट्र की कार्रवाई का विरोध करते हैं.

इस बीच रविवार को असद को एक झटका और लगा. सीरिया के भीतर और बाहर सक्रिय असद विरोधी तत्वों ने कतर की राजधानी में एक समझौता कर लिया. समझौते के तहत विरोधी अपना एक नेता चुनेंगे. इस नेता के नीचे सभी विरोधी गुट होंगे. भविष्य में असद के खिलाफ होने वाली हर कार्रवाई की अगुवाई नया नेता करेगा. वही रणनीति भी तय करेगा.

ओएसजे/एमजी (एएफपी, रॉयटर्स)

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