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सीरिया पर सहमति नहीं

६ सितम्बर २०१३

दुनिया के देश सीरिया में सैन्य कार्रवाई पर एकमत नहीं हो सके हैं. सेंट पीटर्सबर्ग में जी20 की बैठक के लिए जमा हुए नेताओं में पुतिन के दिए रात्रिभोज के दौरान इस पर चर्चा हुई लेकिन कोई सहमति नहीं बनी.

तस्वीर: Reuters

सीरिया पर बढ़ता तनाव जी20 के कार्यक्रमों पर भारी पड़ने लगा तो पुतिन ने रात्रिभोज पर इस बारे में सबको बोलने का न्योता दिया. तीन घंटे तक चर्चा के बाद भी कार्रवाई की जिम्मेदारी उठाना तो दूर, उस पर सहमति भी नहीं बन पाई. नेताओं ने बोलने के लिए मिले 10 मिनट का समय अपनी स्थिति और विचार जताने में ही खर्च कर दिए.

रुख पर अडिग रूस

रूस सीरिया पर अमेरिकी नेतृत्व में हमले का विरोध करने वालों में सबसे आगे नजर आया. इस बीच यह भी खबर आई है कि उसने भूमध्यसागर में नौसेना का एक और बेड़ा भेज दिया है. उधर न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका के राजदूत ने रूस पर सुरक्षा परिषद को बंधक बनाने का आरोप लगाया है. संयुक्त राष्ट्र ने एलान किया है कि उसके विशेष दूत लखदर ब्राहिमी शांति वार्ता के लिए बुलाए गए दो दिन के सम्मेलन में शामिल होंगे.

तस्वीर: Reuters

रात्रिभोज में संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून भी शामिल थे. संयुक्त राष्ट्र ने वहां दिया उनका बयान जारी किया है, "हमें याद रखना होगा कि हर गुजरते दिन के साथ हम एक ऐसा दिन खो रहे हैं जिसमें बहुत से बेकसूर आम लोग मर रहे हैं. दोनों में से किसी पक्ष को और हथियार देना कोई जवाब नहीं है. इसका कोई सैन्य हल नहीं है."

अमेरिकी खुफिया एजेंसियां और ब्रिटेन सहित कई और पश्चिमी देश 21 अगस्त को रासायनिक हमले की बात कह रहे हैं. इसकी तस्वीरें और वीडियो भी मीडिया में आई हैं. अमेरिकी खुफिया एजेंसियों का कहना है कि सारिन नाम की जहरीली गैस का इस्तेमाल किया गया जिसमें दमिश्क के विरोधियों के कब्जे वाले इलाके के 1400 लोग मारे गए हैं. उधर ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरन का कहना है कि उनके देश के पास रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल के नए सबूत हैं. कैमरन ने बीबीसी से कहा, "दमिश्क से लिए कुछ नमूनों को अभी अभी ब्रिटेन की पोर्टन डाउन लैबोरेट्री में जांचा गया है और यह दमिश्क के उपनगर में रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल दिखा रहे हैं." सूत्रों से पता चला है कि दमिश्क से लिए कपड़ों और मिट्टी के नमूनों की जांच से सारिन गैस के इस्तेमाल की पुष्टि हो गई है.

तस्वीर: Reuters

जंग उपाय नहीं है

अमेरिका के सामने मुश्किल यह है कि सिर्फ रूस को मनाने से ही बात नहीं बनेगी, सामने चीन भी अपनी असहमतियों और वीटो का अधिकार लिए खड़ा है. जी20 की बैठक में चीन के प्रवक्ता ने साफ कहा, "सीरिया में जंग से समस्या का हल नहीं होगा." जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल का भी कहना है कि उनका देश सीरिया में असद की सरकार के खिलाफ अमेरिकी नेतृत्व वाले हमले में शामिल नहीं होगा. ब्रिटिश प्रधानमंत्री के उत्साहों पर वहां की संसद पहले ही अपना विरोध जता कर ठंडा पानी डाल चुकी है. भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी हमले के उपाय को उचित नहीं मानते हुए इसका विरोध किया है.

फ्रांस से एक कूटनीतिक सूत्र ने समाचार एजेंसी एएफपी से कहा कि सेंट पीटर्सबर्ग के बाहरी इलाके में पुतिन के शानदार महल में रात्रिभोज कोई सहमति हासिल करने के लिए नहीं था. सूत्र ने कहा, "उद्देश्य शीर्ष नेताओं के बीच चर्चा कराना था, सहमति हासिल करना नहीं." वहां आए लोगों ने इस मंच का इस्तेमाल रासायनिक हमलों की निंदा करने में किया.

पिछले हफ्ते अवश्यंभावी दिख रहा हमला फिलहाल कुछ दिनों के लिए टल सकता है. ओबामा भी संसद से इसकी मंजूरी का इंतजार कर रहे हैं जिसके लिए समयसीमा अभी तय नहीं है. आधी रात डिनर खत्म होने के बाद मेहमानों के लिए विख्यात ओपेरा "ला त्रावियाता" का संक्षिप्त संस्करण भी था. कैमरों के लिए पुतिन और बराक ओबामा मुस्कुरा कर हाथ मिलाते हुए खड़े भी रहे.

एनआर/एमजी (एएफपी)

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