1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

सीरिया पर हमले की तैयारी

३१ अगस्त २०१३

रासायनिक हमले की जांच कर रहे संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञ सीरिया छोड़ चुके हैं. इसके साथ ही सीरिया पर अमेरिकी हमले का रास्ता साफ हो चुका है. अमेरिकी राष्ट्रपति और विदेश मंत्री इसके साफ संकेत दे रहे हैं.

निकले यूएन के अधिकारीतस्वीर: AFP/Getty Images

शनिवार सुबह संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञों के सीरिया छोड़ने के साथ तस्वीर तेजी से बदलने लगी. हालांकि हमले के कई संकेत शुक्रवार को ही मिलने लगे थे. शुक्रवार को अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा कि क्रूज मिसाइलों से लैस अमेरिका के पांच युद्धपोत सीरिया के पास हैं और वो हल्के हमले के की योजना बना रहे हैं. अमेरिका का आरोप है कि सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद ने अपने ही देशवासियों पर जहरीली गैस से हमला किया.


अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी के मुताबिक उनके पास इस बात की पुख्ता खुफिया सूचना है कि हमला सीरिया सरकार ने करवाया. केरी के मुताबिक हमले में 1,429 लोग मारे गए, जिनमें 426 बच्चे थे. विदेश मंत्री ने यह भी कहा कि उन्हें मिली सूचना और सीरिया जाकर जांच करने वाले विशेषज्ञों की रिपोर्ट में एक ही बातें सामने आएंगी.

केरी ने शुक्रवार को ही साफ संकेत दिए कि अमेरिका सीरिया के राष्ट्रपति को सबक सिखाएगा. अंतरराष्ट्रीय संधि के तहत दुनिया भर में रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल प्रतिबंधित है. ओबामा ने कहा, "इस तरह का हमला विश्व के सामने एक चुनौती है."

सीरिया के पास अमेरिकी युद्धपोततस्वीर: U.S. Navy/Anna Wade/Released

इस बीच अमेरिका ने मध्यपूर्व में अपनी नौसैनिक टुकड़ियों को सतर्क कर दिया है. अअगर सीरिया पर हमले की स्थिति पैदा होती है, तो अमेरिका को उम्मीद है कि फ्रांस उसकी सहायता करेगा.

समझा जाता है कि अमेरिका के पांच युद्धपोत सैकड़ों क्रूज मिसाइलों के साथ अपनी तैयारियों को आखिरी रूप दे रहे हैं. अमेरिकी रक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि युद्धपोत यूएसएस स्टाउट के साथ माहन, रैमजे, बैरी और ग्रेवली को तैयार किया जा रहा है.

नौसेना ने यह नहीं बताया कि हर पोत में कितनी मिसाइल होंगी लेकिन समझा जाता है कि हर जहाज में 40 मिसाइलें हो सकती हैं. अमेरिका का छठा युद्धपोत यूएसएस माउंट व्हिटनी इटली के गाएटा में तैनात है.

इसके अलावा अमेरिकी पोत तुर्की के इजमीर और इनसिरलिक में भी हैं. इसके अलावा लंबी दूरी तक हमला करने वाले बंबरों को उत्तरी अमेरिकी नौसैनिक ठिकाने से भेजा जा सकता है. 26वें नौसैनिक अभियान दल के युद्धपोत संयुक्त अरब अमीरात में तैनात हैं, जबकि यूएसएस ट्रूमैन और यूएसएस नीमित्ज उत्तरी हिन्द महासागर में हैं.

इस वक्त फ्रांस के तौर पर एकमात्र यूरोपीय देश इस हमले में साथ देने को तैयार है और उसके युद्धपोत और लड़ाकू विमान भी कमान पाने का इंतजार कर रहे हैं. फ्रांसीसी लड़ाकू विमानों को स्कैल्प मिसाइलों से लैस किया जा सकता है, जिनसे सीधे सीरिया पर निशाना लगाया जा सकता है.

ओबामा के सख्त स्वरतस्वीर: picture alliance/AP Photo

अफ्रीकी देश जिबूती में फ्रांस ने अपने सात मिराज 2000 लड़ाकू विमान तैनात कर रखे हैं. उसके छह रफाएल विमान अबु धाबी में हैं. नौसैनिक पनडुब्बियों को भी तैयार किया जा रहा है.

इस बीच, सीरिया का पड़ोसी देश तुर्की भी कमर कस रहा है. तुर्की के पास पांच लाख से ज्यादा सैनिक हैं और 354 लड़ाकू विमान. इनमें अमेरिका में तैयार एफ-16 विमान भी शामिल हैं. दक्षिणी तुर्की में मिसाइल रोधी पैट्रियट मिसाइलों को तैनात किया गया है, जिसका जिम्मा अमेरिकी, जर्मन और नीदरलैंड्स के सैनिक संभालेंगे. तुर्की नाटो का सदस्य है और यह कार्यक्रम नाटो के तहत ही लागू किया जाएगा.

समझा जाता है कि खाड़ी के देश सैनिक सहायता नहीं देंगे लेकिन अमेरिकी और फ्रांसीसी सेना के लिए ठिकाने उपलब्ध कर सकते हैं. कूटनीतिक दृष्टि से यह काफी अहम होगा.

एजेए/ओएसजे (एएफपी)

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी

और रिपोर्टें देखें
डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी को स्किप करें

डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी

डीडब्ल्यू की और रिपोर्टें को स्किप करें

डीडब्ल्यू की और रिपोर्टें