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सीरिया में आम माफी को अमेरिका ने खारिज किया

१ जून २०११

सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद ने सभी राजनीतिक कैदियों को आम माफी देने का एलान किया है. लेकिन विपक्ष और अमेरिका ने इस कदम को खारिज कर दिया है. इस बीच कुछ और प्रदर्शनकारियों की मौत हुई है.

An Arab demonstrator waving a Syrian flag stands on the border fence between Syria and Israel as demonstrators marking the anniversary of the mass displacement of Palestinians surrounding Israel's establishment in 1948 approach the village of Majdal Shams in the Golan Heights, Sunday, May 15, 2011. The Israeli military said thousands of protesters approached Syria's border with the Israeli-controlled Golan Heights. It said hundreds of people burst through the border, and soldiers opened fire to stop them. Dozens were wounded and six were reported killed. (AP Photo/Yaron Kaminsky) ISRAEL OUT
तस्वीर: AP

मंगलवार को सरकारी समाचार एजेंसी सना ने कहा, "राष्ट्रपति असद ने उन सभी राजनीतिक अपराधों के लिए आम माफी का आदेश दिया है जो 31 मई 2011 से पहले किए गए. आम माफी सभी राजनीतिक कैदियों और मुस्लिम ब्रदरहुड के सदस्यों पर लागू होगी."

देश में दो महीने से जारी खूनी प्रदर्शनों के बाद सरकार के इस कदम को विपक्षी कार्यकर्ताओं ने खारिज कर दिया है. तुर्की में जमा हुए विपक्षी कार्यकर्ताओं ने इसे नाकाफी बताया है. 2005 में बनाए गए संगठन दमिश्क घोषणा के कार्यकर्ता अब्देल रज्जाक आइद ने कहा, "यह कदम काफी नहीं है. हमने इस आम माफी की मांग सालों पहले की थी. अब तो बहुत देर हो चुकी है."

रज्जाक ने कहा कि लोग सिर्फ एक ही नारे के तले जमा हैं और वह है सत्ता बेदखल हो और जिन्होंने अपराध किए हैं वे कठघरे में खड़े हों. उन्होंने कहा, "जो खून बहाया गया है वह व्यर्थ नहीं जाएगा."

तस्वीर: AP

अमेरिका भी खुश नहीं

अमेरिका ने भी राष्ट्रपति असद के इस कदम को खारिज कर दिया है. अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने कहा कि असद ने जो किया है वह काफी नहीं है. उन्होंने कहा, "उन्होंने अपने ही लोगों के खिलाफ हो रही हिंसा को खत्म करने की बात नहीं कही है. ना ही उन्होंने किसी तरह के सुधार के लिए गंभीर कदम उठाए हैं. हर गुजरते दिन के साथ सरकार की स्थिति कमजोर होती जा रही है और लोगों की मांग मजबूत होती जा रही है."

लेकिन सीरियाई मानवाधिकार लीग के प्रमुख अब्दुल करीम रिहावी ने इस फैसले का स्वागत किया है और सरकार से अपील की है कि सीरिया में मानवाधिकारों को बढ़ावा देने के लिए इस तरह के और कदम उठाए.

मिस्र और ट्यूनिशिया की प्रेरणा से 15 मार्च को शुरू हुए विरोध प्रदर्शनों में अब तक एक हजार से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया है. मानवाधिकार संगठनों के मुताबिक 11 सौ लोगों की जानें जा चुकी हैं.

रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार

संपादनः ईशा भाटिया

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