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सीरिया में गोलीबारी रोकने के आदेश, पर चारों ओर सेना

१३ मई २०११

सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद ने अपनी सेनाओं को प्रदर्शनकारियों पर गोली न चलाने का आदेश दिया हैं. लेकिन सेना के टैंक कई शहरों में तैनात हैं.

In this photo released by the Syrian official news agency SANA, Syrian pro-government supporters carry pictures of Syrian President Bashar Assad during a sit-in in front of the U.S. Embassy in Damascus, Syria, Wednesday, May 11, 2011. SANA said hundreds of Syrians held a demonstration Wednesday in front of the U.S. Embassy in Damascus to protest "U.S. intervention in the country's internal affairs." (AP Photo/SANA) EDITORIAL USE ONLY
तस्वीर: AP

मानवाधिकार कार्यकर्ता लोआय हुसैन ने बताया कि असद के सलाहकार बौथेना शाबन ने उन्हें फोन पर यह जानकारी दी. हुसैन के अनुसार शाबन ने कहा, "राष्ट्रपति ने स्पष्ट आदेश दिए हैं कि प्रदर्शनकारियों पर गोलियां नहीं चलाई जाएंगी और जो भी इसका उल्लंघन करेगा, उसके खिलाफ कदम उठाए जाएंगे." हुसैन ने इससे पहले शाबन से मुलाकत कर यह मांग की थी कि सरकार हिंसा बंद करे और बातचीत से समस्या का समाधान निकाले.

सीरिया में पिछले आठ हफ्तों से जुम्मे की नमाज के बाद प्रदर्शन होते आ रहे हैं. इन्हें रोकने के लिए सरकार ने सेना तैनात की है. शुक्रवार को भी सीरिया के कई शहरों में सेना के दर्जनों टैंक तैनात हैं. राष्ट्रपति असद ने भले ही गोलीबारी ना करने की बात कही हो, लेकिन सेना के वापस लौटने के कोई आदेश नहीं दिए गए हैं. राजधानी दमिश्क में एक प्रदर्शनकारी ने बताया, "बरसात और सेना की मौजूदगी के बावजूद जुम्मे की नमाज के बाद लोग सड़कों पर उतर आएंगे."

सीरिया में 15 मार्च से प्रदर्शन हो रहे हैं. प्रदर्शनकारियों ने अब तक मारे गए 750 लोगों के नाम इंटरनेट पर डाले हैं, ताकि प्रदर्शन और भी तेज हो सकें. मानवाधिकार संगठनों ने कम से कम 8000 लोगों के लापता होने की बात कही है. माना जा रहा है कि उन्हें हिरासत में रखा गया है. दमिश्क, अलेपो और लताकिया में कई पत्रकारों को भी गिरफ्तार किया गया है.

तस्वीर: dapd

रूस की चेतावनी

रूस के विदेश मंत्री सेरगेई लावरोव ने सीरिया में विदेशी हस्तक्षेप की बात करते हुए सीरिया को चेतावनी दी है कि वह लीबिया वाली गलती ना करें. रूस की समाचार एजेंसियों के अनुसार लावरोव ने कहा, "हमें इस बात की फिक्र है कि शांति वार्ता के प्रयासों की गति को धीरे करने की कोशिश की जा रही है." कजाकिस्तान के दौरे पर लावरोव ने कहा कि अगर सीरिया अपना रुख नहीं बदलता है, तो हो सकता है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय उसके विरुद्ध भी वैसे ही कदम उठाए जैसे लीबिया के विरुद्ध उठाए जा रहे हैं.

मार्च में जब संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने लीबिया पर सैन्य कार्रवाई करने का फैसला लिया तो रूस ने खुद को उस से दूर ही रखा. इस पर सफाई देते हुए लावरोव ने कहा कि ऐसा नहीं है कि रूस लीबिया मामले में संयुक्त राष्ट्र का साथ नहीं देना चाहता, लेकिन संयुक्त राष्ट्र द्वारा बल प्रयोग करने पर रूस की सहमति नहीं थी. लावरोव ने कहा, "हमने, ब्राजील, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका ने जो सवाल उठाए थे, उनका हमें अब तक संतोषजनक जवाब नहीं मिल सका है."

यूरोपीय संघ ने इसी सप्ताह सीरिया के 13 नेताओं पर प्रतिबंध लगाए हैं.

रिपोर्ट: एजेंसियां/ईशा भाटिया

संपादन: ए कुमार

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