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सीरिया में नए संविधान पर जनमत संग्रह

१६ फ़रवरी २०१२

राष्ट्रपति बशर अल असद ने सीरिया में 26 फरवरी को नए संविधान पर जनमत संग्रह कराने की घोषणा की है. जर्मन विदेश मंत्री गीडो वेस्टरवेले ने उसके असर पर संदेह व्यक्त किया है तो रूस ने घोषणा का स्वागत किया है.

तस्वीर: AP

11 महीने से विपक्ष के विद्रोह और सेना में विभाजन का सामना कर रहे असद ने पिछले साल सुधारों का वायदा किया था लेकिन साथ ही विद्रोह दबाने के लिए अपनी सेना भी भेज दी थी. पिछले साल 46 वर्षीय असद ने आपात स्थिति हटा ली और फरवरी में बहुदलीय लोकतांत्रिक चुनाव का आश्वासन दिया. उन्होंने इस समय तक नया संविधान बनाने और उस पर जनता से राय लेने की भी बात कही थी.

सारे देश में जनमत संग्रह करना मुश्किल होगा क्योंकि देश के कई हिस्सों में खुला विद्रोह हो रहा है और उन्हें सेना ने घेर रखा है. विपक्ष के नियंत्रण वाले होम्स के जिलों पर पिछले 13 दिनों से लगातार गोलीबारी हो रही है.

दो कार्यकाल

सीरिया टीवी ने संविधान के मसौदे की जानकारी देते हुए कहा कि राष्ट्रपति को सात साल के अधिकतम दो कार्यकाल के लिए चुना जाएगा. वर्तमान संविधान में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है. असद के पिता हफीज अल असद 29 साल तक देश के शासक रहे जबकि 11 साल पहले उनकी मौत के बाद से बशर अल असद देश की बागडोर संभाल रहे हैं.

नए संविधान में बहुदलीय व्यवस्था का भी प्रावधान है. सीरिया टीवी ने मसौदे के हवाले से कहा, "देश की राजनीतिक व्यवस्था राजनीतिक बहुलता और लोकतंत्र पर आधारित होगी जिस पर अमल मतपेटी के जरिए होगा." 1970 के दशक से लागू सीरिया के वर्तमान संविधान में असद की बाथ पार्टी को देश और समाज का नेता बताया गया है.

नए संविधान में कहा गया है कि राजनीतिक पार्टियां धर्म, पेशे या क्षेत्रीय हितों पर आधारित नहीं हो सकती. इससे मुस्लिम ब्रदरहुड जैसी पार्टियों का गठन नहीं हो सकता जो वर्तमान विद्रोह में बड़ी भूमिका निभा रही है. साथ ही देश के पश्चिमोत्तर में कुर्द पार्टियां भी नहीं बनाई जा सकेंगी जो बाद में क्षेत्रीय स्वायत्तता की मांग करे.

तस्वीर: Reuters

इस बीच सीरियाई सैनिकों ने होम्स और हामा में विपक्षी गढ़ों के अलावा राजधानी दमिश्क के एक जिले में भी हमले किए हैं. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार राजधानी के बारजेह इलाके में सेना ने रास्तों की नाकेबंदी कर घरों की तलाशी ली और गिरफ्तारियां की. स्थानीय निवासियों ने कहा है कि सेना विपक्षी कार्यकर्ताओं और फ्री सीरियन आर्मी के विद्रोहियों की तलाश कर रही थी.

जर्मनी को संदेह

जर्मन विदेश मंत्री गीडो वेस्टरवेले ने इस पर संदेह व्यक्त किया है कि सीरिया में जनमत संग्रह से वहां के गंभीर संकट का हल हो सकता है. उन्होंने कहा, "सरकार के बलप्रयोग का अंत, एक सचमुच की राजनीतिक शुरुआत और विश्वसनीय लोकतांत्रिक परिवर्तन जरूरी है." फ्रांस के विदेश मंत्री अलां जुप्पे ने कहा है कि उनका देश सीरिया पर सुरक्षा परिषद के नए प्रस्ताव पर काम कर रहा है ताकि रूस अपना विरोध छोड़ दे.

इस बीच संयुक्त राष्ट्र की महासभा गुरुवार को सीरिया पर एक सांकेतिक प्रस्ताव पर मतदान करेगी. रूस और चीन ने सुरक्षा परिषद में एक प्रस्ताव को वीटो कर दिया था जिसमें राष्ट्रपति असद के इस्तीफे की मांग की गई थी.

उधर रूस के विदेश मंत्री सेर्गेई लावरोव ने सीरिया में जनमत संग्रह की घोषणा का स्वागत करते हुए कहा है कि असद सरकार को अलग थलग करना गलती होगी. द हेग में नीदरलैंड्स के विदेश मंत्री ऊरी रोजेनथाल से भेंट के बाद उन्होंने कहा कि रूस का मानना है कि सीरिया के लोगों को बिना किसी बाहरी हस्तक्षेप के आपसी संवाद के जरिए समस्याओं को सुलझाना चाहिए.

रिपोर्ट: रॉयटर्स,डीएपीडी, एएफपी/महेश झा

संपादन: ए जमाल

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