संयुक्त राष्ट्र ने सीरियाई नागरिकों के खिलाफ कथित रासायनिक हमले के खिलाफ दुनिया को चेतावनी देते हुए कहा है कि इस संकट को जल्द खत्म करने की जरूरत है ताकि स्थिति नियंत्रण के बाहर न हो जाए.
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हाल में अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने कहा कि सीरिया में कथित रासायनिक हमलों का जवाब दिया जाएगा. संयुक्त राष्ट्र के महासचिव अंटोनियो गुटेरेश ने बुधवार को चेतावनी भरे लहजे में कहा कि अब तक संयुक्त राष्ट्र इस मसले का कूटनीतिक समाधान निकालने में असफल रहा है. उन्होंने कहा कि वह सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्यों, अमेरिका, रूस, चीन, फ्रांस और ब्रिटेन के राजदूतों के साथ इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे ताकि स्थिति नियंत्रण से बाहर न हो. संयुक्त राष्ट्र ने सीरिया संकट पर बातचीत के लिए आपातकालीन बैठक बुलाई है. वहीं ब्रिटेन ने भी इस मुद्दे पर आपातकालीन कैबिनेट बैठक बुलाई है.
कयास लगाए जा रहे हैं कि अमेरिका कथित रासायनिक हमलों के जवाब में कोई बड़ी सैन्य कार्रवाई कर सकता है. एक निगरानी समूह के मुताबिक रूस ने सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद पर से ये आरोप हटाने की कोशिश की है. इसके तहत राजधानी दमिश्क की इमारतों से असद प्रशासन ने सुरक्षाबलों को हटा दिया है. पिछले दिनों लेबनान में कार्यरत रूस के राजदूत ने एक टीवी चैनल पर कहा था कि अगर अमेरिका मिसाइल हमला करता है, तो उसे खत्म कर दिया जाएगा. इसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने ट्वीट की बौछार कर जवाबी कार्रवाई की बात कही थी.
रूस और अमेरिका का विरोध
रूस और अमेरिका ने अब तक संयुक्त राष्ट्र में रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल पर अंतरराष्ट्रीय एजेंसी से जांच कराने को लेकर एक-दूसरे के प्रस्तावों के खिलाफ अपने वीटो का इस्तेमाल किया है. हालांकि इस बीच रूस के रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि कथित रूप से रासायनिक हमलों का निशाना बनाए गए डूमा पर सीरिया प्रशासन ने अपना झंडा फहरा दिया. इसका मतलब है कि अब यह क्षेत्र सरकार के पूर्व नियंत्रण में आ गया है, जो पहले विद्रोहियों के कब्जे में था.
कहां कहां इस्तेमाल हुए रासायनिक हथियार
अक्सर युद्ध की स्थिति में रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल के बारे में सुनने को मिलता है. जंग के अलावा इनका इस्तेमाल किसी ना किसी साजिश के तहत भी होता रहा है. जानिए कब और कहां इस्तेमाल हुए रासायनिक हथियार.
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सीरिया
साल 2012 से सीरिया में कई बार रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल किया जा चुका है. इनमें सारीन, क्लोरीन और मस्टर्ड गैस शामिल हैं. सबसे ताजा हमला पूर्वी गूटा प्रांत के डूमा शहर में हुआ है. 7 अप्रैल 2018 को हुए इस हमले में 70 से ज्यादा लोग मारे गए हैं. अमेरिका ने रूस को इस हमले के लिए जिम्मेदार बताया है.
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सेर्गेई स्क्रिपाल
4 मार्च 2018. पूर्व रूसी जासूस सेर्गेई स्क्रिपाल और उनकी बेटी यूलिया को इंग्लैंड के सैलिसबरी इलाके में एक बेंच पर बेहोश पाया गया. जांच के दौरान पता चला कि उन पर नर्व एजेंट से हमला किया गया था, जो संभवतः उनके घर के दरवाजे पर रखा गया था. इस हमले के बाद से रूस और ब्रिटेन के रिश्तों में काफी खटास आई.
किम जोंग नाम
13 फरवरी 2017. मलेशिया के क्वालालम्पुर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर दो महिलाएं वीएक्स नर्व एजेंट से एक व्यक्ति पर हमला करती हैं. 15 से 20 मिनट के बीच इस व्यक्ति की जान चली जाती है. यह शख्स था उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन का सौतेला भाई किम जोंग नाम. माना जाता है कि किम जोंग उन ने ही इस हत्या की साजिश रची.
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आलेक्सांडर लित्विनेंको
1 नवंबर 2006. पूर्व रूसी जासूस आलेक्सांडर लित्विनेंको अचानक ही बीमार हुए और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया. तीन हफ्ते बाद उनकी मौत हो गई. जांच में पता चला कि उनकी चाय में रेडियोधर्मी पोलोनियम 210 मिलाया गया था. पहली बार किसी पर इस जहर का इस्तेमाल किया गया था. रूस इसमें अपना हाथ होने से इंकार करता है.
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टोक्यो
20 मार्च 1995. टोक्यो मेट्रो में पांच हमले किए गए. मेट्रो की तीन लाइनों में नर्व एजेंट सारीन से भरे थैले छोड़े गए. इसमें 12 लोगों की जान गई, 50 घायल हुए और एक हजार लोगों की देखने की क्षमता चली गई. इसे जापान में घरेलू आतंकवाद का अब तक का सबसे संगीन मामला माना जाता है.
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हालांकि रूसी सेना असद प्रशासन की इस हालिया जीत पर स्वयं की भागीदारी से लगातार इनकार कर रही है, बल्कि वह सिविल डिफेंस संस्था वाइट हेलमेट्स पर इस घटना को नरसंहार का रूप देने के लिए जिम्मेदार ठहरा रही है.
वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति कार्यालय व्हाइट हाउस की प्रवक्ता सारा सैंडर्स के मुताबिक, "अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप, सीरिया में हुए रासायनिक हमले के लिए सीरियाई प्रशासन और रूस को जिम्मेदार मान रह हैं." रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इस बारे में कहा, "दुनिया में स्थिति हर दिन अराजक होती जा रही है लेकिन हम उम्मीद करते हैं कि कॉमनसेंस को जगह मिलेगी और अंतरराष्ट्रीय संबंध एक नए रचनात्मक माहौल की ओर बढ़ेंगे."
वहीं सीरिया का असद प्रशासन, अमेरिका पर विद्रोहियों का साथ देने का आरोप लगाता है. पिछले सात साल से सीरिया में गृहयुद्ध जारी है.
ये हैं सबसे खतरनाक रासायनिक हथियार
अंतरराष्ट्रीय समुदाय के कड़े प्रतिबंध के बावजूद कुछ देशों पर रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल करने के आरोप लगते हैं. आखिर कौन से हैं ये घातक रासायनिक हथियार.
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VX
VX बेहद जहरीला रासायनिक मिश्रण है. ऑर्गनोफॉस्फेट क्लास का यह कंपाउंड रंगहीन और गंधहीन द्रव होता है. यह सीधा इंसान के तंत्रिका तंत्र पर हमला करता है. इसका असर सेकेंडों के भीतर होता है. इसकी छोटी सी डोज भी जान लेने के लिये काफी है. VX के शिकार इंसान दम घुटने या हृदय नाकाम होने से मारे जाते हैं.
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सारीन
सारीन बेहद विषैला रसायन है. इसकी एक बूंद भी एक व्यस्क इंसान को तुरंत मार सकती है. VX की तरह सारीन भी तंत्रिका तंत्र पर हमला करता है. सारीन के संपर्क में आने वाले की मांसपेशियां नाकाम हो जाती है और आखिरकार मौत हो जाती है.
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मस्टर्ड गैस
इसका असर धीमा लेकिन घातक होता है. मस्टर्ड गैस आंखों, श्वसन तंत्र, त्वचा और कोशिकाओं पर हमला करती है. पहली बार त्वचा से इसका संपर्क होने पर ऐसा लगता है जैसे जला हो. लेकिन कुछ देर बाद बेहद तेज दर्द होने लगता है. यह गैस इंसान को अंधा भी कर सकती है.
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फॉसजेन
फॉसजेन को अब तक के सबसे घातक रासायनिक हथियारों में गिना जाता है. प्लास्टिक और कीटनाशक बनाने में इस्तेमाल होने वाली फॉसजेन गैस रंगहीन होती है. फॉसजेन से संपर्क में आते ही इंसान की सांस फूल जाती है, कफ बनने लगता है, नाक बहने लगती है.
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क्लोरीन
क्लोरीन का इस्तेमाल आम तौर पर सफाई, कीटनाशक बनाने, रबर बनाने या फिर पानी को साफ करने के लिए किया जाता है. लेकिन अगर क्लोरीन को ज्यादा मात्रा में इस्तेमाल किया जाए तो ये जानलेवा साबित होती है. यह गैस सीधे फेफड़ों पर हमला करती है और जान लेकर ही छोड़ती है.