सीरिया में हुए आत्मघाती हमलों में कम से कम 140 लोगों के मारे जाने की खबर है. कुछ रिपोर्टों के अनुसार यह संख्या ज्यादा भी हो सकती है. कट्टरपंथी संगठन इस्लामिक स्टेट ने हमले की जिम्मेदारी ली है.
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एक हमला सीरिया की राजधानी दमिश्क के करीब स्थित एक शिया दरगाह के बाहर हुआ, जबकि दूसरा होम्स शहर में. मानवाधिकार संस्था सीरियन ऑब्जरवेट्री फॉर ह्यूमन राइट्स के अनुसार सईदा जैनब दरगाह के बाहर हुए हमले में 96 लोग मारे गए हैं. साथ ही सीरिया की सरकारी समाचार एजेंसी सना ने बताया है कि इसी हमले में करीब 180 लोग घायल हुए हैं, इनमें कई बच्चे भी शामिल हैं.
एएफपी के एक पत्रकार के अनुसार हमला दरगाह से करीब 400 मीटर की दूरी पर हुआ. उनके अनुसार यहां पैगंबर मोहम्मद की पोती की कब्र है. जनवरी में भी इस्लामिक स्टेट ने इसी इलाके में हमला किया था. उस समय 70 लोगों की जान गयी थी. वहीं होम्स शहर में कार में हुए दो धमाकों में करीब 60 लोगों के मारे जाने की खबर है.
इस्लामिक स्टेट ने इंटरनेट के माध्यम से इन सभी हमलों की जिम्मेदारी ली है. इससे पहले भी आईएस इसी तरह से हमलों की जिम्मेदारी लेता आया है. सरकारी समाचार एजेंसी सना द्वारा जारी किए गए वीडियो में जलती हुई गाड़ियां, टूटी हुई इमारतें और हमले की जगह पर सड़क में गड्ढा देखा जा सकता है.
अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी ने रविवार को कहा कि वे रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के साथ एक सहमति पर पहुंचे हैं, जिसके तहत सीरिया में युद्धविराम लागू किया जा सकेगा. उन्होंने कहा कि समझौते पर अभी हस्ताक्षर नहीं हुए हैं लेकिन उन्हें पूरी उम्मीद है कि आने वाले दिनों में युद्धविराम घोषित किया जा सकेगा. मॉस्को ने भी इसकी पुष्टि की है. रूस के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा है, "बातचीत के नतीजों के बारे में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा को सूचित किया जा रहा है."
वहीं सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद ने स्पेन के एक अखबार एल पाइस को दिए इंटरव्यू में कहा है कि आतंकवादियों के खिलाफ लड़ाई से युद्धविराम पर असर पड़ सकता है. उन्होंने कहा, "जाहिर है, आतंकवादियों से लड़ाई तो जारी ही रहेगी." इस्लामिक स्टेट के अलावा सीरिया अहरार अल शाम, जैश अल इस्लाम और अल नुस्र को भी आतंकी संगठन मानता है. अमेरिका ने भी माना है कि आईएस और अल नुस्र के खिलाफ लड़ाई को युद्धविराम के कारण रोका नहीं जाएगा.
2011 से शुरू हुआ सीरिया का गृह युद्ध अब तक ढाई लाख से अधिक जानें ले चुका है. देश की आधी आबादी देश छोड़ कर जाने पर मजबूर है.
आईबी/आरपी (डीपीए,एएफपी)
युद्ध की पृष्ठभूमि में प्यार
अपने शहर की लगातार बमबारी के बावजूद होम्स के एक जोड़े ने शांति की उम्मीद नहीं छोड़ी है. एएफपी के एक फोटोग्राफर ने उनके प्यार और शादी को दुनिया तक पहुंचाया है.
तस्वीर: Getty Images/AFP/J. Eid
प्यार में सीरिया का पुनर्निर्माण
युद्ध और विभीषिका के साए में हुई शादी की तस्वीरों को इस्तेमाल करने के जाफर मिराय के फैसले के बाद एएफपी ने भी कुछ तस्वीरें जारी करने का फैसला किया जिसे उसके फोटोग्राफर ने इस मौके पर लिया था. मिराय ने अपनी तस्वीरों को "प्यार में सीरिया का पुनर्निर्माण" नाम दिया है और फेसबुक पर पोस्ट किया है.
तस्वीर: Getty Images/AFP/J. Eid
खंडहर में प्यार
18 वर्षीया नादा मेरही और 27 वर्षीय सैनिक हसन यूसुफ ने जब शादी करने का फैसला किया तो अपनी शादी की तस्वीरों के लिए असामान्य सी पृष्ठभूमि चुनी. बमबारी में खंडहर बना अपना शहर होम्स. मिराय ने खंडहरों का इस्तेमाल यह दिखाने के लिए किया है कि जिंदगी मौत से ज्यादा ताकतवर है.
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बंटा हुआ शहर
सीरिया के गृहयुद्ध में 250,000 लोग मारे गए हैं. उनमें से अधिकांश असैनिक नागरिक हैं. देश के तीसरे सबसे बड़े शहर होम्स ने राष्ट्रपति बशर अल असद के वफादार सैनिकों के हमलों में भारी नुकसान सहा है. यह पहला शहर था जिसने 2012 में असद सरकार के खिलाफ विद्रोह किया था.
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सफेद ड्रेस भूरा मलबा
कभी लहलहाते चमचमाते शहर के बीचोंबीच नादा की सफेद झकझक ड्रेस युवा जोड़े के आस पास में हुई बर्बादी को दिखाती है. खंडहर बने घर, दीवारों पर बुलेट के निशान और सुनसान सड़कें होम्स में रहने वाले लोगों को लगातार इस बात का अहसास दिलाती हैं कि उनकी जिंदगी पूरी तरह बदल गई है.
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लगातार जारी हमले
होम्स पर सरकार का नियंत्रण फिर से होने के बावजूद हमले रुके नहीं हैं. अल जहरा इलाके में 26 जनवरी को हुए आत्मघाती हमले में 22 लोग मारे गए थे और 100 से ज्यादा घायल हो गए. इस इलाके में मुख्य रूप से अलावी समुदाय के लोग रहते हैं जो इस्लाम का अल्पसंख्यक समुदाय है. राष्ट्रपति असद इसी समुदाय के हैं.
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अकेला नहीं होम्स
सितंबर 2015 से रूसी बमवर्षकों ने राष्ट्रपति असद के सैनिकों के समर्थन में विपक्षी ठिकानों पर बमबारी की है. सीरिया में आईएस के ठिकानों पर अमेरिका के नेतृत्व वाली अंतरराष्ट्रीय सहबंध भी हवाई हमले कर रहा है. 15 फरवरी को तुर्की की सीमा से लगे इलाकों में स्कूलों और अस्पतालों पर बमबारी की गई.
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अंतरराष्ट्रीय कोशिशें
अंतरराष्ट्रीय समुदाय सीरिया में शांति स्थापना की कोशिशें कर रहा है. पश्चिमी देश और सीरिया का विपक्ष भावी समाधान में राष्ट्रपति असद की कोई भागीदारी नहीं चाहते. लेकिन सरकारी सैन्य कार्रवाई में असद की मदद कर रूस इलाके में नए हालात पैदा करना चाहता है. इस बीच आईएस लगातार पैर पसार रहा है.
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संघर्ष विराम तय
म्यूनिख में हुए इस साल के सुरक्षा सम्मेलन में अमेरिका और रूस के सहयोग से सीरिया में संघर्ष विराम तय हुआ है. लेकिन इसके लागू होने से पहले ही राष्ट्रपति असद ने एक ओर समय कम होने की बात कही है तो दूसरी ओर तुर्की की सीमा पर कुर्दों के आगे बढ़ने के कारण तुर्की संघर्ष में और उलझता जा रहा है.
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युद्धकाल में प्यार
फेसबुक पर मिराय की तस्वीरों पर कुछ यूजर्स ने भावनात्मक टिप्पणियां की हैं. एक ने लिखा है, "तस्वीर में मैं दूल्हे जैसा लगता हूं." एक अन्य ने लिखा, "ईश्वर तुम्हारे और सारे सीरियावासियों के साथ रहे. इन तस्वीरों और उन्हें दुनिया के साथ बांटने के लिए शुक्रिया." एक अन्य ने इसका टाइटल युद्धकाल में प्यार करने की सलाह दी है.
तस्वीर: Getty Images/AFP/J. Eid
जिंदगी नाम जीने का
मिराय की तस्वीरें इस बीच इतनी लोकप्रिय हो गई हैं कि लोग लगातार उनके फेसबुक पेज पर कमेंट डाल रहे हैं. कुछ इन तस्वीरों का स्लाइड शो बना रहे हैं, तो कुछ इसे यूट्यूब वीडियो में बदल रहे हैं. एक यूजर ने तो मिराय की तस्वीरों को खंडहर बने शहर होम्स में भी जिंदगी जारी रहने का सबूत बताया है.