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सीवीसी के मानदंड तय करेगी सुप्रीम कोर्ट

४ फ़रवरी २०११

केंद्रीय सतर्कता आयुक्त के पद पर पीजे थॉमस की नियुक्ति पर सरकार को एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट के तीखे सवालों का सामना करना पड़ा है. कोर्ट ने कहा है कि भविष्य में सीवीसी की नियुक्ति के दिशानिर्देशों को वह तय करेगी.

तस्वीर: Wikipedia/LegalEagle

केंद्रीय सतर्कता आयोग ने 2007-08 में पीजे थॉमस की सचिव पद पर नियुक्ति की हरी झंडी दी लेकिन अब कोर्ट सीवीसी के अधिकार क्षेत्र पर सवाल उठा रही है. चीफ जस्टिस एसएच कपाड़िया की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा है कि केंद्रीय सतर्कता आयुक्त का फैसला आखिरी फैसला नहीं हो सकता. सचिव पद के लिए थॉमस को मंजूरी दिए जाने के बाद ही उनका बाद में सतर्कता आयुक्त बनाए जाने का रास्ता साफ हो गया.

कोर्ट ने कहा कि क्या सतर्कता आयोग यह कह सकता है कि किसी अधिकारी के खिलाफ दर्ज केस में कोई दम नहीं है और फिर उसे क्लीयरेंस दे दे. सुप्रीम कोर्ट बेंच की यह टिप्पणी अटॉर्नी जनरल जीई वाहनवती की उस दलील के बाद आई है जिसमें उन्होंने कहा कि अगर सीवीसी की पोस्ट के लिए किसी ऐसे अधिकारी पर विचार हो रहा है जिसके खिलाफ चार्जशीट दायर है तो यह इससे कोई फर्क नहीं पड़ता. वाहनवती के मुताबिक चार्जशीट अधिकारी की छवि पर दाग नहीं है.

सुप्रीम कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल वाहनवती से पूछा था कि केंद्रीय सतर्कता आयुक्त के पद पर नियुक्ति के लिए बेदाग छवि का मानदंड क्या है. सुप्रीम कोर्ट के इस सवाल पर दलील में कहा गया कि बेदाग छवि एक अहम योग्यता है लेकिन चार्जशीट दर्ज होना कोई कलंक नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने वाहनवती को कहा कि आम तौर पर किसी अधिकारी के खिलाफ चार्जशीट होना उसकी छवि में दाग माना जाता है और किसी की छवि बेदाग कैसे हो सकती है जब उसके खिलाफ चार्जशीट दायर है. इसके जवाब में अटॉर्नी जनरल ने कहा कि यह एक ऐसा मामला है जिस पर बहस की गुंजाइश है.

पीजे थॉमस की नियुक्ति के खिलाफ याचिका दायर करने वाले प्रशांत भूषण ने कहा है कि पामोलीन आयात केस से जुड़े कई पहलू सतर्कता आयोग के सामने नहीं रखे गए लेकिन फिर भी थॉमस को हरी झंडी दे दी गई. केरल में सचिव पद पर कार्यरत पीजे थॉमस के कार्यकाल में पामोलीन ऑयल आयात घोटाला हुआ जिसमें उनकी भूमिका पर सवाल उठाए गए और मामला दर्ज हुआ.

केंद्रीय सतर्कता आयुक्त के पद पर नियुक्ति के दौरान बीजेपी ने उसी केस का हवाला देते हुए उन्हें नियुक्त नहीं किए जाने की मांग की लेकिन सरकार ने थॉमस को ही सीवीसी की जिम्मेदारी सौंपी. अब सरकार को सुप्रीम कोर्ट में इस फैसले पर कड़े सवालों का सामना करना पड़ रहा है.

रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़

संपादन: ए जमाल

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