सुंदर हूं, पर और सुंदरता चाहिए
१८ सितम्बर २०१२जानी मानी कॉस्मेटिक कंपनी लॉरियल का अनुमान है कि आने वाले समय में खूबसूरत बनाने वाले उत्पादों का बाजार तेजी से बढ़ेगा. सबसे ज्यादा संभावनाएं चीन और भारत जैसे देशों में हैं.
कंपनी ने भारत, इंडोनेशिया और मेक्सिको जैसे देशों में रिसर्च संस्थान खोल दिए हैं. लंदन के यूरोमॉनीटर रिसर्च समूह के मुताबिक अगले पांच साल के अंदर सौंदर्य प्रसाधनों के बाजार में सालाना 64 अरब डॉलर की वृद्धि होगी. इसमें एशिया प्रशांत इलाके में 26 अरब डॉलर की और लैटिन अमेरिका में 22 अरब डॉलर की वृद्धि होगी.
पेरिस स्थित रोनाल्ड बर्गर कंसल्टेंट के विश्लेषक लॉरेन्ट डुसूय का कहना है, "सौंदर्य प्रसाधन बनाने वाली बहुत सी कंपनियां उभरते हुए क्षेत्रीय बाजारों में पकड़ मजबूत करने की कोशिश में लगी हैं. इन जगहों पर शोध संस्थान बनाकर ये कंपनियां उस क्षेत्र के हिसाब से विशेष प्रोडक्ट भी लांच कर रही हैं."
भारत के बारे में शोधकर्ताओं का कहना है कि ज्यादातर लोग सुपर मॉर्केट में खरीदारी करने के बजाय नजदीकी बाजार में सामान खरीदना पसंद करते हैं. यहां सामान बेचने और उपलब्ध कराने की चुनौती हमेशा रहती है.
लॉरियल का कहना है कि उसने कम कीमत वाले कई सामान भारत के बाजारों के लिए लांच किए हैं. अब देश भर में 75000 छोटी दुकानें हैं, जो उसके सामान बेचती हैं. लॉरियल के क्षेत्रीय व्यापार प्रबंधक योखेन साउमजील का कहना है, "हमारी कोशिश है कि हम एशिया प्रशांत इलाके में उभर रहे मध्य वर्ग के बीच नंबर एक की कंपनी बनकर उभरें. अगले एक दशक में हम तेज विकास का अनुमान लगा रहे हैं. कंपनी की कोशिश है कि उत्पादों को लोगों की पहुंच के भीतर लाया जाए."
हालांकि भारत के आर्थिक विकास दर में पिछले कुछ समय से गिरावट दर्ज की गई है लेकिन लॉरियल ने वहां 2011 में 25 प्रतिशत का विकास किया. कंपनी की योजना है कि उन लोगों को ग्राहक सूची में शामिल किया जाए, जो ऊंची कमाई करते हैं. इसका मानना है कि ऐसे लोग ज्यादातर उस वक्त सामान खरीदते हैं, जब वो विदेश में होते हैं. लेकिन अब उन्हें ये सामान देश में ही उपलब्ध कराए जाएंगे.
वीडी/एजेए (एएफपी)