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सुखोई में उड़ने से राष्ट्रपति को कोई डर नहीं

१८ नवम्बर २००९

भारत की राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने कहा है कि उन्हें फाइटर जेट में उड़ने से डर नहीं लगेगा. 25 नवंबर को वह पुणे में सुखोई 30 एमकेआई में उड़ने वाली हैं.

प्रतिभा पाटिल को उड़ान का इंतज़ारतस्वीर: picture-alliance/ dpa

74 साल की भारतीय राष्ट्रपति अगर फ़ाइटर जेट में बैठती हैं तो उनके नाम एक रिकॉर्ड दर्ज हो जाएगा. वह फाइटर जेट में बैठने वाली दुनिया की सबसे ज़्यादा उम्र की पहली महिला होंगी. पत्रकारों ने जब पूछा कि क्या उन्हें सुखोई में बैठने से डर तो नहीं लगेगा, राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने कहा, "क्यों डर लगे. मैं भारतीय सेनाओं की सर्वोच्च कमांडर हूं."

पाटिल ने कहा कि वह इस मौक़े का इंतज़ार कर रहीं हैं. 25 नवंबर को वह सुखोई 30 एमकेआई विमान में बैठ सकती हैं. पायलट के साथ कॉकपिट में बैठने के लिए प्रतिभा पाटिल को विशेष जी सूट पहनने के लिए दिया जाएगा ताकि वह सुपरसॉनिक की गति के आसपास चलने वाले सुखोई में तेज़ गति के कारण गुरुत्वाकर्षण के प्रभाव का सामना कर सके.

तीस मिनट की ख़ास फ्लाइट विशेष तौर पर प्रतिभा पाटिल के लिए होगी. इसे विंग कंमाडर एस साजन 0.9 मैच यानी एक हज़ार किलोमीटर प्रति घंटा से थोड़ी कम गति पर उडाएंगे. यह गति ध्वनि की गति से थोड़ी ही कम होती है और इसे सबसॉनिक कहा जाता है. वहीं सुपरसॉनिक जेट मैच वन यानी 1, 236 प्रति घंटे की गति से चलते हैं.

रिपोर्टः एजेंसियां/आभा मोंढे

संपादनः ए कुमार

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