सुखोई सुपरजेट का मलबा मिला
१० मई २०१२हेलीकॉप्टर पर सवाल खोजी दल ने बोगोर शहर के बाहर माउंट ब्लाक में एक निष्क्रिय ज्वालामुखी के पास विमान का मबला देखा है. राहत और बचाव दल के लोगों ने मलबे में सुखोई का लोगो देखा है. जमीन और हवा के रास्ते उस तक पहुंचने की कोशिश भी की जा रही हैं लेकिन कोहरे और धुंध की वजह से मुश्किलें भी हो रही है. राष्ट्रीय खोज और बचाव दल के प्रवक्ता गागा प्रकोसो के मुताबिक बचाव दल के लोग दो इंजन वाले सुखोई सुपरजेट 100 के मलबे तक जल्द ही पहुंच सकते हैं.
प्रकोसो का कहना है, "जहाज पूरी तरह से नष्ट हो गया है. 6,000 फीट की ऊंचाई पर ये तेजी से जा रहा था कि तभी हादसा हो गया. किसी के बचने की उम्मीद न के बराबर है लेकिन फिर भी हम किसी चमत्कार की उम्मीद कर रहे हैं."
सुखोई रूस की विमान कंपनी है. कंपनी लड़ाकू विमान बनाने के लिए मशहूर हैं. यह पहला मौका है जब सुखोई ने इटली की कंपनी के साथ मिलकर यात्री विमान बनाया है. हादसे से सुखोई को बड़ा धक्का लगा है. इंडोनेशिया में सुखोई के प्रतिनिधि ने हादसे में 47 लोगों के मारे जाने की पुष्टि की है. हादसे के वक्त विमान इंडोनेशिया में एक प्रदर्शनी में हिस्सा ले रहा था जिसके बाद इसे 6 एशियाई देशों को बेचा जाना था. लेकिन प्रदर्शन के दौरान ही विमान हादसा हो गया.
अधिकारियों ने बताया है कि रडार से विमान के गायब होने से पहले चालकों ने विमान को 10,000 हजार फीट से नीचे उतार कर 6,000 फीट पर लाने की इजाजत मांगीं. लेकिन 6,000 फीट पर आने के बाद विमान गायब हो गया. जाकार्ता के हवाई अडडे से उडा़न भरने के करीब 20 मिनट के बाद विमान गायब हो गया था. पुलिस और सेना के जवानों समेत हजारों लोग माउंट सालाक ज्वालामुखी के आसपास बचाव के काम में लगे हुए हैं.
मृतकों में चालक दल के 8 रूसी लोग भी शामिल हैं. स्थानीय एअरलाइंस और कुछ पत्रकार भी मारे गए. हालांकि शुरुआती दौर में कहा गया था कि विमान में 36 लोग ही सवार थे जिसमें की अधिकतर इंडोनेशिया के ही थे. विमान में मारे गए यात्रियों के परिजन हालीम एअरपोर्ट पर जमा हैं. टीवी पर एक तस्वीर में दिखाया गया है कि एक महिला अपने परिजन की तलाश में बेहोश हो गई.
विश्वदीपक, ओएसजे (डीपीए, एएफपी)