1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

'सुनामी का भंयकर विडियो'

१६ मार्च २०११

डॉयचे वेले की वेब साइट पर आर्टिकल पढ़ कर हमारे पाठक अपनी राय हमें लगातार भेजते रहते है. आईए जाने कि इस बार क्या लिखते है हमारे पाठक मित्र.....

तस्वीर: dapd

अंतिम संस्कार सिखाने वाला स्कूल जर्मनी के उत्तरी बवेरिया के मुइनरस्टाट का स्कूल, अंतिम संस्कार का ट्रेनिंग देने वाला यूरोप का अपने तरह का इकलौता विश्वविद्यालय है जो समाज सेवा के साथ मुनाफा कमाने की राह भी दिखाता है. य़हां स्कूली पढाई के साथ प्रेक्टिकल ट्रेनिंग भी दी जाती है. देश के साथ विदेशी लोगों को भी यहां ट्रेनिंग दी जाती है. अंतिम संस्कार के आवश्यक अनिवार्य संस्कार है जिसे बखूबी करने अवम कराने की कला सब को आनी चाहिए. विद्यालय की अच्छी पहल है.

एस बी शर्मा, जमशेदपुर, झारखंड

*********

अपने घर भारत आना अच्छा लगता हैः ब्रेट ली आजकल शायद हर क्रिकेटर को भारत बहुत पसंद आ रहा है। इसका मुख्य कारण मेरी निगाह में यहां मिलने वाला पैसा है. दुनिया का हर क्रिकेटर अपना बैंक बैलेंस बढ़ाने की जुगत में भारत के चक्कर लगा रहा है. कुछ समय पहले तक इन विदेशी मेहमानों को भारत कूड़ादान नजर आता था पर जबसे विज्ञापनों में मिलने वाला पैसा बढ़ा है, आईपीएल आया है तबसे भारत में कुछ भी बुरा नहीं दिखता हैं इन्हें. सच है...पैसा बोलता है.

उमेश कुमार यादव, अलीगंज, लखनऊ, उत्तर प्रदेश

**********

आकर्षण का केंद्र बने युवराज सिंह गिरकर संभलना या गिरकर लुढ़कना चलिए टीम इंडिया हॉलैंड जैसी कमजोर टीम से जैसे-तैसे फिर से जीत गई. पर क्या जब से इंग्लैंड के साथ हमारा मैच टाई हुआ है, तब से कुछ सुधार टीम में दिख रहा है? गिरकर संभलना एक बात है लेकिन गिरकर लुढ़कते हुए पार पाना कोई अच्छे लक्षण नहीं. भारतीय गेंदबाजी का खौफ किसी पुछल्ली टीम को भी नहीं है. जीत का जज्बा भारतीय टीम में नज़र नहीं आ रहा है.

माधव शर्मा नोखा जोधा, नागौर, राजस्थान

********

"चीन और भारत तेल की बढ़ती मांग के जिम्मेदार" जैसा कि हम पिछले कुछ वर्षों से देख रहे है कि पेट्रोलियम तेल और गैसों की खपत दुनिया में बढ़ रही है लेकिन हम इस बारे में विश्व स्तर पर देखें तो, हम जानते हैं कि यह दुनिया के विकसित देशों की वजह से बढ़ रहा है. विकसित देशों को अनावश्यक खपत को रोकने का रोप गैर जिम्मेदाराना नहीं होना चाहिए.

कपिल गुप्ता

*******

जापान में परमाणु रिएक्टरों की तबाही से सबक लेना दुनिया की मजबूरी बन गई लगती है, क्योंकि परमाणु विकिरण देशो की सीमाएं नही देखता, अब जरूरी है कि विश्व हित में सभी देशो के संयु्क्त प्रयास हो जिससे भविष्य में ऐसी दुर्घटना की पुनरावृत्ति न होने पाये. आज सारे विश्व में हजारों बिजली घर परमाणु शक्ति से चल रहे हैं, उनके बिना निजात भी नही है अतः उन सबकी सुरक्षा तथा भारत सहित अन्य देशो में नये बनने वाले रिएक्टर्स में पूर्ण सुरक्षित नवीनतम टेक्नालाजी का उपयोग जरुरी है.

तस्वीर: AP

विवेक रंजन श्रीवास्तव , जबलपुर , फेसबुक से

********

सुनामी ने हजारों पंछियों की भी जान ली वास्तव में हम सुनामी से हुए जानमाल के नुकसान में इंसानी जान का ही हिसाब लगाते है, पक्षु पक्षी अथवा पर्यावरण के बारे में ध्यान नहीं जाता. सच कहा जाए तो प्राकृतिक संतुलन कायम रखने में मनुष्य से ज्यादा एहम भूमिका अन्य जीवन की हैं. उपरोक्त लेख प्रस्तुत करने हेतु हार्दिक धन्यावाद.

सुरेश अग्रवाल, केसिंगा, उडीसा

*********

दिल दहला देने वाली सुनामी का वीडियो आज डॉयचे वेले साइट पर देखने को मिला. वीडियो देखकर जब हमारा दिल इतना कांप रहा है तो वहां मौके पर मौजूद लोगों की क्या हालत हुई होगी. प्राकृतिक आपदाएं कितनी भयंकर होती है यह वीडियो के जरिए मालूम हो रहा है.

संदीप जावले, मार्कोनी डी एक्स क्लब, परली वैजनाथ, महाराष्ट्र

**********

संकलनः कवलजीत कौर

संपादनः आभा एम

डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी को स्किप करें

डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी

डीडब्ल्यू की और रिपोर्टें को स्किप करें

डीडब्ल्यू की और रिपोर्टें