दावोस में इकट्ठा हुए दुनिया के टॉप टेक टाइकूनों का दावा है कि आने वाला समय तकनीकी उन्नति के लिहाज से ऐतिहासिक होगा. साथ ही उन्होंने यह चेतावनी भी दी कि इस साल सुरक्षा से जुड़े खतरे पहले से भी बड़े होंगे.
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स्विट्जरलैंड के दावोस में चल रहे विश्व आर्थिक फोरम में राजनीति और व्यापार जगत के नेताओं के साथ साथ तकनीक की दुनिया के सितारे भी हिस्सा ले रहे हैं. स्विस स्की रिजॉर्ट में जमा हुए विश्व के तमाम नेताओं की इस वार्षिक बैठक में समाज और लोगों की आय के लगातार बढ़ते अंतर पर तकनीक के असर की चर्चा काफी गर्म रही.
दुनिया की सबसे बड़ी टेक कंपनी 'सिस्को' के प्रमुख जॉन चैंबर्स ने कहा, "आप जो कुछ देखने जा रहे हैं, उसे समझने के लिए 1990 के दशक में हुए इंटरनेट विकास का 10 गुना कर दीजिए. ये बदलाव हर इंसान महसूस करने वाला है. हर कंपनी, हर देश और हर व्यक्ति डिजिटल होने जा रहा है." चैंबर्स का मानना है कि इन बदलावों से समाज में बेहतरी आएगी. वहीं अमेरिकी डिजिटल वॉलेट कंपनी 'पेपैल' के संस्थापक मैक्स लेवशिन ने बताया कि डाटा मैनेजमेंट और वेयरेबल टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में आई क्रांति विकसित और विकासशील देशों में समाज का कायापलट करने वाली हैं.
"सुरक्षा, सुरक्षा, सुरक्षा"
साइबर हमले और डिजिटल सुरक्षा को लेकर चिंताएं भी उतनी ही प्रबल हैं. हाल ही में सोनी से लेकर ईबे तक हुए तमाम साइबर हमलों के बीच विशेषज्ञों ने इनके और बढ़ने की आशंका जताई है. कंसलटेंसी फर्म एक्सेंचर के प्रमुख पियरे नांनटेर्मे बताते हैं, "आने वाले सालों में टेक इंडस्ट्री के सामने जो चार सबसे बड़े खतरे हैं, वे हैं - सुरक्षा, सुरक्षा, सुरक्षा, सुरक्षा."
सिस्को के सीईओ चैंबर्स ने भी चेतावनी दी कि सुरक्षा से जुड़ी समस्याएं कई गुना बढ़ने वाली हैं. चैंबर्स ने कहा, "अगर आपको लगता है कि पिछला साल इस लिहाज से बुरा था, तो इस साल देखिए. हर कंपनी और हर देश में (सुरक्षा व्यवस्था को) तोड़ा जाएगा." इस बढ़ते खतरे को देखते हुए ब्रिटेन और अमेरिका के नेताओं ने मिलकर साइबर अपराधों से निपटने के लिए एक संयुक्त ईकाई बनाने का निर्णय लिया है.
अमीरी गरीबी का बढ़ता फासला
दावोस में इस बार कई प्रतिभागियों ने दुनिया के अमीरों और गरीबों के बीच बढ़ते आय के अंतर पर चिंता जताई है. इसके अलावा यह चिंता भी है कि कहीं तकनीक के विकास से लोग तो पीछे नहीं छूट रहे. चैंबर्स ने बताया कि अगर टेक कंपनियां जल्दी से जल्दी विकास के नए रास्ते नहीं निकालतीं तो उनमें से 40 फीसदी तो रहेंगी ही नहीं. दूसरी ओर, तकनीक के ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल के कारण नौकरियां भी कम से कम हो सकती हैं. फिर भी, ज्यादातर लोगों का मानना है कि कुल मिलाकर तकनीकी विकास का समाज पर अच्छा ही असर होगा.
आरआर/एमजे(एएफपी)
2014 के पांच बड़े साइबर हमले
सोनी की फिल्म 'द इंटरव्यू' को लेकर चल रहे ताजा विवाद के अलावा भी साल 2014 में कई साइबर हमलों ने ध्यान खींचा. यहां देखिए इस साल के पांच बड़े साइबर हमलों की कहानी.
तस्वीर: Fotolia/slunicko1977
सोनी पिक्चर्स: हैकर्स की हॉलीवुड तक पहुंच
खुद को 'गार्डियन ऑफ पीस' बताने वाले हैकर समूह से बार बार हो रहे साइबर हमलों को देखते हुए सोनी पिक्चर्स ने अपनी नई फिल्म 'द इंटरव्यू' को प्रदर्शित ना करने का निर्णय लिया. इसके पहले भी सोनी कंपनी को कुछ साइबर हमले झेलने पड़े हैं जब उनका आईटी सिस्टम ऑफ कर दिया गया था, ट्विटर अकाउंट हैक कर लिया गया और कंपनी की कई संवेदनशील जानकारियां लीक कर दी गई थीं.
तस्वीर: M. Thurston/AFP/Getty Images
एप्पल: कलाकारों की नग्न तस्वीरें सार्वजनिक
सितंबर 2014 में कई फिल्मी हस्तियों, कलाकारों की दर्जनों नग्न तस्वीरें सोशल मीडिया पर पोस्ट की गईं. पहले लगा कि किसी ने एप्पल के आईक्लाउड को हैक कर तस्वीरें हासिल की होंगी, मगर एप्पल कंपनी ने जब मामले की जांच करवाई तो तो पता चला कि किसी ने उन सभी प्रसिद्ध लोगों के अकाउंट को हैक कर लिया था. एप्पल के मुताबिक इसमें आईक्लाउड और फाइंड माई आईफोन नाम की सेवाओं का कोई दोष नहीं था.
तस्वीर: picture-alliance/dpa
ईबे: बड़े हमले की शिकार हुई बड़ी ई-कॉमर्स साइट
मई 2014 में कैलिफोर्निया स्थित ईबे के मुख्यालय से खबर आई कि एक साइबर हमले में उनके कई यूजरों की जानकारियां चोरी हो गई हैं. कंपनी को मिली जानकारी के अनुसार ये हमले फरवरी के अंत से लेकर मार्च की शुरुआत तक जारी थे. हमलों का पता चलते ही ईबे ने अपने यूजरों को उनके पासवर्ड बदलने के लिए कहा.
तस्वीर: Reuters
ट्विटर: कई लोगों और कंपनियों के अकाउंट हैक
अगस्त 2014 में हैकरों ने याहू न्यूज का आधिकारिक ट्विटर हैंडिल हैक कर उनके ट्विटर फीड के माध्यम से इबोला वायरस से जुड़े कई ट्वीट भेजे. पता चलने पर याहू ने तुरंत स्थिति को नियंत्रण में ले लिया और नकली ट्वीट मिटाए. इसके पहले मार्च में मशहूर टीन सिंगर जस्टिन बीबर का अकाउंट हैक हुआ था और करीब 15 मिनट तक हैकर, बीबर के नाम से कई ट्वीट भेजते रहे. अंत में ट्विटर कंपनी को मामला अपने हाथों में लेना पड़ा.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/S.Stache
हार्टब्लीड: हैकर ने ली बग की मदद
अप्रैल 2014 में हैकिंग की शिकार बनी कनाडा की सरकारी रेवेन्यू एजेंसी को अपनी सार्वजनिक वेबसाइट बंद करनी पड़ी थी. जांच अधिकारियों ने पाया कि हार्टब्लीड नाम के एक बग का सहारा लेकर हैकर ने वेबसाइट से 900 सोशल इंश्योरेंस नंबर चुराए थे. हार्टब्लीड बग असल में सॉफ्टवेयर प्रोग्रामिंग की एक कमजोरी है. ओपन एसएसएल सॉफ्टवेयर की मदद से बनी वेबसाइटों में इस कमजोरी के सहारे कई गोपनीय जानकारियां चुराई जा सकती हैं.