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सुरक्षा परिषद की सीट पर ओबामा चुप

३ नवम्बर २०१०

भारत यात्रा से पहले अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भारत की तारीफ में जुमले तो बहुत सुनाए लेकिन जब असली मुद्दों की बात आई तो वह कन्नी काटते नजर आए. सुरक्षा परिषद की सीट हो या तकनीक एक्सपोर्ट की, ओबामा ने वादा नहीं किया.

तस्वीर: AP

बराक ओबामा ने कहा कि एशिया में अमेरिका की मौजूदगी के लिए भारत एक मील का पत्थर है. शनिवार से शुरू हो रही तीन दिन की भारत यात्रा के मकसद की बात करते हुए ओबामा ने कहा कि वह एक सच्ची रणनीतिक साझेदारी की बुनियाद रखने जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि भारत विदेश नीति के मामले में उनकी सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल है.

ओबामा ने कहा, "इस यात्रा से मुझे प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ मिलकर भारत अमेरिका सहयोग को एक नए स्तर पर ले जाने में मदद मिलेगी. यह साझेदारी हमारे मूल्यों और हितों पर आधारित है. इसीलिए मैं भारत के वैश्विक ताकत के रूप में उभरने का स्वागत करता हूं."

तस्वीर: AP

लेकिन जब ओबामा से पूछा गया कि दोहरे उपयोग वाली तकनीक पर लगे प्रतिबंधों को उठाने के बारे में वह क्या सोचते हैं तो उन्होंने गोलमोल जवाब दिया. जब उनसे सुरक्षा परिषद की स्थायी सीट के लिए भारत को समर्थन देने पर सवाल किया गया तो उन्होंने इसे भी "मुश्किल और पेचीदा मसला" बताकर टाल दिया.

पाकिस्तान के मुद्दे पर जरूर ओबामा ने भारत को पसंद आने वाला जवाब दिया. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को मुंबई के आतंकी हमलावरों पर कार्रवाई करनी होगी.

रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार

संपादनः एन रंजन

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