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सुरा, सुंदरी और साकाशविली

राम यादव१५ अगस्त २००८

जॉर्जिया के मात्र 40 वर्ष आयु के युवा राष्ट्रपति मिख़ाइल साकाशविली की चलती, तो रूस और अमेरिका की भिड़ंत हो जाती. कौन है यह युवा राजनेता, जिसने रूसी रीछ को ललकार दिया?

जॉर्जिया के युवा राष्ट्रपति मिख़ाइल साकाशविलीतस्वीर: picture alliance/dpa

सुंदर चेहरा. सुडौल शरीर. चेहरे पर खेलता जवानी का जोश. ऐसे में होश संभालना तब और मुश्किल हो जाता है, जब मात्र मात्र 36 साल की आयु में आपको 96 प्रतिशत मतों से किसी देश का राष्ट्रपति चुन लिया जाये.

मिख़ाइल साकाशविली पर भाग्य अब तक इसी तरह फ़िदा था. जनवरी 2004 में जब वे भूतपूर्व सोवियत संघ वाले जॉर्जिया के राष्ट्रपति बने, तब उनकी 36 वीं वर्षगाँठ को मुश्किल से एक महीना हुआ था.

पिता डॉक्टर हैं. माँ प्रोफेसर. स्वयं भी मात्र 27 साल की आयु में अमेरिका की जॉर्ज वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी से विधिशास्त्र में डॉक्टर की उपाधि प्राप्त की. कुछ दिन न्यूयॉर्क में वकीलों की एक अंतरराष्ट्रीय कंपनी के लिए काम किया. 1995 की गर्मियों में स्वदेश लौट गये. जॉर्जिया के तत्कालीन राष्ट्रपति और सोवियत संघ के अंतिम विदेशमंत्री रह चुके एदुआर्द शेवार्दनाद्जे के कहने पर राजनीति में पैर रखा.

सफलता एक बार फिर पैर चूमने लगी. पहले सांसद रहे. फिर न्यायमंत्री. 2002 में पार्टी बदली. राजधानी त्बिलिसी के मेयर बने. नवंबर 2003 में तथाकथित गुलाबी क्रांति में हिस्सा लिया. अपने एक समय के शुभचिंतक शेवार्दनाद्ज़े को हटा कर स्वयं राष्ट्रपति बन गये.

राष्ट्रपति बनते ही मिख़ाइल साकाशविली का असली चेहरा सामने आने लगा. कल तक लोकतंत्र और नागरिक अधिकारों के पक्ष में जोशीले भाषण देने वाला यह युवक तानाशाही और स्वेच्छाचारिता के रास्ते पर चल पडा. मीडिया की नकेल कस दी. न्यायप्रणाली को अपना दास बना दिया. भ्रष्ट तरीकों से धन बटोरना भी शुरू कर दिया.

नवंबर 2007 में साकाशविली के विरुद्ध ज़ोरदार प्रदर्शन हुए. तानाशाही और भ्रष्टाचार के आरोप लगे. पदत्याग की माँग की गयी. लेकिन उन्होंने देश में आपात-स्थिति घोषित कर सारे असंतोष को कुचल दिया. इतना ज़रूर किया कि जनता के भारी दबाव पर जनवरी 2008 में राष्ट्रपति पद के लिए नये चुनाव कराये. चुनवों के बाद उन्हें ही 53.4 प्रतिशत मतों के साथ विजेता घोषित किया गया.

इस नयी विजय के बाद से देश की आर्थिक बदहाली से ध्यान बंटाने के लिए रूस से पंगा लेना और तेज़ कर दिया. रूसवंशियों के बहुमत वाले दक्षिणी ओसेतिया और अबख़ाज़िया नाम के प्रदेशों में सेना, पुलिस और गुप्तचर सेवा की गतिविधियाँ बढ़ा दीं. ये दोनो प्रदेश जॉर्जिया से अलग हो कर स्वतंत्र देश बनना चाहते हैं. साकाशविली शायद सोच रहे थे कि जिस तरह मई 2004 में उन्होंने अलगाववादी अजारिया प्रदेश पर जॉर्जिया का झंडा फिर से फहरा दिया था और रूस ने अपने सैनिक चुपचाप हटा लिये थे, उसी तरह वे दक्षिणी ओसेतिया से और बाद में शायद अबखाज़िया से भी रूसियों को निकाल बाहर करने में सफल हो जायेंगे. लेकिन, इस पार पाँसा उलटा पडा. शेर ने सियार को दहाड़ दिया.

निजी जीवन में भी मिखाइल साकाशविली सुंदरियों और रंगेलियों के शौकीन मजनू-टाइप व्यक्ति हैं. 1993 से एक डच महिला से विवाहित हैं. दो बच्चों के पिता हैं. कहते हैं कि वे यूक्रेन की एक फ़ोटो मॉडल को सरकारी ख़र्चे पर त्बिलिसी बुलाया करते थे. टेलीविज़न की एक महिला पत्रकार के साथ उनके संबंध रहे हैं और अपनी प्रेस-प्रवक्ता को भी गर्भवती कर चुके हैं. सबसे मज़ेदार कहानी तो यह है कि अज़रबैजान के राष्ट्रपति इलहाम अलीयेव के साथ एक मुलाक़ात के समय साकाशविली अलीयेव की सुंदर पत्नी के इस तरह पीछे पड़ गये कि अलीयेव को जॉर्जिया के साथ की अपनी सीमा बंद कर देनी पड़ी. सीमा दुबारा तब खुली, जब साकाशविली ने अलीयेव से माफ़ी माँगी. इस सब से तंग आकर साकाशविली की पत्नी कुछ समय के लिए हॉलैंड भाग गयी थीं.

मिख़ाइल साकाशविली अपनी डच पत्नी सान्द्रा रूलोफ़्स के साथतस्वीर: AP
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