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सेंचुरी न बना पाने का अफसोस

६ नवम्बर २०१०

अहमदाबाद टेस्ट के तीसरे दिन भारतीय गेंदबाजों को जिस स्कोर की रक्षा करनी है वह इतना विशाल है कि उन्हें बहुत ज्यादा फिक्र की जरूरत तो नही हैं लेकिन विकेट पूरी तरह उनके साथ नहीं है.

तस्वीर: APImages

अपने बैट से कमाल दिखाने वाले भारत के स्पिन गेंदबाज हरभजन सिंह ने कहा कि पिच भारतीय गेंदबाजों के लिए सबसे बड़ी चुनौती होगी. हरभजन सिंह ने भारत की पहली पारी में अहम भूमिका निभाई. उन्होंने अपने टेस्ट करियर का सबसे अच्छा स्कोर बनाते हुए भारत के स्कोर को बड़ा बनाने में मदद की. हालांकि 69 रन बनाने वाले भज्जी को अफसोस है कि वह अपनी पहली टेस्ट सेंचुरी नहीं बना सके. उन्होंने कहा, "मैं निराश तो हूं क्योंकि मेरे सीनियर खिलाड़ियों ने कहा कि यह एक अच्छा मौका था. लेकिन मैं खुश भी हूं कि मैंने बल्ले से भी अपनी टीम की मदद की. पिछली दो पारियों में सस्ते पर आउट होने के बाद अब मैंने कुछ रन बनाए, तो अच्छा लगा."

तस्वीर: AP

जब उनसे पूछा गया कि वह इतना आक्रामक क्यों खेल रहे थे, तो हरभजन ने कहा कि उन्हें ऐसे ही खेलना आता है. उन्होंने कहा, "किसी और तरह से तो मैं खेल ही नहीं सकता. मैं तो बस शॉट लगाता हूं. पहले सात आठ रन तो मैंने आराम से बनाए और उसके बाद अपने शॉट खेले. मुझे जब भी गेंद या बल्ले से मौका मिलता है, तो मैं अपना सबसे अच्छा प्रदर्शन करने की कोशिश करता हूं." 97 गेंदों की अपनी पारी में भज्जी ने तीन छक्के और पांच चौके लगाए.

गेंदबाजी के बारे में उन्होंने कहा कि भारतीय गेंदबाजों को विकेट लेने की योजना पर टिके रहना होगा क्योंकि पिच से ज्यादा मदद नहीं मिलेगी. उन्होंने कहा, "हमारे पास अच्छा स्कोर है लेकिन हमें गेंदबाजी पर ज्यादा मेहनत करनी होगी. इस वक्त उनके दो सबसे अच्छे बल्लेबाज पिच पर हैं. उनके बाद जैसी राइडर और डेनियल वेटोरी को आना है. विकेट बहुत धीमा है और ज्यादा मदद नहीं कर रहा है."

रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार

संपादनः ए कुमार

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