सेंसर करेगा किसानों की मदद
५ जुलाई २०१४किसानों को सही समय पर सही फसल और उचित पैदावार पर ध्यान देना जरूरी है, लेकिन यह आसान नहीं. इस दिशा में सबसे पहला काम रिसर्चरों के हिस्से में आता है. इन दिनों विशेष ध्यान है कारगर तकनीक तैयार करने पर. पौधे की जेनेटिक संरचना के आधार पर उसके गुण तय होते हैं. इन्हीं से तय होता है कि फसल एक खास तरह की मिट्टी और मौसम के आधार पर कितनी तेजी से बढ़ेगी. इसे विज्ञान की भाषा में फीनोटाइपिंग भी कहते हैं.
सेंसर से फसल प्रबंधन
फीनोटाइपिंग में रिसर्चर खास तौर पर सेंसर पर निर्भर करते हैं. बॉन यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक इस दिशा में शोध को आगे बढ़ाने के लिए शहर के बाहर एक विशेष प्रयोगशाला में काम कर रहे हैं. जौ के खेत पर चल रहे ट्रैक्टर पर चारों तरफ घूमने वाला स्कैनर फिट है. यह स्कैनर खेत की तीन आयामी तस्वीर उतार लेता है.
कोलोन यूनिवर्सिटी की भूशास्त्री नोरा टिली कहती हैं, "हम यहां सबसे पहले तब आते हैं जब पौधों का विकास शुरू भी नहीं हुआ होता है. फिर हम खेत की सतह का डिजिटल मॉडल बनाते हैं. एक बार जब पौधे बड़े होने लगते हैं, हम हर हफ्ते आकर उनका साइज नापते हैं." स्कैनर की मदद से खींची गई थ्री डी तस्वीरों से हमें पौधों के विकास की सही जानकारी मिलती है.
रिसर्चर पौधों की ऊंचाई में से उनका बायोमास हर बार घटाते जाते हैं. इससे उन्हें पता चलता है कि किसी एक निर्धारित क्षेत्र में पौधे कितना बढ़े हैं. हालांकि यह कई बारीकियों में से सिर्फ एक बात है.
मिट्टी कैसी हो
वैज्ञानिक इस बात पर भी ध्यान देते हैं कि पौधों को मिट्टी से कितना फायदा हो रहा है. किसी एक खेत की खूबियां अलग अलग समय में अलग हो सकती हैं. मिट्टी पर ही यह भी निर्भर करता है कि पौधे को कितनी नमी और कितना पोषक तत्व मिलेगा.
बॉन यूनिवर्सिटी के कृषि विज्ञानी हाइनर गोल्डबाख एक खास तरह की दिक्कत की तरफ इशारा करते हैं. वह मानते हैं कि किसान के पास अपने खेत की मिट्टी के बारे में बेहतर जानकारी हो तो वह फसल बेहतर ढंग से उगा सकेगा. कई बार किसान यह शिकायत करते हैं कि एक फसल तो अच्छी हुई और दूसरी अच्छी नहीं हुई.
कीट मारने में मदद
किसानों के लिए एक और बड़ी समस्या फसल को बर्बाद करने वाले कीड़े हैं. बॉन यूनिवर्सिटी की रिसर्चर बिर्गिट फ्रिके कीटों को ढूंढने के लिए एक खास तरह के सेंसर का इस्तेमाल करती हैं जो प्रकाश की तरंगों को मापता है. वह बताती है, "पौधों पर सूर्य का जो प्रकाश पड़ता है वह ज्यादातर परावर्तित हो जाता है. लेकिन इसका कुछ हिस्सा पत्तियों में रह जाता है." लेकिन अगर पौधे पर अन्य कारकों का प्रभाव पड़ रहा है तो इसकी परावर्तन क्षमता बदलने लगती हैं. अगर किसी पौधे में कीट आ चुके हैं तो पत्तियों द्वारा परावर्तित प्रकाश सामान्य स्थिति से अलग होगा.
सेंसर की मदद से जर्मनी में वैज्ञानिक इस तरह की और भी महत्वपूर्ण जानकारी किसानों के लिए जुटाने में मदद कर रहे हैं. फसल को कब, कितनी और किस चीज की जरूरत है. बिना तकनीक के किसानों के लिए एक साथ सारी परिस्थितियों को भांप पाना मुश्किल हो जाता है और कई बार फसल बर्बाद हो जाती है. लेकिन सेंसर तकनीक इस दिशा में उम्मीद लेकर आई है.
रिपोर्ट: फाबियान श्मिट/एसएफ
संपादन: महेश झा