सेक्स से मिल रही हैं हर रोज 10 लाख लोगों को बीमारियां
७ जून २०१९
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चेतावनी दी है कि दुनिया भर में हर रोज दस लाख से ज्यादा लोग यौन संबंधों के जरिए फैलने वाली बीमारियों का शिकार हो रहे हैं.
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संयुक्त राष्ट्र की संस्था ने अपनी ताजा रिपोर्ट में यौन संक्रमित बीमारियों का विस्तार से जिक्र किया है. डब्ल्यूएचओ का कहना है कि यौन संक्रमण से होने वाली बीमारियों को रोकने में मामले में प्रगति नहीं हो रही है. रिपोर्ट कहती है कि डेटिंग ऐप्स के दौर में ऐसी बीमारियों के बढ़ते मामले "खतरे की घंटी" हैं.
दुनिया भर में हर रोज दस लाख से ज्यादा लोग इन बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं. इनमें श्लामिडिया, गोनोरिया, ट्रिकोमोनियासिस और सिफलिस को लेकर सबसे ज्यादा चिंता जताई गई है. रिपोर्ट के मुताबिक, "दुनिया में रहने वाले औसतन 25 फीसदी लोग इनमें से किसी ना किसी बीमारी से पीड़ित हैं."
सेक्स एक अलौकिक अनुभव है. लेकिन इसे आप बर्बाद कर सकते हैं छोटी-छोटी बातों को नजरअंदाज करके. इन बातों का ध्यान रखें तो सेक्स का मजा कई गुना हो जाएगा. तो, सेक्स से पहले ऐसा न करें.
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पेशाब
सेक्स के बाद पेशाब करने से बैक्टीरिया बह जाते हैं. लेकिन उससे पहले ऐसा न करें. न्यूयॉर्क के यूरोलॉजिस्ट डेविड कॉफमान कहते हैं कि इससे यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन का खतरा होता है.
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ऐंटि अलर्जी दवा
ऐंटिहिस्टामाइन अलर्जी दूर करने के लिए ली जाती है, जैसे बहती नाक को सुखाने के लिए. लेकिन यह दवा सेक्स ऑर्गन्स को भी सुखा देती है. योनी में ड्राईनेस तकलीफदेह हो सकती है.
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अल्कोहल
कई बार अल्कोहल कामेच्छा बढ़ाता भी है लेकिन जरूरत से ज्यादा मात्रा में अल्कोहल पुरुषों के लिए कई तरह की बाधाएं पैदा कर देता है. इससे बचना चाहिए.
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छोटे या बड़े कॉन्डम
सेफ्टी तो जरूरी है. लेकिन सही साइज का चुनाव भी उतना ही जरूरी है. गलत साइज का कॉन्डम सुरक्षा को तो खतरे में डालेगा ही, मजा भी खराब कर देगा.
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उन अंगों की शेविगं
क्लिनिकल एक्सपर्ट चेतावनी देते हैं कि सेक्स से पहले प्राइवेट पार्ट्स की शेविंग इन्फेक्शन की वजह बन सकती है. इसलिए इससे बचें.
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सेक्स टॉयज की सफाई
आप सेक्स टॉयज इस्तेमाल करते हैं और सेक्स से पहले उन्हें साफ नहीं किया तो क्या फायदा. जैसे शरीर साफ होना चाहिए वैसे ही टॉयज भी साफ होने चाहिए.
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डब्ल्यूएचओ में प्रजनन स्वास्थ्य और शोध विभाग की मेडिकल ऑफिसर टियोडारा वी कहती हैं कि आज के दौर में स्थिति तब और गंभीर हो जाती है जब डेटिंग ऐप्स जैसी चीजों के जरिए सेक्स आसानी से उपलब्ध हैं.
टियोडारा वी कहती हैं कि लोग इस बात को लेकर इस भरोसे में रहते हैं कि इन सब बीमारियों का इलाज है, इसलिए वे एचआईवी की भी ज्यादा परवाह नहीं कर रहे हैं. ऐसे में, कंडोम भी कम इस्तेमाल होते हैं जो बीमारियों को रोक सकते हैं. वह कहती हैं, "यौन संक्रमण से होने वाली बीमारियां हर जगह हैं. वे उससे भी कहीं ज्यादा आम हैं जितना हम सोचते हैं."
डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट में 2016 तक के डाटा को शामिल किया गया है. इसके मुताबिक 15 से 49 साल की उम्र के बीच के महिला और पुरूषों में 12.7 करोड़ मामले श्लामिडिया के, 8.7 करोड़ मामले गोनोरिया के, 63 लाख मामले सिफलिस और 15.6 करोड़ मामले ट्रिकोमोनियासिस के देखे गए हैं. ये आंकड़े डब्ल्यूएचओ के पूर्व वैश्विक अनुमान से 5 प्रतिशत ज्यादा हैं.
जिन देशों में सेक्स को वर्जना की तरह नहीं देखा जाता, वहां सेक्स संबधी बीमारियां, टीन प्रेग्नैंसी और गर्भपात के मामले कम दिखते हैं. साथ ही ऐसे देशों के लोग अपनी सेक्स लाइफ से संतुष्ट भी रहते हैं.
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स्विट्जरलैंड
यौनकर्मियों को कानूनी दर्जा देना, पोर्नोग्राफी को लचीला बनाना, किंडरगार्टन में सेक्स एजुकेशन, इन सब मामलों में स्विस समाज अग्रणी है. आल्टरनेट वेबसाइट के डाटा के मुताबिक दुनिया में स्विट्जरलैंड के लोग यौन संबंधों में सबसे ज्यादा संतुष्ट हैं. स्विट्जरलैंड में नाबालिग माओं का अनुपात सबसे कम है.
एक तिहाई स्पैनिश नागरिक भी अपने यौन जीवन से संतुष्ट हैं. स्पेन के लोगों का मानना है कि एक ही पार्टनर के साथ लंबा वक्त बिताने से जीवन में संतुष्टि आती है.
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इटली
मेन्स हेल्थ मैग्जीन के मुताबिक इटली में खाने-पीने और सेक्स का करीबी रिश्ता है. सर्वे में हिस्सा लेने वाले 64 फीसदी इतालवी लोगों ने सेक्स को लेकर कोई शिकायत नहीं की.
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ब्राजील
ब्राजील के पुरुषों को स्पैनिश पुरुषों के बाद दूसरे नंबर का बेस्ट लवर कहा जाता है. सर्वे में हिस्सा लेने वाले 82 फीसदी लोगों ने माना कि वे हफ्ते में एक बार सेक्स करते हैं.
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ग्रीस
ग्रीस में सेक्स पर बातचीत करने में लोग झिझकते नहीं. ड्यूरेक्स के सर्वे में हिस्सा लेने वाले लोगों में से 51 फीसदी ने अपनी सेक्स लाइफ पर खुशी जताई.
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नीदरलैंड्स
64 फीसदी डच मानते हैं कि सेक्स जिंदगी की बुनियादी जरूरत है. नीदरलैंड्स में टीन प्रेग्नैंसी की दर 0.53 फीसदी है. एचआईवी संक्रमण भी बहुत कम है.
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मेक्सिको
2008 में मेक्सिको सरकार ने स्कूलों में सेक्स एजुकेशन की 7,00,000 किताबें बंटवाई. किताबों के जरिए बच्चों को बर्थ कंट्रोल, गर्भपात और समलैंगिंकता के बारे में जानकारी दी गई.
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ऑस्ट्रेलिया
ऑस्ट्रेलिया के 75 फीसदी लोगों ने माना कि वे गाड़ी में या यात्रा के दौरान सेक्स कर चुके हैं. 27 फीसदी महिलाओं ने सेक्स लाइफ में किसी तरह के बदलाव से इनकार किया.
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नाइजीरिया
ड्यूरेक्स के शोध में नाइजीरिया को सबसे ऊपर रखा गया है. देश के 67 फीसदी लोग अपने यौन जीवन से संतुष्ट नजर आए. वहां संभोग का औसत समय भी सबसे लंबा है, 24 मिनट.
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जर्मनी
जर्मनों को भले ही दुनिया का सबसे खराब प्रेमी करार दिया जाए लेकिन सेक्स संतुष्टि के मामले में वे आगे हैं. जर्मनी की सेक्स एजुकेशन को दुनिया की सबसे अच्छी शिक्षा प्रणालियों में गिना जाता है.
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चीन
चीन को भले ही रुढ़िवादी समाज के तौर पर देखा जाता हो, लेकिन दरवाजों के भीतर नजारा अलग है. चीन के लोग सेक्स के मामले में बेहद सक्रिय हैं. 78 फीसदी लोग हफ्ते में एक बार सेक्स करते हैं.
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संवाद और सम्मान का रिश्ता
आल्टरनेट और ड्यूरेक्स के शोध के मुताबिक अगर पार्टनर एक दूसरे का सम्मान करते हैं तो सेक्स लाइफ भी बेहतर होती है. सर्वे में हिस्सा लेने वाले 82 फीसदी लोगों ने इसे स्वीकार किया.