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सैलानियों से सराबोर चीन

५ अप्रैल २०१३

कभी दुनिया से कटा रहा चीन अब सैलानियों का देश बन गया है. चीन के लोग दुनिया में पर्यटन पर सबसे ज्यादा खर्च करने लगे हैं. विश्व पर्यटन संगठन के अनुसार उन्होंने 2012 में विदेशी यात्राओं पर 102 अरब डॉलर खर्च किए.

तस्वीर: picture-alliance/dpa

आर्थिक प्रगति के साथ चीनियों की हालत बेहतर हो रही है और कभी चीन की दीवार के पीछे बंद चीनियों ने अब दुनिया की सैर शुरू कर दी है. इस बात का ताजा सबूत संयुक्त राष्ट्र पर्यटन संस्था की नई रिपोर्ट में सामने आया है. विश्व पर्यटन संगठन की रिपोर्ट के अनुसार चीनियों ने पिछले साल किसी दूसरे देश के लोगों से ज्यादा विदेशों में छुट्टियां बिताने पर खर्च किया.

मैड्रिड स्थित विश्व संस्था का कहना है कि साल 2000 में एक करोड़ चीनी विदेश जाते थे जबकि 2012 में 8.3 करोड़ लोगों ने विदेश यात्रा की. इसकी वजह यात्रा के नियमों में ढील और चीनियों की लगातार बढ़ती आय है.

चीनी पर्यटक बर्लिन मेंतस्वीर: picture-alliance/dpa

विश्व पर्यटन संगठन ने कहा है, "चीनी पर्यटकों द्वारा विदेशों में किया जाने वाला खर्च भी 2000 से आठगुना बढ़ा है. चीनी मुद्रा के बढ़ते मूल्य से उत्साहित चीनियों ने पिछले साल अंतरराष्ट्रीय पर्यटन पर 102 अरब डॉलर खर्च किया, जो 2011 से 40 फीसदी ज्यादा है जब यह राशि 73 अरब डॉलर थी."

नए आंकड़ों के आने के बाद चीन अंतरराष्ट्रीय पर्यटन में सबसे ज्यादा खर्च करने वाला बन गया है. संयुक्त राष्ट्र संस्था के अनुसार 2005 के बाद चीन ने जर्मनी, अमेरिका, इटली, जापान, फ्रांस और ब्रिटेन को पर्यटन पर खर्च के मामले में पीछे छोड़ दिया है. 2012 में चीन के बाद जर्मनी और अमेरिका के पर्यटकों ने सबसे ज्यादा खर्च किया. दोनों ने करीब 84 अरब डॉलर खर्च किए.

चीनी पर्यटक शंघाई मेंतस्वीर: DW

दूसरे उभरते देशों में रूस और ब्राजील के लोग विदेशों में सैर सपाटे पर काफी खर्च कर रहे हैं. रूस सातवें स्थान से पांचवें पर पहुंच गया है. उसका खर्च 32 फीसदी बढ़कर 43 अरब डॉलर हो गया जबकि ब्राजील के लोगों ने पिछले साल 22 अरब डॉलर खर्च किए और वह 12वें स्थान पर जा पहुंचा है. चीन और रूस के विपरीत भारत के लोगों ने 2011 की तुलना में 2012 में पर्यटन पर कम खर्च किया है. ज्यादातर देशों में आने वाले पर्यटकों की संख्या में इजाफा हुआ है. भारत में 22 फीसदी ज्यादा पर्यटक आए.

संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन के महासचिव तालिब रिफाई का कहना है कि चीन और रूस में पर्यटन के खर्च में भारी वृद्धि इन देशों में बढ़ते मध्य वर्ग का पर्यटन बाजार में प्रवेश दिखाता है. उनका कहना है, "यह निश्चित तौर पर विश्व पर्यटन के नक्शे को बदलता रहेगा." पिछले साल विश्व भर में आर्थिक अनिश्चितताओं के बावजूद अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों की आमद पहली बार बढ़ कर एक अरब से ज्यादा हो गई. विश्व पर्यटन संस्था का अनुमान है कि 2013 में इसका बढ़ना जारी रहेगा.

एमजे/एजेए (एएफपी)

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