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सोने के अवैध खनन से शुरू हुआ देह व्यापार का कालाबाजार

१० अगस्त २०१८

पेरू में सोने के अवैध खनन के साथ-साथ एक अंधविश्वास ने यहां देह व्यापार का बाजार खड़ा कर दिया है. यहां धारणा है कि कुंआरी लड़की के साथ संबंध बनाए जाएं तो अगले ही दिन सोने की खान हाथ लगती है.

Kinderprostitution in Bangladesch
तस्वीर: M.-U.Zaman/AFP/GettyImages

अमेजन जंगल की गोद में बसा पेरू का शहर माद्रे दे डियोस किसी समय में अपनी प्राकृतिक सुंदरता और सोने की खानों के लिए मशहूर था. लेकिन अब यह सबसे बदनाम शहरों में गिना जाता है. सोने के अवैध खनन ने इसे खोखला कर दिया है और अब यह देह व्यापार और चाइल्ड ट्रैफिकिंग का अड्डा बन चुका है.

2010 में जब सोने के दाम बढ़े तो माद्रे डे डियोस शहर पर तस्करों की नजर पड़ी. यहां सोने का अवैध खनन शुरू हुआ तो कुंआरी लड़कियों से सेक्स करने के अंधविश्वास से देह व्यापार को बढ़ावा मिला. आज पूरे पेरू से यहां लड़कियों को सप्लाई किया जा रहा है. सरकारी आंकड़े बताते हैं कि 2014 से 2016 के बीच मानव और बच्चों की तस्करी के 79 मामले पकड़े गए जबकि 2017 में चाइल्ड ट्रैफिकिंग के 315 मामले पकड़े गए. 

कुंआरी लड़कियों को फंसाया

14 वर्षीय येनेथ इस शहर में वेट्रेस बनने के लिए आई थी. उसे यहां आकर मालूम चला कि उससे कोई और ही काम लिया जाएगा. येनेथ को एक बार में काम करना पड़ा जो असल में एक वेश्याघर था. पहले उसे लगा कि ग्राहकों को खुश करने के लिए उसे सिर्फ हाईहील्स पहनकर डांस करना है, लेकिन बाद में उसे सेक्स के कारोबार में धकेल दिया गया.

येनेथ जैसी कई नाबालिग लड़कियां है जिन्हें माद्रे दे डियोस में खाना पकाने या वेट्रेस का काम देने के नाम पर बुलाया जाता है. लेकिन यहां रोजगार के नाम पर सिर्फ देह व्यापार ही देखने को मिलता है. सोने के खनन ने यहां के खेतों और जंगलों को साफ कर दिया है. लोग इतने गरीब और अनपढ़ हैं कि इनके पास कोई काम करने को नहीं है. माता-पिता खुद अपने बेटियों को वेश्याघरों में भेजते हैं जिससे उनके घर का खर्च निकल सके. माइनिंग करने वालों के ठहरने लिए होटल और उनके अंधविश्वास के लिए वेश्याघर हैं, जिसे यहां के स्थानीय लोग पूरा कर रहे हैं.

अंधविश्वास को मिली मजबूती

दरअसल, माइनिंग एक जोखिम भरा काम है. जो लोग यहां अवैध तरीके से खनन के लिए आते हैं, उनमें जमीन को खोदने और उसके अंदर जाने का डर सताता है. अगर इतनी मेहनत के बाद भी सोना हाथ न लगे तो निराशा होती है. ऐसे में यह अंधविश्वास काम करता है कि अगर कुंआरी लड़की से संबंध बनाए तो उनकी मेहनत बेकार नहीं जाएगी और सोना मिल जाएगा.

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हालत यह है कि रात हो या दिन, यहां के वेश्याघरों के बाहर लड़कियां ग्राहकों का इंतजार करते हुए दिख जाएंगी. किसी संकरी गली में चल रहे ये वेश्याघर चमकीली रोशनी से हमेशा सजे धजे रहते हैं. पेरू में मानव तस्करी के खिलाफ काम करने वाली संस्था सीएचएस अल्टरनैटिवो के मुताबिक अकेले माद्रे दे डियोस में 400 ऐसे बार चलते हैं जहां बच्चियों से देह व्यापार कराया जाता है. यहां काम करने वाली नाबालिग लड़कियां दिन में 13-13 घंटे काम करती हैं.

माता-पिता करवा रहे हैं काम

महिलाओं और बच्चों के लिए काम करने वाली वकील कारमन बुस्टोस कहती हैं, ''मैं इन पीड़ित बच्चियों की मदद करना चाहती हूं. लेकिन इन बेचारियों को माता-पिता ने ही काम करने के लिए भेजा है. ये अपनी उम्र बढ़ाकर बताती है जिससे पुलिस गिरफ्तार न करे. पूछने पर खुद को वेट्रेस या कुक बताएंगी जबकि इनसे सेक्सवर्कर का काम लिया जाता है.''

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वरिष्ठ वकील रोजारियो लोपेज के मुताबिक, ''सरकार अपनी तरफ से कोशिश कर रही है, लेकिन वेश्याघरों में छापा मारने के अलावा रोजगार पैदा करने की जरूरत है. यहां के लोग गरीब, अनपढ़ और बेरोजगार हैं. पहले ये बुनियादी जरूरतें पूरी करनी होंगी, उसके बाद ही मानव तस्करी और देह व्यापार पर लगाम लगाई जा सकेगी.''

वीसी/एमजे (थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन)

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