अमेरिका और ईरान के बीच युद्ध की बढ़ती आशंकाओं के बीच सोने के दाम 2013 के बाद सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गए हैं. प्रति आउंस सोना 1,588.13 डॉलर तक जा पहुंचा है. एक आउंस में 28,34 ग्राम होते हैं.
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दिसंबर महीने की शुरुआत में सोने के दाम प्रति आउंस 1,450 डॉलर थे. लेकिन मध्य पूर्व में बढ़ते तनाव के बीच बीते एक महीने में दाम तेजी से बढ़े हैं. इराक में ईरान के सर्वोच्च जनरल की अमेरिकी हमले में मौत के बाद तो युद्ध जैसे हालात बन रहे हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने कहा है कि अगर ईरान ने अपने जनरल कासिम सुलेमानी की मौत का बदला लेने की कोशिश की तो ईरान पर हमला किया जाएगा.
दूसरी तरफ, ईरान सरकार पर जनता की तरफ से बदला लेने का बहुत ज्यादा दबाव है. अपने परमाणु कार्यक्रम पर हुए समझौते से भी ईरान पीछे हट रहा है. वहीं इराकी संसद ने भी उस प्रस्ताव का समर्थन किया है जिसमें अमेरिकी सैनिकों से देश छोड़ जाने को कहा है.
चाहे सोना इकट्ठा करना आपका शौक हो या केवल इस महंगी चमकदार धातु के प्रति आपको आकर्षण हो, सोने के जुड़ी ये सात दिलचस्प बातें शायद आपको भी ना पता हों.
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सोने से इलाज
गहने बनाने के लिए सदियों से पहली पसंद रहा सोना कई बीमारियों के इलाज में भी उपयोगी है. रुमेटॉइड आर्थराइटिस को ठीक करने के एक तरीके में जोड़ों में सीधे सोने के कण इंजेक्ट किए जाते हैं. सोने के नैनो कणों का इस्तेमाल प्रोस्टेट कैंसर, एचआईवी और मलेरिया की टेस्टिंग के अलावा कुछ खास कैंसर को सोने के रेडियोएक्टिव आइसोटोप की मदद से नष्ट करने में भी होता है. सोने के नकली दांत भी लगते हैं.
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बाहरी दुनिया से आया
माना जाता है कि सोना और इसके जैसी कुछ अन्य कीमती धातुएं करीब 4 अरब साल पहले एक उल्का पिंड के धरती से टकराने से पैदा हुईं. इंग्लैंड की ब्रिस्टल युनिवर्सिटी की एक टीम ने अपनी स्टडी में पाया कि धरती के ठंडा होने के बाद उससे टकराने वाले क्षुद्रग्रहों के साथ आई चीजें धरती पर रह गईं. मिट्टी के साथ मिली ये चीजें बारिश के पानी के कारण धरती की भीतरी सतहों तक पहुंच गईं, जिन्हें अब खनन करके निकाला जाता है.
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खाने की चीज
आपको जान कर हैरानी होगी कि शुद्ध सोना शरीर के अंदर जाने पर भी जहरीला नहीं होता. सोने जैसी बेशकीमती धातुएं ऑक्सिडाइज नहीं होतीं, उन पर जंग नहीं लगती और कई रासायनिक पदार्थों से प्रतिक्रिया भी नहीं करती. शुद्ध सोने के लच्छे खाए भी जा सकते हैं, हालांकि उनसे कोई पोषण नहीं मिलेगा. इस चॉकलेट पर सोना छिड़का हुआ है.
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बड़े काम का सोना
करीब अठहत्तर प्रतिशत सोने का इस्तेमाल गहने बनाने में ही होता है. इसके अलावा बिजली का एक बहुत अच्छा सुचालक होने के कारण इलेक्ट्रॉनिक उद्योग में भी इसकी खूब उपयोगिता है. इस पर जंग नहीं लगती और इसे किसी भी आकार में ढाला जा सकता है. हर तरह के निर्माण कार्य में इसका ये गुण बाकी धातुओं के मुकाबले इसे खास बनाता है.
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मोबाइल में सोना
दुनिया भर जितनी तेजी से मोबाइल फोनों की संख्या बढ़ी है उतना ही उनका कचरा भी. पुराना होने पर फेंक दिए जाने वाले ये मोबाइल सेट असल में कीमती सोने का स्रोत हैं. यूएनईपी की 2009 की रिपोर्ट में बताया गया था कि मोबाइल फोन जैसे इलेक्ट्रॉनिक कचरे के प्रति एक टन में कम से कम 340 ग्राम सोना होता है. क्या आप भी कोशिश करना चाहेंगे, घर पर पड़े पुराने मोबाइल फोन से सोना निकाल कर अमीर बनने की.
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सोना निकालना खतरनाक
सोने के अयस्क को खोद कर निकाला जाता है और फिर सायनाइड से धोकर उसकी फोर्जिंग होती है. सोना तो मिल जाता है लेकिन इस प्रक्रिया के दौरान निकले जहरीले पदार्थों का भी रेडियोएक्टिव कचरे की ही तरह निपटारा किया जाना चाहिए. बड़े स्तर पर इसे निकालने की प्रक्रिया में सायनाइड के प्रदूषण का भी खतरा है, जो अत्यंत जहरीला है.
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एक आउंस सोने से ढका कमरा
अगर एक आउंस सोने की जाली जैसी पतली झिल्ली बना दी जाए तो उससे एक छोटे कमरे की पूरी चौड़ाई को ढका जा सकता है. सोने का इतना पतला तार बनाया जा सकता है जिसकी चौड़ाई इंसान के बाल की भी एक तिहाई हो. एक आउंस सोने से करीब आठ किलोमीटर लंबा धागा बनाया जा सकता है.
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इसके बाद ट्रंप ने प्रतिबंधों की धमकी दी है. मध्य पूर्व में मंडरा रहे अस्थिरता के बादलों का असर दुनिया भर के शेयर बाजारों पर भी देखा जा रहा है. सोमवार सुबह सोने के दाम भी प्रति आउंस रिकॉर्ड 1,588.13 डॉलर यानी एक लाख चार हजार रुपये तक जा पहुंचे. तेल के दामों में भी उछाल दर्ज किया गया है.
मित्सुबिशी यूएफजे फाइनेंशियल ग्रुप (एमयूएफजी) में मुद्रा विश्लेषक ली हार्डमन का कहना है, "ईरान किसी ना किसी स्तर पर तो जवाबी कार्रवाई करेगा. इसीलिए जब तक यह तय नहीं हो जाता है कि अमेरिका और ईरान के बीच हालात किस तरह के रहने वाले हैं, तब तक निवेशकों में चिंता बनी रहेगी." उनका यह भी मानना है कि इन दोनों देशों के तनाव के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था की विकास दर भी प्रभावित हो सकती है. खासतौर से तेल के दाम बढ़ने पर चुनौतियां बढ़ेंगी.
वहीं, यूबीएस ग्लोबल वेल्थ मैनेजमेंट में मुख्य निवेश अधिकारी मार्के हायफेले कहते हैं, "भू-राजनैतिक घटनाओं का पहले अंदाजा लगाना मुश्किल होता है. लेकिन इससे पहले जब भी तनाव बहुत बढ़ा है, तब हमने देखा है कि व्यापक बाजार पर उसका असर कुछ ही समय रहता है जबकि स्थानीय बाजारों को उसके दुष्प्रभावों से निपटने में बड़ा समय लगता है."
सोना दुनिया भर में पसंद किया जाता है. फोर्ब्स पत्रिका ने वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के हवाले से बताया है कि दुनिया के इन 10 देशों के पास सोने के सबसे बड़े रिजर्व हैं.