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सोने पर टैक्स से उड़ गई नींदें

२७ दिसम्बर २०१३

भारत में शादियों का मौसम जोरों पर है. साथ ही जारी है खूब दिखावे और भीड़ भड़क्के वाले आयोजनों में दुल्हनों पर ढेर सारे सोने के गहनों की नुमाईश भी. मगर महंगाई ने इनकी चमक फीकी कर दी है.

सोना खरीदना शौक भी है और निवेश भीतस्वीर: SAM PANTHAKY/AFP/Getty Images

भारत की व्यवसायिक राजधानी मुंबई के रहने वाले रजनीकांत मेहता हर पिता की तरह बड़े अरमानों से अपने बच्चों की शादी करना चाहते हैं. मेहता मुंबई के बाहरी इलाके में मौजूद एक फैक्ट्री के मालिक हैं. अपनी हैसियत और शौक के हिसाब से वे अपने बेटे की होने वाली पत्नी को एक लाख रूपये का हार भेंट करना चाहते हैं. समस्या यह है कि इतने पैसों में उन्हें जैसे गहने मिल रहे हैं, वे उससे बिल्कुल खुश नहीं. पिछले तीन साल में भारत में सोने के दाम करीब 50 प्रतिशत तक बढ़े हैं.

परंपराओं और भावनाओं से जुड़ा सोना

मेहता शिकायती स्वर में कहते हैं, "सोने के दाम कम होने चाहिए." उन्हें भारत में सोने के बढ़े हुए भाव से भी बड़ी दिक्कत है, "पूरी दुनिया ग्लोबलाइज्ड हो चुकी है. अगर यहां भी दाम बाकी जगहों जितने ही हों, तो सोने की बिक्री खूब बढ़ेगी."

दूसरी ओर भारत सरकार मेहता और उनके जैसे करोड़ों लोगों के अरमानों के उलट सोने की खरीदारी कम करने की कोशिशों में लगी हुई है. आयात के मामले में तेल के बाद देश में सबसे ज्यादा यह कीमती धातु ही आती है.

भारत में सोने की खरीददारी सिर्फ धन दौलत के प्रदर्शन या शौक के लिए ही नहीं होती. इसके पीछे भारतीय संस्कृति का हजारों साल पुराना इतिहास भी है. हिंदु मान्यताओं के अनुसार, सृष्टि की रचना करने वाले देवता ब्रह्मा का जन्म एक सोने के अंडे से हुआ था. हिंदुओं की ही देवी लक्ष्मी के हाथों से सोने के सिक्कों को लगातार गिरते हुए दिखाया जाता है. इन वजहों से भी शादी के समय दुल्हन को सोना उपहार के रूप में देना बहुत शुभ माना जाता है.

भारतीय खरीदते हैं दुनिया में सबसे ज्यादा सोनातस्वीर: RAVEENDRAN/AFP/Getty Images

आयात शुल्क में बढ़ोतरी

भारत के वित्त मंत्रालय ने अगस्त में सोने पर कस्टम ड्यूटी दो से बढ़ाकर 10 फीसदी कर दी. सोने के आयात की वजह से भारत सरकार के कोष से डॉलर बड़े पैमाने पर बाहर निकल रहे थे. इसे रोकने के लिए भारत ने सोने के आयात पर तरह तरह के शुल्क लगा दिए. इससे सोने के आयात में गिरावट आई है.

पहले अनुमान लगाया जा रहा था कि 2013 के दौरान एक हजार टन सोने की खपत होगी लेकिन अब यह मांग घट कर 900 टन रह गई है. दुनिया भर में भारत सोने की खरीदारी में सबसे आगे है. आभूषण उद्योग से जुड़े लोगों का कहना है कि इस धातु के आयात पर लगी पाबंदी की वजह से इस साल चीन पहली बार भारत को पछाड़ कर दुनिया में सोने का सबसे बड़ा खरीदार बन सकता है. चीन में इस साल एक हजार टन सोने की खपत का अनुमान है, जबकि भारत में खपत में सौ टन की कमी होने के आसार हैं.

शादी में सोने के गहने देने का है खूब चलनतस्वीर: RAVEENDRAN/AFP/Getty Images

नए टैक्स कानूनों के लागू होने और रूपये के डॉलर के मुकाबले कमजोर होने की वजह से भी भारत में सोना अंतराष्ट्रीय बाजारों के मुकाबले 20 फीसदी महंगा हो गया है. जुलाई से सितंबर की तिमाही में भारत में सोने का आयात करीब 32 फीसदी कम हुआ है. इस कमी से चालू खाते के घाटे को सीमित रखने में मदद मिली है.

बढ़ी है सोने की तस्करी

सोने के आयात पर कड़े प्रतिबंध लग गए लेकिन इसके बावजूद शादी ब्याह के मौके पर इसकी मांग में कोई कमी नहीं आई है. आयात शुल्क बढ़ाने के केंद्र के फैसले के बाद इस कीमती धातु की मांग को पूरा करने के लिए विदेशों से तस्करी का बाजार फलने फूलने लगा है. पिछले कुछ महीनों में कई बार नेपाल और बांग्लादेश से लगी सीमा के जरिए सोने की तस्करी की कई खेपें पकड़ी गई हैं. कस्टम अधिकारियों ने कई ऐसे तस्करों को रंगे हाथों भी धर दबोचा है जो बहुत अनोखे तरीके से सोना छुपा कर ले जाने की कोशिश कर रहे थे. किसी ने मोबाइल फोन की बैटरी की जगह पर सोने का बिस्किट छुपाने का प्रयास किया, तो किसी ने कई सारी सोने की चेनें अपने पैरों में भांधकर कपड़ों के भीतर छुपाकर ले जाने की नाकाम कोशिश की.

ब्रिटेन स्थित विश्व स्वर्ण परिषद की भारतीय शाखा के निदेशक सोमासुंदरम कहते हैं कि वैसे तो यह जानना मुश्किल होगा कि कुल कितने सोने की तस्करी हुई है लेकिन, "हवाईअड्डों और बाकी जगहों पर जितनी जब्तियां हुई हैं, उन्हें देखकर तो यही लगता है कि इस साल तस्करी करीब दोगुनी हो गई है." स्वर्ण परिषद के आंकड़ों के अनुसार थाईलैंड में इस साल की तीसरी तिमाही में पिछले साल के मुकाबले सोने की बिक्री में 125 प्रतिशत की असाधारण वृद्धि दर्ज की गई है. इस अवधि में थाईलैंड में करीब 35 टन सोना बिका और इससे इस संभावना को बल मिलता है कि तस्करों ने काफी मात्रा में सोना वहीं से खरीदा होगा.

सोना है सुरक्षित निवेश

भारत में नवंबर से लेकर जनवरी तक चलने वाले शादियों के मौसम में दुल्हनों को सोने के गहनों में सजाने का प्रचलन संस्कृति और आध्यात्मिकता से भी जुड़ा हुआ है. सोने को शुद्धता का प्रतीक तो माना ही जाता है, साथ ही अगर आगे चलकर शादी में कोई परेशानी आए तो भी सोने के गहने महिला को आर्थिक सुरक्षा देते हैं.

कई लोगों का मानना है कि भारत के दक्षिणी राज्य केरल में तो शादी के मौके पर दुल्हन के गहनों का प्रदर्शन नाटकीयता के स्तर तक पहुंच जाता है. केरल में दुल्हन के शरीर पर बीस से तीस गहने दिखना एक आम बात है. ऐसे में वहां के स्थानीय महिला आयोग ने तो ऐसी मांग भी कर डाली है कि दुल्हन अधिक से अधिक कितने गहने पहन सकती है, इसके लिए भी कानून बनाया जाए. इस तरह की मांग का वहां के निवासी विरोध कर रहे हैं, क्योंकि यह उनके लिए एक भावनात्मक मामला भी है.

केरल में जमीन की खरीद फरोख्त का कारोबार करने वाले एक व्यवसायी की बेटी अभिरामी दामोदरन की शादी होने वाली है. उन्होंने अभी अभी अपनी गहनों की खरीदारी पूरी की है. उनके सोने के गहनों का वजन करीब 3.2 किलो है और इस पर उन्होंने लगभग 96 लाख रूपए खर्च किए हैं, "सोना सबको पसंद होता है. शादी भी जीवन में एक बार ही होती है." जल्दी ही दुल्हन बनने वाली दामोदरन कहती हैं, "जब हम सोना पहनते हैं तो सिर्फ दुल्हन ही खुश नहीं होती, उसके मां बाप को भी बहुत खुशी होती है. वे अपनी बेटी के भविष्य में निवेश के तौर पर सोना देते हैं."

आरआर/आईबी (एपी)

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