फेसबुक, ट्विटर और गूगल का कहना है कि हांगकांग सरकार ने उनसे जो यूजर डाटा मांगा था फिलहाल वे वह जानकारी नहीं देंगी. वहीं टिक टॉक ने हांगकांग को अलविदा कहने का फैसला किया है.
विज्ञापन
चीन में अमेरिकी सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म प्रतिबंधित हैं. फायरवॉल के जरिए चीन इन्हें ब्लॉक करता है. लेकिन हांगकांग में अब तक ऐसा नहीं था. अब नया कानून लागू होने का बाद कंपनियां समझने की कोशिश कर रही हैं कि उनके लिए इसका क्या मतलब है. फेसबुक, माइक्रोसॉफ्ट, गूगल, ट्विटर और जूम समेत अमेरिका की सभी बड़ी इंटरनेट कंपनियों का कहना है कि वे फिलहाल हांगकांग प्रशासन की यूजर डाटा की मांग का जवाब नहीं दे रही हैं.
व्हाट्सऐप और इंस्टाग्राम भी फेसबुक के अंतर्गत ही आते हैं. कंपनी ने अपने औपचारिक बयान में कहा है कि वह नेशनल सिक्यूरिटी लॉ की समीक्षा कर रही है और कानूनी दांवपेंच समझने के बाद ही कोई जवाब देने की हालत में होगी. गूगल और ट्विटर ने भी कहा कि कानून लागू होते ही उन्होंने भी हांगकांग प्रशासन की मांग को रिव्यू करने के लिए भेज दिया है. कुछ इसी तरह के बयान जूम और माइक्रोसॉफ्ट ने भी जारी किए. वहीं एप्पल का कहना है कि उससे इस तरह की कोई मांग नहीं की गई. एप्पल के अनुसार "लीगल असिस्टेंस" संधि के तहत हांगकांग अगर कोई भी जानकारी चाहता है, तो उसे अमेरिका के कानून मंत्रालय के जरिए यह मांग रखनी होगी.
हांगकांग को टिक टॉक का अलविदा
इन सब कंपनियों से अलग टिक टॉक ने बड़ा फैसला लेते हुए हांगकांग में अपनी सेवाएं बंद कर दी हैं. इस मामले में फर्क यह भी है कि जहां बाकी कंपनियां अमेरिकी हैं, टिक टॉक चीनी कंपनी बाइट डांस का ऐप है. चीनी ऐप होने के बावजूद चीन में टिक टॉक उपलब्ध नहीं है. और अब से हांगकांग में भी ऐसा ही होगा. बाइट डांस के एक जानकार ने बताया कि टिक टॉक के लिए यह एक बहुत ही छोटा और घाटे वाला शहर है.
इन तरीकों से प्रदर्शनकारियों और उपद्रवियों को किया जाता है नियंत्रित
हांगकांग में इन दिनों प्रदर्शन चल रहा है. पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर काबू पाने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल किया. एक नजर उन तरीकों पर जिससे दुनिया के विभिन्न हिस्सों में प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित किया जाता है.
तस्वीर: Getty Images/AFP/S. Pakiding
लाठी चार्ज
उग्र विरोध-प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों तितर-बितर करने के लिए कुछ देशों में लाठी चार्ज का भी सहारा लिया जाता है. भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश में लाठी चार्ज के मामले अक्सर आते हैं. 2019 में हांगकांग में प्रत्यर्पण बिल को लेकर हो रहे प्रदर्शन के दौरान पुलिन इसी से मिलता-जुलता तरीका अपनाया. हालांकि विकसित देशों में लाठी चार्ज को अमानवीय करार दिया गया है.
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/R. Abd
आंसू गैस
उग्र प्रदर्शन या उपद्रव को नियंत्रित करने के लिए पुलिस आंसू गैस का प्रयोग करती है. आंसू गैस की वजह से आंखों में तेज जलन होती है और यह भीड़ को दूर हटने पर मजबूर कर देती है.
तस्वीर: picture-alliance/Photoshot
मिर्ची बम
मिर्ची बम को आलियोरेजन भी कहा जाता है. फेंकने के बाद जब यह फटता है तो आंखों और त्वचा में जलन होने लगती है. हालांकि, जब लोगों की संख्या काफी ज्यादा होती है तो यह तरीका उतना असरदार नहीं होता है. इसका असर कुछ लोगों पर ही हो पाता है.
तस्वीर: AP
प्लास्टिक की गोलियां
पुलिस उपद्रवियों पर नियंत्रण के लिए प्लास्टिक की गोलियों का इस्तेमाल करती है. इससे जान को नुकसान नहीं पहुंचता है लेकिन चोट की वजह से लोग भाग जाते हैं.
तस्वीर: Reuters
रबर की गोलियां
रबर की गोलियों का प्रयोग पुलिस वैसे समय में करती है जब उन्हें लगता है कि प्रदर्शनकारी उग्र हो चुके हैं. रबर की गोलियां शरीर को चोटिल कर देती है और इससे किसी की जान जाने का खतरा भी नहीं होता है.
तस्वीर: Imago Images/ZUMA Press/V. Yuen
वॉटर कैनन
प्रदर्शनकारियों को तितर बितर करने के लिए पुलिस अक्सर वॉटर कैनन का इस्तेमाल करती है. इसमें प्रदर्शनकारियों के ऊपर पानी की तेज बौछार की जाती है. बौछार के दायरे में आने वाले लोग पानी के वेग से छटक से जाते हैं.
तस्वीर: AFP/STRINGER
पैलेट गन
भारत के जम्मू-कश्मीर में पत्थरबाजों को नियंत्रित करने के लिए पैलेट गन का इस्तेमाल किया गया था. इसमें एक बार में प्लास्टिक और रबर के कई छर्रे निकलते हैं जो सामने वाले को घायल कर देते हैं. हालांकि, कई मानवाधिकार संगठनों ने इस तरीके का मुखर विरोध किया. कहा गया कि इस वजह से कई लोगों की आंखों की रौशनी चली गई. कुछ लोगों के चेहरे पूरी तरह से खराब हो गए.
तस्वीर: Imago Images/S. Majeed
7 तस्वीरें1 | 7
चीन ने 1 जुलाई को हांगकांग में विवादित राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू किया, जिसके लिए चीन की काफी आलोचना हो रही है. चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लीजियान से जब इस कानून के कारण टिक टॉक के हांगकांग छोड़ने पर सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा कि एक बार कानून पूरी तरह लागू हो जाए, तो व्यापार बेहतर हो सकेगा, "हम उम्मीद करते हैं कि संबंधित पक्ष देश की संप्रभुता और सुरक्षा के हित में चीन के अधिकारों को निष्पक्ष होकर और वाजिब तरीके से देखेंगे और हांगकांग के मुद्दे पर संभल कर बोलेंगे, सिर्फ चुनिंदा जानकारी को आधार बना कर इस मुद्दे का राजनीतिकरण नहीं करेंगे."
इंटरनेट सेंसरशिप पर जोर
इस नए कानून को लेकर पूरी जानकारी अब तक नहीं है लेकिन सोमवार देर रात जारी की गई कुछ जानकारी के अनुसार पुलिस के पास इंटरनेट सेंसरशिप के लिए अब ज्यादा अधिकार होंगे. राष्ट्रीय सुरक्षा को आधार बनाकर इंटरनेट से जानकारी हटाने को कहा जा सकता है. यूनिवर्सिटी ऑफ हांगकांग के एसोसिएट प्रोफेसर किंग वा फू का कहना है कि हांगकांग में भी अब इंटरनेट सेंसरशिप उसी तरह से की जाएगी जैसे चीन में की जाती है, "इसी वजह से (अमेरिकी कंपनियां) स्थिति का जायजा ले रही हैं. मेरे पास भविष्य दिखाने वाली गेंद तो नहीं है लेकिन मैं इतना जरूर कह सकता हूं कि यह नया कानून फ्री इंटरनेट को हरगिज बर्दाश्त नहीं करेगा और हांगकांग में आने वाले दिनों में और प्रतिबंध लगाए जाएंगे."
हांगकांग के निवासियों का कहना है कि वे अपनी सोशल मीडिया पोस्ट को दोबारा देख रहे हैं और ऐसी पोस्ट हटा रहे हैं, जो उनके लिए समस्या बन सकती हों. यहां रहने वाले 26 वर्षीय रिचर्ड लाई ने कहा, "मैं सोशल मीडिया का इस्तेमाल जारी रखूंगा लेकिन सिर्फ जानकारी हासिल करने के लिए. मैं खुद कभी, कुछ भी पोस्ट नहीं करूंगा."
हांगकांग में क्या गुल खिला रहा है चीन का नया कानून
हांगकांग में चीन का नया राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू होने के पहले ही दिन वहां पुलिस ने कम से कम 70 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है. गिरफ्तार हुए सभी लोगों को जेल में लंबा समय बिताना पड़ सकता है.
तस्वीर: Getty Images/AFP/D. de la Rey
पहला दिन
विवादित राष्ट्रीय सुरक्षा कानून हांगकांग में लागू हो चुका है. शहर की मुख्य कार्यकारी कैरी लैम ने प्रेस वार्ता में नए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून की प्रतियां जारी कीं. आलोचकों का कहना है कि इस तरह का कड़ा कानून चीन की मुख्य भूमि पर भी नहीं है.
तस्वीर: Getty Images/AFP/D. Suen
वर्षगांठ
एक जुलाई को हांगकांग को ब्रिटेन द्वारा चीन को सौंपे जाने की वर्षगांठ भी होती है. कैरी लैम ने अधिकारियों और अतिथियों के साथ हांगकांग स्पेशल एडमिनिस्ट्रेटिव रीजन की स्थापना की 23वी वर्षगांठ भी मनाई.
तस्वीर: Reuters/Hong Kong Information Services
विरोध
हांगकांग की सड़कों पर लोकतांत्रिक प्रदर्शनकारियों ने नए कानून के विरोध में रैली निकाली. हजारों लोग रैली में शामिल हुए और "अंत तक प्रतिरोध" और "हांगकांग आजादी" जैसे नारे लगाए.
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/V. Yu
"न्याय के लिए"
प्रदर्शनकारियों का कहना था कि उन्हें जेल जाने का डर है लेकिन न्याय की की खातिर विरोध करना जरूरी है.
तस्वीर: Reuters/T. Siu
चेतावनी
प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए पुलिस के दंगा रोकने वाले दल ने सड़कों पर गश्त लगाई, लेकिन विरोध रैली फिर भी निकाली गई.
तस्वीर: Reuters/T. Siu
पहली गिरफ्तारियां
रैली में लोगों ने विरोध के कई बैनर भी लहराए. एक व्यक्ति, जिसके पास हांगकांग की आजादी का एक झंडा था, नए सुरक्षा कानून के तहत गिरफ्तार होने वाला पहला व्यक्ति बन गया.
तस्वीर: Getty Images/AFP/D. de la Rey
"राजद्रोह"
पुलिस ने जगह जगह लोगों को रोकने के लिए घेराबंदी की थी. नारे लगाते और बैनर लहराते प्रदर्शनकारियों को पहली बार नए कानून के तहत पुलिस कार्रवाई की चेतावनी दी गई. उन्हें कहा गया कि उन पर 'राजद्रोह' के साजिश के लिए कार्रवाई हो सकती है.
तस्वीर: Getty Images/A. Kwan
दमन
पुलिस ने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की. जमा लोगों को तीतर-बितर करने के लिए पानी की बौछारों का भी इस्तेमाल किया गया.
तस्वीर: Reuters/T. Siu
पुलिस बनाम प्रदर्शनकारी
प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए हांगकांग पुलिस को काफी आलोचना झेलनी पड़ी है. इस तरह के दृश्य हांगकांग में पिछले साल हुए प्रदर्शनों के दौरान भी देखने को मिले थे.
तस्वीर: Getty Images/A. Kwan
पत्रकारों पर हमला
रैली के दौरान पुलिस ने पत्रकारों को भी नहीं बख्शा और उनके खिलाफ पेप्पर स्प्रे का इस्तेमाल किया.